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कमलनाथ सरकार में वल्लभ भवन बन गया था दलालों का अड्डा, हर काम की होगी जांचः नरोत्तम मिश्रा

तत्कालीन कमलनाथ सरकार के शासनकाल में लिए गए फैसलों में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अल्पमत में होने के बाद भी कांग्रेस सरकार लगातार फैसले ले रही थी. जिसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. इन सभी मामलों की जांच की जाएगी.

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नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री
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Published : May 9, 2020, 1:13 PM IST

भोपाल। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सरकार के शासनकाल में हुए टेंडरों में घोटाले के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि, कमलनाथ सरकार में जो भी फैसलें लिए गए हैं, उन सभी की जांच की जाएगी. मिश्रा ने कहा कि, कमलनाथ सरकार अल्पमत में थी. गवर्नर बार- बार सरकार को चिट्ठी लिख रहे थे, लेकिन उसके बाद भी सरकार लगातार फैसले ले रही थी. नियुक्तियां हो रही थी. इन सभी जांच की जाएगी.

नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री

गृहमंत्री ने कहा कि, जब कोई सरकार अल्पमत में होती है, तो वह फैसले नहीं ले सकती. लेकिन कमलनाथ सरकार लगातार बड़े-बड़े टेंडर जारी किए जा रही थी. मंडल आयोगों में अध्यक्षों की नियुक्ति करने में जुटी थी. ये सब तक तब हो रहा था जब राज्यपाल भी सरकार को बहुमत पेश करने के लिए चिट्ठी लिख चुके थे. लेकिन कमलनाथ सरकार उस वक्त न तो बहुमत में थी और न ही बहुमत पेश कर रही थी. वह तो वह फैसले लेते जा रही थी. जिसकी अब जांच होगी.

'जमकर हुआ भ्रष्टाचार'

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, कमलनाथ सरकार के समय वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था. हर काम में भ्रष्टाचार हो रहा था. भ्रष्टाचार के आकंठ में सरकार डूब गई थी. रोज ट्रांसफर पोस्टिंग की सूची निकलती थी. कांग्रेस सरकार केवल अपनी मोनोपॉली चला रही थी. ये सब जांच का विषय है. इसलिए हमनें मुख्यमंत्री से कहा है कि, मंत्रियों का समूह बनाकर कमलनाथ सरकार के द्वारा लिए गए फैसलों की जांच की जाए. क्योंकि ये सभी फैसले प्रदेश की जनता से जुड़े होते हैं. इसलिए हर एक मामले की जांच होना जरुरी है.

भोपाल। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सरकार के शासनकाल में हुए टेंडरों में घोटाले के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि, कमलनाथ सरकार में जो भी फैसलें लिए गए हैं, उन सभी की जांच की जाएगी. मिश्रा ने कहा कि, कमलनाथ सरकार अल्पमत में थी. गवर्नर बार- बार सरकार को चिट्ठी लिख रहे थे, लेकिन उसके बाद भी सरकार लगातार फैसले ले रही थी. नियुक्तियां हो रही थी. इन सभी जांच की जाएगी.

नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री

गृहमंत्री ने कहा कि, जब कोई सरकार अल्पमत में होती है, तो वह फैसले नहीं ले सकती. लेकिन कमलनाथ सरकार लगातार बड़े-बड़े टेंडर जारी किए जा रही थी. मंडल आयोगों में अध्यक्षों की नियुक्ति करने में जुटी थी. ये सब तक तब हो रहा था जब राज्यपाल भी सरकार को बहुमत पेश करने के लिए चिट्ठी लिख चुके थे. लेकिन कमलनाथ सरकार उस वक्त न तो बहुमत में थी और न ही बहुमत पेश कर रही थी. वह तो वह फैसले लेते जा रही थी. जिसकी अब जांच होगी.

'जमकर हुआ भ्रष्टाचार'

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, कमलनाथ सरकार के समय वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था. हर काम में भ्रष्टाचार हो रहा था. भ्रष्टाचार के आकंठ में सरकार डूब गई थी. रोज ट्रांसफर पोस्टिंग की सूची निकलती थी. कांग्रेस सरकार केवल अपनी मोनोपॉली चला रही थी. ये सब जांच का विषय है. इसलिए हमनें मुख्यमंत्री से कहा है कि, मंत्रियों का समूह बनाकर कमलनाथ सरकार के द्वारा लिए गए फैसलों की जांच की जाए. क्योंकि ये सभी फैसले प्रदेश की जनता से जुड़े होते हैं. इसलिए हर एक मामले की जांच होना जरुरी है.

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