भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की है. दरअसल, कमलनाथ द्वारा पत्र में सीएम से सकारात्मक पहल करने की अपील की गई है. हालाकि, इस मांग को शिवराज सरकार ने नकार दिया है.
नई पेंशन स्कीम से लाखों कर्मचारी असहमत
कमलनाथ ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर कहा कि, प्रदेश में 1 जनवरी 2005 से नियुक्त शासकीय कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को समाप्त कर नई पेंशन स्कीम शुरू की गई है, लेकिन नई पेंशन स्कीम से प्रदेश के लाखों कर्मचारी सहमत नहीं है और कई वर्षों से नई पेंशन स्कीम को समाप्त कर पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने के लिए आंदोलनरत हैं.
राजस्थान सरकार ने बहाल की है पुरानी पेंशन स्कीम
कमलनाथ ने पत्र में यह भी लिखा कि, नई पेंशन स्कीम के दुष्परिणामों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार द्वारा हाल ही में नई पेंशन योजना को समाप्त कर दिया गया है एवं पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की कार्यवाही की गई है. उन्होंने कहा कि, राजस्थान सरकार के उपरोक्त निर्णय को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अंगीकृत किए जाने हेतु प्रदेश के कर्मचारी निरंतर मांग कर रहे हैं.
सेवानिवृत्ति के बाद निश्चिंत हो कर्मचारियों का भविष्य
कमलनाथ ने सीएम शिवराज को लिखे पत्र में यह भी कहा कि, कर्मचारियों के हित में सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए शासन स्तर पर नई पेंशन स्कीम को समाप्त किया जाना चाहिए, जिससे कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद अपने भविष्य को लेकर निश्चिंत हो सके.
सरकार ने किया इंकार
मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को शिवराज सरकार ने नकार दिया है. दरअसल, बजट पेश होने के बाद वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि, प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर कोई भी विचार नहीं कर रही और ना ही इस बारे में आगे विचार किया जाएगा. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए जगदीश देवड़ा ने कहा कि, मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने पेंशन धारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया है.
कर्मचारी सीएम को सौंपेंगे ज्ञापन
मध्यप्रदेश के कर्मचारी 1 जनवरी 2005 से नई पेंशन योजना से सहमत नहीं है, कर्मचारी लगातार कई सालों से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग करते रहे हैं. पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी संगठन 13 मार्च को नेहरू नगर के कलियासोत ग्राउंड में प्रदर्शन करने वाले हैं और इस दौरान वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन भी सौंपेंगे.
क्या है कर्मचारियों की मांग
कर्मचारियों का कहना है कि, 1 जनवरी 2005 से नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बंद कर नई पेंशन योजना लागू की है, इसके तहत कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति होने पर 800 से 1000 तक पेंशन मिलती है. संगठन लगातार पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि, नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी के कुल वेतन का 10% कटौती होती है और शासन की ओर से 12% जमा की जाती है. इस राशि को शेयर मार्केट लगाया जाता है, जिसके चलते कर्मचारियों को शेयर मार्केट ऊपर निर्भर हो गया है. इस तरह रिटायरमेंट होने पर 60% कर्मचारी को नगद दिए जाते है तथा 40% जमा राशि के ब्याज से मिलने वाली राशि को पेंशन के रूप में कर्मचारियों को दिया जाता है, जो आजीविका चलाने के लिए काफी नहीं है.