भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार कृषि मंडियों में लगे इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों की खरीद की जांच कराने जा रही है. प्रदेश भर में करीब 62 करोड़ की लागत से लगाए गए तौल कांटों में भारी भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली हैं. बताया जा रहा है कि कई मंडियों में तो पच्चीस लाख के तौल कांटों की खरीद में नियमों का पालन ही नहीं किया गया है.
प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने भी इस मामले को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने पिछले दिनों कृषि मंत्री सचिन यादव से सार्वजनिक मंच पर कहा था कि तौल कांटों के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. बता दें कि प्रदेश में 257 छोटी-बड़ी कृषि मंडियां हैं. इन मंडियों में पिछली बीजेपी सरकार के समय तौल कांटे लगवाए गए हैं.
बताया जाता है कि तौल कांटों की खरीद में नियमों का पालन नहीं किया गया. कुछ स्थानों पर तो कोटेशन बुलाकर ही तौल कांटे लगा दिए गए. सभी मंडियों के लिए 25-25 लाख का बजट तय किया गया था. कहीं तौल कांटे खराब पड़े हैं तो कहीं इसे लगाने के लिए छतों का निर्माण तक नहीं हुआ, लेकिन ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर दिया गया है.
बीजेपी सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे लगाने के लिए 62 करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया है. वहीं, कृषि मंत्री सचिन यादव के मुताबिक सरकार कृषि मंडियों में लगे तौल कांटों की जांच कराएगी और भ्रष्टाचार सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार बीजेपी सरकार के 15 साल के भ्रष्टाचार को उजागर करने का दावा करती रही है.