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भोपाल: मंडियों में लगे इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों की खरीद की जांच कराएगी सरकार - Electronic Weighing machines

प्रदेश सरकार जल्द ही मंडियों में लगे इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों की खरीद की जांच कराने जा रही है. पिछले दिनों कृषि मंत्री सचिन यादव ने भी कहा था कि तौल कांटों के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है.

मंडियों में लगे इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों की होगी जांच
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Published : Mar 6, 2019, 10:58 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार कृषि मंडियों में लगे इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों की खरीद की जांच कराने जा रही है. प्रदेश भर में करीब 62 करोड़ की लागत से लगाए गए तौल कांटों में भारी भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली हैं. बताया जा रहा है कि कई मंडियों में तो पच्चीस लाख के तौल कांटों की खरीद में नियमों का पालन ही नहीं किया गया है.

प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने भी इस मामले को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने पिछले दिनों कृषि मंत्री सचिन यादव से सार्वजनिक मंच पर कहा था कि तौल कांटों के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. बता दें कि प्रदेश में 257 छोटी-बड़ी कृषि मंडियां हैं. इन मंडियों में पिछली बीजेपी सरकार के समय तौल कांटे लगवाए गए हैं.

बताया जाता है कि तौल कांटों की खरीद में नियमों का पालन नहीं किया गया. कुछ स्थानों पर तो कोटेशन बुलाकर ही तौल कांटे लगा दिए गए. सभी मंडियों के लिए 25-25 लाख का बजट तय किया गया था. कहीं तौल कांटे खराब पड़े हैं तो कहीं इसे लगाने के लिए छतों का निर्माण तक नहीं हुआ, लेकिन ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर दिया गया है.

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मंडियों में लगे इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों की होगी जांच

बीजेपी सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे लगाने के लिए 62 करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया है. वहीं, कृषि मंत्री सचिन यादव के मुताबिक सरकार कृषि मंडियों में लगे तौल कांटों की जांच कराएगी और भ्रष्टाचार सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार बीजेपी सरकार के 15 साल के भ्रष्टाचार को उजागर करने का दावा करती रही है.

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार कृषि मंडियों में लगे इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों की खरीद की जांच कराने जा रही है. प्रदेश भर में करीब 62 करोड़ की लागत से लगाए गए तौल कांटों में भारी भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली हैं. बताया जा रहा है कि कई मंडियों में तो पच्चीस लाख के तौल कांटों की खरीद में नियमों का पालन ही नहीं किया गया है.

प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने भी इस मामले को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने पिछले दिनों कृषि मंत्री सचिन यादव से सार्वजनिक मंच पर कहा था कि तौल कांटों के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. बता दें कि प्रदेश में 257 छोटी-बड़ी कृषि मंडियां हैं. इन मंडियों में पिछली बीजेपी सरकार के समय तौल कांटे लगवाए गए हैं.

बताया जाता है कि तौल कांटों की खरीद में नियमों का पालन नहीं किया गया. कुछ स्थानों पर तो कोटेशन बुलाकर ही तौल कांटे लगा दिए गए. सभी मंडियों के लिए 25-25 लाख का बजट तय किया गया था. कहीं तौल कांटे खराब पड़े हैं तो कहीं इसे लगाने के लिए छतों का निर्माण तक नहीं हुआ, लेकिन ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर दिया गया है.

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मंडियों में लगे इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों की होगी जांच

बीजेपी सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे लगाने के लिए 62 करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया है. वहीं, कृषि मंत्री सचिन यादव के मुताबिक सरकार कृषि मंडियों में लगे तौल कांटों की जांच कराएगी और भ्रष्टाचार सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार बीजेपी सरकार के 15 साल के भ्रष्टाचार को उजागर करने का दावा करती रही है.

Intro:मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश की कृषि मंडियों में लगे इलेक्ट्रॉनिक तौल काँटों की जांच कराने जा रही है। करीब 62 करोड़ की लागत से प्रदेशभर की मंडियों में लगाए गए तौल कांटो में भारी भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली है। पता चला है की कई मंडियों में तो पच्चीस लाख के तोल कांटा की खरीद में नियमों का पालन नहीं किया गया है।


Body:प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने भी इसको लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पिछले दिनों कृषि मंत्री सचिन यादव से सार्वजनिक मंच पर कहा था कि तौल काँटों के नाम पर जम कर भ्रस्टाचार हुआ है। बताया जाता है कि प्रदेश में 257 छोटी-बड़ी कृषि मंडियां हैं। इन मंडियों में पिछली बीजेपी सरकार के समय तौल कांटे लगवाए गए हैं। इसमें भ्रष्टाचार की विभाग को भी शिकायतें मिली हैं। बताया जाता है कि तौल काँटों की खरीद में नियमों का पालन नहीं किया गया। कुछ स्थानों पर तो कोटेशन बुलाकर ही तौल कांटे लगा दिए गए। हर मंडी को इसके लिए 25 25 लाख का बजट दिया गया था कृषि मंडियों में तोल कांटो की स्थिति काफी खराब है। कहीं तौल कांटे खराब पड़े हैं तो कहीं इसे लगाने के लिए छतों का निर्माण तक नहीं हुआ, लेकिन इसके बाद भी ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर दिया गया। बताया जाता है कि इलेक्ट्रॉनिक तोल कांटे लगाने में बीजेपी सरकार ने 62 करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया है। उधर कृषि मंत्री सचिन यादव के मुताबिक सरकार कृषि मंडियों में लगे तौल कांटों की जांच कराएगी और भ्रष्टाचार सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार बीजेपी सरकार के 15 साल में वह भ्रष्टाचारियों को उजागर करने की कोशिश में जुटी है। कृषि ऋण माफी के नाम पर प्रदेश भर में हुए भ्रस्टाचार की जांच तो सरकार ने शुरू भी कर दी है। इस मामले में सरकार दो दर्जन मामले भी दर्ज करा चुकी है।


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