भोपाल। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने मध्य प्रदेश के बाल सुधार गृहों में अंडा और चिकन जैसे मांसाहार नहीं देने का निर्णय लिया है. विभाग में 25 अगस्त को जारी नियमों को संशोधन करते हुए पूर्व में दिए गए सभी निर्देशों को हटा दिया है. पहले इसमें बाल सुधार गृहों में मांसाहारी बच्चों को अंडे और चिकन परोसे जाने का प्रावधान किया गया था.
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पुराने निर्देश बदले: सुधार गृहों में अंडा और चिकन परोसे जाने के 25 अगस्त को जारी अपने निर्देशों को महिला बाल विकास विभाग ने विलोपित कर दिया है. इन नियमों को किशोर न्याय बोर्ड संबंधी नियमों की कंडिका 36 के नियम क्रमांक 15 को पूरी तरह विलोपित कर दिया गया है. वही नियम 36 की कंडिका तीन के सरल क्रमांक 16 में शाकाहारी शब्द को सभी बच्चों के लिए लागू करने का निर्णय लिया गया है.
अब यह होगा मेन्यू: महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस संबंध में पूर्व में जारी नियमों को शिथिल करते हुए नया मेन्यू बनाया है. जिसमें अब गैर शाकाहारी दिवसों पर शाकाहारी बालकों को प्रति व्यक्ति 60 ग्राम गुड़ और 60 ग्राम मूंगफली लड्डू के आकार में या अन्य कोई स्वदेशी या 100 ग्राम पनीर या न्यूट्रीन सप्लीमेंट देने संबंधी प्रावधान समाप्त कर दिया है. इसी नियम की कंडिका 8 (3)के तहत पहले दूध, अंडे, चीनी, फलों जैसे पोषण का अतिरिक्त आहार नियमित आहार के अलावा संस्था के चिकित्सक की सलाह पर जारी किए जाने का प्रावधान किया गया था. अब चिकित्सक की सलाह पर भी अंडा या चिकन नहीं दिया जाएगा.