भोपाल। मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अमित शाह की मौजूदगी में वन ग्राम समितियों को करोड़ों रुपए बांटे और वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाए जाने की घोषणा भी की है, जिससे आदिवासियों को रोजगार और वित्तीय सहायता भी मिलेगी. (MP Agriculture Minister Kamal Patel exclusive interview)
सवाल: वन ग्राम समितियों को करोड़ो की सौगात, ये कैसे हुआ?
जवाब: कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि हमारी सरकार ने 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया है और खासतौर से हरदा जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र भी है, जहां पर वन ग्रामों को राजस्व गांव बनाया गया है.
सवाल: अभी किसानों की मूंग की फसल है, लेकिन बिजली संकट है. किसानों के लाभ कैसे मिल पायेगा?
जवाब: कृषि मंत्री ने कहा कि अब मध्यप्रदेश में फसलों का उत्पादन बढ़ा है. अभी किसानों ने गर्मी की मूंग बोई है और वह भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समर्थन मूल्य पर खरीद लेंगे, जिससे किसानों को लाभ हो सके.
सवाल: मप्र के वन ग्राम अब राजस्व ग्राम होंगे, किस तरह का फायदा मिलेगा?
जवाब: कमल पटेल का कहना है कि हमने नियमों में बदलाव किया, इससे वन कटाई और वनों का 20% लाभ वन ग्राम समिति को मिलेगा. इससे आदिवासियों को रोजगार और वित्तीय सहायता भी मिलेगी.
सवाल: वन ग्राम को राजस्व ग्राम का दर्जा तो मिल गया, लेकिन कहा जा रहा है कि भू-माफिया हावी हो जाएंगे?
जवाब: कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि हरदा जिले में वन ग्राम समितियों को करोड़ों का लाभ हुआ है अमित शाह की मौजूदगी में हरदा जिले की वन ग्राम की एक समिति को 5 करोड़ 42 लाख की राशि मिली है. जहां तक भू-माफिया का सवाल है, तो इसमें कोई गुंजाइश नही क्योंकि हमने ड्रोन से सर्वे कराकर ही वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाया है.
सवाल: कितना फायदा मिलेगा इन वन समितियों को और वन ग्रामों को?
जवाब: पटेल ने कहा कि हरदा जिले में आदिवासियों की वन भूमि की समस्या थी और उन्हें राजस्व ग्राम का दर्जा मिलने के बाद उनको वही अधिकार मिल जाएंगे जो एक सामान्य गांव को मिलते हैं.