भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर के बाद जुलाई महीने में मप्र सरकार का GST कलेक्शन में ग्रोथ देखने को मिली थी. अब अगस्त महीने में भी प्रदेश का जीएसटी कलेक्शन बढ़ने से सरकार को राहत महसूस हो रही है. प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू हटने के बाद आर्थिक गतिविधियां फिर से चालू हुईं हैं. इसका असर भी दिखाई देने लगा है. सरकारी दबाव के चलते रिटर्न फाइल होने के साथ ही मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर ने भी जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने में अहम रोल अदा किया है.
कोराना काल में गिरा , अब बढ़ रहा है जीएसटी कलेक्शन
कोरोना और लॉकडाउन के चलते अप्रैल,मई और जून में मप्र के जीएसटी कलेक्शन में गिरावट दर्ज हुई थी. जुलाई में प्रदेश का जीएसटी कलेक्शन 2657 करोड़ रुपए रहा जो कि पिछले साल जुलाई 2020 की तुलना से 16 प्रतिशत अधिक था. वहीं अगस्त महीने में मप्र का अगस्त माह में जीएसटी कलेक्शन 2438 करोड़ रहा जो कि पिछले साल अगस्त 2020 के 2209 करोड़ की तुलना में 10 फीसद अधिक है.
मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर ने दिलाया फायदा
सरकार द्वारा रिटर्न फाइल करने के लिए राहत और छूट दिए जाने की योजना के चलते बड़ी संख्या में बकायादारों ने अगस्त माह में अपने जीएसटी रिटर्न फाइल किए हैं. इसके कारण जीएसटी कलेक्शन में वृद्धि हुई है. इसके साथ ही अगस्त माह में मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट,हास्पिटलिटी इंडस्ट्री और फिर सर्विस सेक्टर मे लगातार आर्थिक गतिविधियां चालू रहीं ,जिसने जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने में मदद की.
मनीष त्रिपाठी, टैक्स कंसल्टेंट और सचिव,मप्र टैक्स ला बार एसो,
बाजार की गतिविधियां चालू होने के बाद कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में रुके हुए काम दोगुनी गति से शुरु हो गए हैं. इसका असर अगस्त माह के जीएसटी कलेक्शन में देखने को मिला है।
राजेश जैन,सीए
मार्च 2021 तक के प्रदेश के जीएसटी कलेक्शन की बात करें तो यह आल टाइम हाई पहुंच गया था. मप्र का मार्च 2020 में जीएसटी कलेक्शन 2407.40 करोड़ रुपए था, वहीं मार्च 2021 में यह बढ़कर 2728.49 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इस तरह एक साल में मप्र ने जीएसटी कलेक्शन में 13 प्रतिशत की ग्रोथ की थी.