भोपाल। दंगा प्रभावित खरगोन में 'प्रधानमंत्री आवास योजना' (पीएमएवाई) के तहत बने एक बुजुर्ग महिला के घर को बुलडोजर से तोड़ने के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे जिला प्रशासन ने अब परिवार को नया घर देने की पेशकश की है. आईएएनएस ने 16 अप्रैल को रिपोर्ट किया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ नगर निगम के अधिकारी परिवार से मिलने गए थे, और एक आवासीय भवन में स्थानांतरित करने की पेशकश की थी. फिलहाल परिवार पास में ही एक मस्जिद में रह रहा है.
अंगूठे का लिए निशान: अधिकारियों ने उन्हें राशन उपलब्ध कराने के बाद परिवार के सदस्यों के अंगूठे का निशान भी लिया और उन्हें सूचित किया कि उन्हें मल्टीप्लेक्स में ले जाया जाएगा.
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फ्लैट की पेशकश: बुजुर्ग महिला के बेटे अमजद खान ने आईएएनएस को बताया कि अधिकारियों ने एक मल्टीप्लेक्स में एक फ्लैट की पेशकश की, लेकिन वह इमारत उस इलाके में स्थित है जहां 10 अप्रैल को सांप्रदायिक दंगा हुआ था, इसलिए हमने मना कर दिया. बाद में उन्होंने मुझे बताया कि एक और घर प्रस्तावित किया जाएगा.
नए घर में होंगे शिफ्ट: एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि परिवार गरीब था, इसलिए उन्हें राज्य सरकार के निर्देश पर नए घर में शिफ्ट किया जाएगा. हालांकि, प्रशासन को अभी उस भवन को अंतिम रूप देना है. जिसमें परिवार को स्थानांतरित किया जाएगा.
- प्रशासन ने बताया कि आवासीय उद्देश्यों के लिए पीएमएवाई के तहत घर को मंजूरी दी गई थी. लेकिन परिवार ने इसे अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया और इसलिए इमारत को ध्वस्त कर दिया गया.
तहसीलदार के आदेश पर हुई थी कार्रवाई : जिले के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने सरकारी जमीन पर मकान बनाया है, जबकि पीएमएवाई के तहत उन्हें अलग जगह पर मंजूरी मिली है. इस मामले में तहसील अदालत में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मामला चल रहा था. तहसीलदार ने इसे हटाने के आदेश जारी किए थे. जिसके बाद इसे ध्वस्त कर दिया गया.
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- उन लोगों के 'अवैध' घरों और दुकानों के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान 11 अप्रैल को अधिकारियों द्वारा घर को ध्वस्त कर दिया गया था. जो कथित तौर पर दंगों में शामिल थे, जिसके कारण खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया था. (shivraj government bulldozed pmay houses)
-आईएएनएस