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MP Borad Exam: 14 साल बाद बोर्ड परीक्षाओं की वापसी, सिर्फ इन छात्रों को देना पड़ेगा एग्जाम

प्रदेश में 14 साल बाद एक बार फिर पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं होने जा रही हैं. मार्च में होने वाली यह परीक्षाएं एक महीने देरी यानी की अप्रैल में होगी. लेकिन खास बात यह है कि, यह परीक्षाएं सिर्फ सरकारी स्कूलों में ही होंगी, जबकि प्राइवेट स्कूलों को इनसे दूर रखा गया है.

MP Borad Exam
14 साल बाद बोर्ड परीक्षाओं की वापसी
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Published : Feb 5, 2022, 10:51 PM IST

भोपाल। प्रदेश में 14 साल बाद एक बार फिर पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं होने जा रही हैं. मार्च में होने वाली यह परीक्षाएं एक महीने देरी यानी की अप्रैल में होगी. लेकिन खास बात यह है कि, यह परीक्षाएं सिर्फ सरकारी स्कूलों में ही होंगी, जबकि प्राइवेट स्कूलों को इनसे दूर रखा गया है.

14 साल बाद बोर्ड परीक्षाओं की वापसी

छोटे बच्चे बनेंगे मजबूत
छोटे बच्चों का बेस मजबूत करने के लिए एक बार फिर से पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं होने जा रही हैं. दरअसल स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दिसंबर 2021 में इन परीक्षाओं को फिर से कराने की घोषणा की थी. जिसके बाद आनन-फानन में शिक्षा विभाग इसकी तैयारियों में जुट गया था.

प्राइवेट स्कूल को रखा दूर
यह परीक्षाएं फिलहाल सरकारी स्कूलों में ही कराई जाएंगी. प्राइवेट स्कूलों को इनसे दूर रखा गया है. बता दें कि, कई स्कूलों की मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया अभी भी कोरोना के चलते पूरी नहीं हुई है. ऐसे में प्राइवेट स्कूलों को परीक्षा का निर्णय स्वयं लेना है.

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बच्चे नहीं है तैयारी
वहीं, अभिभावक इस फैसले से काफी दुखी हैं. सरकारी स्कूल में कक्षा आठवीं में पढ़ने वाले छात्र के पिता भुवन शुक्ला कहते हैं कि, आठवीं और पांचवी की बोर्ड परीक्षाएं सरकारी स्कूलों में भी नहीं होनी चाहिए. क्योंकि कोरोनाकाल में बच्चों ने पूरी तैयारी नहीं की है, ऐसे में अधिकतर बच्चे फेल हो जाएंगे.

शिक्षा विभाग पूरी तरह तैयार
मामले पर राज्य शिक्षा केंद्र के परीक्षा प्रभारी केपीएस तोमर का कहना है कि, उन्होंने तैयारी पूरी कर ली है. मार्च में होने वाली परीक्षा 1 महीने देरी से यानी अप्रैल में होंगी. जो इस बार सिर्फ सरकारी स्कूल में ही होगी. क्योंकि प्राइवेट स्कूलों ने अपनी जानकारी अभी तक नहीं दी है, ऐसे में उनके बच्चों के परीक्षा परिणाम और परीक्षाओं की जिम्मेदारी उन्हीं स्कूलों को तय करनी होगी. वहीं, भोपाल जिले के जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना के अनुसार, सरकार से निर्देश मिल गए हैं. परीक्षाएं अप्रैल में ही होंगी।

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14 साल पहले होती थी बोर्ड परीक्षा
आपको बता दें कि शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षाएं दो 2007 और 08 में बंद कर दी गई थी. इससे पहले सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पांचवी और आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर होती थी. लेकिन आरटीई लागू होने के बाद पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षाएं बंद कर दी गई थी.

ऐसे में प्रदेश सरकार ने 2019 में आरटीआई में संशोधन किया और इसके तहत पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया. साथ ही फेल होने वाले विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किए जाने का फैसला भी लिया गया.

भोपाल। प्रदेश में 14 साल बाद एक बार फिर पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं होने जा रही हैं. मार्च में होने वाली यह परीक्षाएं एक महीने देरी यानी की अप्रैल में होगी. लेकिन खास बात यह है कि, यह परीक्षाएं सिर्फ सरकारी स्कूलों में ही होंगी, जबकि प्राइवेट स्कूलों को इनसे दूर रखा गया है.

14 साल बाद बोर्ड परीक्षाओं की वापसी

छोटे बच्चे बनेंगे मजबूत
छोटे बच्चों का बेस मजबूत करने के लिए एक बार फिर से पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं होने जा रही हैं. दरअसल स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दिसंबर 2021 में इन परीक्षाओं को फिर से कराने की घोषणा की थी. जिसके बाद आनन-फानन में शिक्षा विभाग इसकी तैयारियों में जुट गया था.

प्राइवेट स्कूल को रखा दूर
यह परीक्षाएं फिलहाल सरकारी स्कूलों में ही कराई जाएंगी. प्राइवेट स्कूलों को इनसे दूर रखा गया है. बता दें कि, कई स्कूलों की मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया अभी भी कोरोना के चलते पूरी नहीं हुई है. ऐसे में प्राइवेट स्कूलों को परीक्षा का निर्णय स्वयं लेना है.

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बच्चे नहीं है तैयारी
वहीं, अभिभावक इस फैसले से काफी दुखी हैं. सरकारी स्कूल में कक्षा आठवीं में पढ़ने वाले छात्र के पिता भुवन शुक्ला कहते हैं कि, आठवीं और पांचवी की बोर्ड परीक्षाएं सरकारी स्कूलों में भी नहीं होनी चाहिए. क्योंकि कोरोनाकाल में बच्चों ने पूरी तैयारी नहीं की है, ऐसे में अधिकतर बच्चे फेल हो जाएंगे.

शिक्षा विभाग पूरी तरह तैयार
मामले पर राज्य शिक्षा केंद्र के परीक्षा प्रभारी केपीएस तोमर का कहना है कि, उन्होंने तैयारी पूरी कर ली है. मार्च में होने वाली परीक्षा 1 महीने देरी से यानी अप्रैल में होंगी. जो इस बार सिर्फ सरकारी स्कूल में ही होगी. क्योंकि प्राइवेट स्कूलों ने अपनी जानकारी अभी तक नहीं दी है, ऐसे में उनके बच्चों के परीक्षा परिणाम और परीक्षाओं की जिम्मेदारी उन्हीं स्कूलों को तय करनी होगी. वहीं, भोपाल जिले के जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना के अनुसार, सरकार से निर्देश मिल गए हैं. परीक्षाएं अप्रैल में ही होंगी।

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14 साल पहले होती थी बोर्ड परीक्षा
आपको बता दें कि शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षाएं दो 2007 और 08 में बंद कर दी गई थी. इससे पहले सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पांचवी और आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर होती थी. लेकिन आरटीई लागू होने के बाद पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षाएं बंद कर दी गई थी.

ऐसे में प्रदेश सरकार ने 2019 में आरटीआई में संशोधन किया और इसके तहत पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया. साथ ही फेल होने वाले विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किए जाने का फैसला भी लिया गया.

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