भोपाल। भाजपा के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार में सांस्कृतिक और धार्मिक न्यास मंत्री उषा ठाकुर ने सूबे में चल रहे मदरसों के सर्वेक्षण की मांग की है. मंत्री ने इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को बंद करने की मांग की. यह मांग उत्तर प्रदेश द्वारा वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच के आदेश के बाद की गई है. ठाकुर ने कहा, मैंने स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है और पूरे मध्य प्रदेश में चल रहे सभी मदरसों के सर्वेक्षण की मांग की है.
हालांकि, ठाकुर की मांग से पहले राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) ने इसकी सिफारिश की थी. इस साल मई में भोपाल की यात्रा के दौरान, एमसीएम सदस्य सैयद शहजादी ने मदरसों के सर्वेक्षण की सिफारिश की थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि मदरसों के पास उचित बुनियादी ढांचा और सुविधाएं हैं या नहीं. (Usha Thakur demand for survey madrasa)
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मध्य प्रदेश सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य में लगभग 2,650 पंजीकृत मदरसे हैं और उनमें से प्रत्येक को राज्य सरकार से 25,000 रुपये का वार्षिक अनुदान मिलता है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 2019 से मध्य प्रदेश में नए मदरसों का रजिस्ट्रेशन बंद है. (Minister Usha Thakur )
हालांकि, मध्य प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या पर कोई आधिकारिक डेटा नहीं है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि लगभग 500 से 550 मदरसे अवैध रूप से चल रहे हैं. मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण समिति ने दावा किया है कि, उसे भोपाल में कम से कम 4 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं. (MP Madarsa Survey) :आईएएनएस