भोपाल। मध्य प्रदेश के गेहूं की विदेशों में बढ़ती डिमांड को देखते हुए और इसके एक्पोर्ट (wheat exempted from mandi tax)को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. फैसले के तहत मंडियों से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लिया जाएगा. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ला में केन्द्रीय मंत्रियों और एक्सपोर्टर्स से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है. जिसके तहत कोई भी कंपनी या व्यापारी एक लाइसेंस पर प्रदेश की किसी भी मंडी से गेंहू खरीद सकेंगे.
सरकार कराएगी ग्रेडिंग
एक्सपोर्टर्स से चर्चा के बाद लिए गए फैसले में सीएम शिवराज सिंह ने कहा है कि गेंहू की ग्रेडिंग कराने और इसके खर्च की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी जो निर्यातक दी जाएगी. इस अहम फैसले के बाद सीएम ने उम्मीद जताई है कि इससे प्रदेश के गेहूं का विदेशों में निर्यात बढ़ेगा जिससे किसानों को भी फायदा होगा.
केन्द्रीय मंत्री और निर्यातकों से सीएम ने की चर्चा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की देश के बाहर डिमांड बढ़ी है. देश में भी कई लोग ब्रांड एमपी के नाम से गेहूं और आटा बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में गेहूं की बंपर पैदावार होती है, इसको देखते हुए दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और निर्यातकों से चर्चा हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्यात को लेकर रेलवे ने भी भरोसा दिलाया है कि एक्सपोर्ट के लिए रैक की कोई परेशानी नहीं आएगी. केंद्रीय मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया है कि निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना निर्यात कर सकेंगे.
गेहूं निर्यात के संबंध में लिए गए कई अहम फैसले
- प्रदेश का गेहूं निर्यात करने पर उस पर मंडी टेक्स में छूट दी जाएगी.
- भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
- एक लाइसेंस पर कंपनी या व्यापारी कहीं भी गेहूं खरीद सकेंगे.
- एक्सपोर्टर किसी स्थानीय मंडी से पंजीयन कराकर ऑनलाइन नीलामी में हिस्सा ले सकेगा।
- गेहूं की वेल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियों में इंफ्रास्ट्रक्चर, लैब की सुविधा भी निर्यातकों को उपलब्ध कराई जाएगी.
- मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस की सुविधा निर्यातकों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी.