भोपाल। इन दिनों पूरी दुनिया कोरोना महामारी के खौफ में है और अब तक लोगों को इसकी वैक्सीन उन तक पहुंचने का इंतजार है, लेकिन कुछ लोग दावा भी कर रहे हैं कि कोरोना का इलाज आयुर्वेद में है. इस बात की तह तक जाने के लिए भोपाल के आयुर्वेदिक डॉक्टर अबरार मुल्तानी से बात की गई. अबरार ने बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति करीब दो हजार साल पुरानी है और कोरोना हाल ही में आई बीमारी, ऐसे में उन्होंने इस दावे को खारिज किया है कि आयुर्वेद में इसका इलाज है, सिर्फ सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में आयुर्वेद कारगर है.
प्रसिद्ध आयुर्वेदिक डॉक्टर और लेखक अबरार मुल्तानी ने ईटीवी भारत को बताया कि आयुर्वेद एक बहुत पुरानी चिकित्सा पद्धति है. आयुर्वेद की जानकारी देने वाली किताब चरक संहिता ही लगभग 2000 साल पुरानी है. अब यह दावा कि आयुर्वेद में कोरोनावायरस का इलाज है, ऐसा कहना गलत है. क्योंकि कोविड-19 हाल ही में आई नई बीमारी है.
डॉक्टर मुल्तानी कहते हैं कि आयुर्वेद जो उपचार उपलब्ध कराएगा, वह सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करेगा. वे कहते हैं, 'हमने देखा है कि ईश्वर ने हमारे शरीर के अंदर रोगों से लड़ने की शक्ति दी है. चिकित्सा पद्धति कोई भी हो एलोपैथी, होम्योपैथी हो या आयुर्वेद यह सिर्फ जो शक्ति हमारे शरीर के अंदर है, उस शक्ति को इनहैंस करती है. इसलिए हम ऐसी दवाएं और उपचार लें जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए.'
कोरोना को लेकर अबरार कहते हैं, 'कोरोना जहां अटैक करता है, जैसे कि फेफड़ों पर गले में अगर हम इन्हें शक्तिशाली बनाने में लग जाएं तो हम कोरोना लड़ सकते हैं. लेकिन यह दावा कि हमारे पास कोरोनावायरस का इलाज है, वह पूर्णता गलत है जब तक बड़े लेवल पर दवा का ट्रायल इंसान पर नहीं हो जाता.'