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भोपाल के बैरसिया में मिला 4 साल का अतिकुपोषित बच्चा, वजन सिर्फ 4 किलो

राजधानी भोपाल के बैरसिया तहसील के जूनापानी रुनाहा गांव में 4 साल का कुपोषित बच्चा मिला है, जिसका वजन 4 किलो 600 ग्राम बताया जा रहा है. वहीं परिजनों को काफी समझाने के बाद बच्चे को एनआरसी में भर्ती कराने का निर्देश दिया गया है.

राजधानी भोपाल में कुपोषण ने पसारे पैर
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Published : Jun 20, 2019, 10:36 PM IST

Updated : Jun 20, 2019, 11:20 PM IST

भोपाल। बैरसिया के जूनापानी रुनाहा गांव में 4 साल का कुपोषित बच्चा मिला है. बच्चे का वजन 4 किलो 600 ग्राम बताया जा रहा है. आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं ने उसे अतिकुपोषित बच्चों की श्रेणी में रखा है. परिजनों को काफी मनाने के बाद शासन की ओर से बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र (स्मार्ट एनआरसी) में भर्ती कराने के निर्देश दिए गए है.

राजधानी भोपाल में कुपोषण ने पसारे पैर

मामले की जानकारी मिलने पर बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान बच्चे के घर पहुंचे और परिवारवालों का इलाज कराने के लिए मनाने की कोशिश की. बृजेश के मुताबिक परिजनों को काफी समझाने के बाद वो इलाज के लिए तैयार हो गए हैं. बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने कहा है कि एसडीएम, तहसीलदार एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों को बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने के निर्देश दिए हैं.

कुपोषित बच्चे के पिता का कहना है कि जन्म लेने के बाद से ही बच्चा बीमार है. कई जगह इलाज कराने के बाद भी कुछ नहीं हुआ. वो चाहते है उनका बच्चा ठीक हो जाए. पिता का कहना है कि अगर शासन के तरफ से बच्चे का इलाज और देखभाल किया जाता है तो वे इसके लिए तैयार हैं.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मुताबिक बच्चा जब छह माह का था, तभी उन्हें उसके कुपोषित होने की जानकारी मिल गई थी. बच्चे को एनआरसी में भर्ती भी करवाया गया था. लेकिन परिजनों ने वहां से निकालकर कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन बच्चे की तबीयत में सुधार नहीं होने पर वो उसे वहां से भी वापस ले आए थे और फिर कहीं भी बच्चे का इलाज नहीं करवाया.

भोपाल। बैरसिया के जूनापानी रुनाहा गांव में 4 साल का कुपोषित बच्चा मिला है. बच्चे का वजन 4 किलो 600 ग्राम बताया जा रहा है. आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं ने उसे अतिकुपोषित बच्चों की श्रेणी में रखा है. परिजनों को काफी मनाने के बाद शासन की ओर से बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र (स्मार्ट एनआरसी) में भर्ती कराने के निर्देश दिए गए है.

राजधानी भोपाल में कुपोषण ने पसारे पैर

मामले की जानकारी मिलने पर बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान बच्चे के घर पहुंचे और परिवारवालों का इलाज कराने के लिए मनाने की कोशिश की. बृजेश के मुताबिक परिजनों को काफी समझाने के बाद वो इलाज के लिए तैयार हो गए हैं. बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने कहा है कि एसडीएम, तहसीलदार एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों को बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने के निर्देश दिए हैं.

कुपोषित बच्चे के पिता का कहना है कि जन्म लेने के बाद से ही बच्चा बीमार है. कई जगह इलाज कराने के बाद भी कुछ नहीं हुआ. वो चाहते है उनका बच्चा ठीक हो जाए. पिता का कहना है कि अगर शासन के तरफ से बच्चे का इलाज और देखभाल किया जाता है तो वे इसके लिए तैयार हैं.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मुताबिक बच्चा जब छह माह का था, तभी उन्हें उसके कुपोषित होने की जानकारी मिल गई थी. बच्चे को एनआरसी में भर्ती भी करवाया गया था. लेकिन परिजनों ने वहां से निकालकर कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन बच्चे की तबीयत में सुधार नहीं होने पर वो उसे वहां से भी वापस ले आए थे और फिर कहीं भी बच्चे का इलाज नहीं करवाया.

Intro:शर्मसार करने वाली तस्वीरें हाई भोपाल के बैरसिया तहसील गांव में जहां 4 साल के बच्चे का भजन 4 किलो कुपोषण बच्चे Body:बेरसिया/स्लग/कुपोषित

3 साल का कुपोषित बच्चा मरने की कगार पर परिजन नही इलाज के लिए तैयार अधिकारी भी कर चुके भरपूर कोशिश।

एंकर।
भोपाल के बेरसिया में 3 साल के कुपोषित बच्चे को उसके परिजनों ने मरने की कगार पर छोड़ रखा है। जहा एक ओर एसडीएम से लेकर स्वास्थ्य विभाग,महिला बाल विकाश भी कुपोषित बच्चे के इलाज के लिए परिजनों को मनाने की भरपू4 कोशिश कर चुका है मगर कुपोषित बच्चे के परिजन इलाज के लिए तैयार नही हो रहे है।वही जब मीडिया ने परिजन से बात करना चाही तो परिजन ने कैमरे के सामने आने से साफ मना कर दिया।

वाgइट राकेश चोधरी BMO बेरसिया
व्हाइट बृजेंद्र सिंह चौहान बाल आयोग सदस्य
व्हाइट पिता की विकलांग
व्हाइट महिला बाल विकास आंगनवाड़ी कार्यकर्ताConclusion:
Last Updated : Jun 20, 2019, 11:20 PM IST
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