भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भले ही एक साल से ज्यादा का वक्त हो, मगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह चुनावी मोड में नजर आ रहे हैं. उनकी सक्रियता लगातार बढ़ रही है और हर वर्ग तक पहुंचने के साथ उसे खुश करने के लिए भी वे कदम उठाने में लगे हैं. वहीं कांग्रेस मुख्यमंत्री की सक्रियता को अपने ही तरह से देख रही है.
हर वर्ग को खुश करने में जुटे 'मामा': शिवराज सिंह चौहान बतौर मुख्यमंत्री चौथी पारी के दो साल पूरे कर चुके हैं और अगले साल विधानसभा के चुनाव होना तय है. सीएम चौहान इस अवधि का बेहतर उपयोग कर जनता के बीच सकारात्मक संदेश देने की कोशिश में तेजी से जुटे गए हैं. वैसे वे सक्रियता के मामले में अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों के मुकाबले कहीं आगे नजर आते हैं, तो उनके साथ प्रदेश का बीजेपी संगठन भी सातों दिन 24 घंटे काम करता दिखता है.
मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष स्थापित: मुख्यमंत्री इसी कोशिश में लगे हैं कि हर वर्ग तक उनकी पहुंच में इजाफा हो और बड़े वर्ग को संतुष्ट किया जा सके. एक तरफ जहां किसानों के लिए रियायत दी जा रही है, तो गरीबों को राशन और आवास पर जोर है. आधी आबादी यानि कि महिलाओं को आर्थिक तौर पर सबल बनाने के सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में उद्यमिता क्षेत्र में सक्रिय महिलाओं को 100 करोड़ रुपए का मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष भी स्थापित किया गया है. इसके साथ ही भोपाल और इंदौर में अलग इंडस्ट्रियल क्लस्टर भी बनाए जाने की तैयारी है. अन्य माध्यमों से भी महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने के प्रयास जारी हैं.
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अपराधियों पर नकेल कस रही सरकार: प्रदेश में कानून व्यवस्था को और सख्त करने के लिए सरकार प्रशासनिक मशीनरी में कसावट लाई है. अब तो दुराचार के आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हो रही है, वहीं उनके मकानों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. ताकि अपराध की फिराक में रहने वालों तक संदेश पहुंचाया जा सके. मुख्यमंत्री की सक्रियता को कांग्रेस अपने ही तरह से देखती है और बुलडोजर चलाए जाने पर तंज कसती हुई कहती है कि, कुर्सी बचाने के लिए मामा अब चले योगी की राह पर.
महिलाओं और पिछड़ों पर फोकस: प्रदेश सरकार युवाओं को लुभाने के लिए बड़ी तादाद में सरकारी भर्तियां निकालने वाली है और इन भर्तियों में महिलाओं को 50 प्रतिशत तक आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है. इसके अलावा जो संपत्ति महिला के नाम पर होगी उस पर स्टांप शुल्क भी अब तीन के बजाय एक ही लिया जाएगा. इतना ही नहीं, पिछड़ा वर्ग पर भी सरकार की नजर है और 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के वादे पर अडिग होने के दावे किए जाते हैं.
इनपुट - आईएएनएस