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आखिरी सफर भी महंगा: श्मशान में चुकाने होंगे ज्यादा पैसे, कब्र भी एडवांस में

भोपाल के भदभदा मुक्तिधाम पर मृत देह के अंतिम संस्कार के लिए 3500 रुपए चुकाने होंगे. इसके पहले यहां 3000 रूपए की दान राशि देनी होती थी. कब्रिस्तान में भी कब्र खोदने वालों के हाथों में छाले पड़ चुके हैं. अब जेसीबी की मदद से एडवांस में ही कई कब्रें खुदवा ली गईं हैं.

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Published : Apr 17, 2021, 8:53 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 3:34 PM IST

funeral rate goes high
आखिरी सफर भी हुआ महंगा

भोपाल. प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों का कहर थम नहीं रहा है. इसके साथ ही एक और संकट खड़ा हो रहा है वो है रोजाना आ रहे शवों का अंतिम संस्कार. कोरोना के मरीजों के इलाज के बाद अब मृत देह का अंतिम संस्कार करना भी महंगा हो गया है। भोपाल के भदभदा मुक्तिधाम पर मृत देह के अंतिम संस्कार के लिए 3500 रुपए चुकाने होंगे. इसके पहले यहां 3000 रूपए की दान राशि देनी होती थी. कब्रिस्तान में भी कब्र खोदने वालों के हाथों में छाले पड़ चुके हैं अब जेसीबी की मदद से एडवांस में ही कई कब्रें खुदवा ली गईं हैं.

आखिरी सफर भी हुआ महंगा
अंतिम संस्कार भी महंगा
भदभदा विश्राम गृह में रोजाना 60 से 70 बॉडी अंतिम संस्कार के लिए लाई जाती हैं. इनमें से ज्यादातर शवदाह कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हो रहे हैं. डेडबॉडी के बढ़ती संख्या के आगे इंतजाम कम पड़ रहे हैं. अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की भी भारी कमी हो गई है. यही कारण है कि अब विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार की व्यवस्था बदलनी पड़ी है. विश्राम गृह प्रबंधन को अंतिम संस्कार के लिए बाहर से रोजाना कई किव्ंटल लकड़ियां खरीदनी पड़ रही हैं. जिस वजह से प्रबंधन ने दाह संस्कार की राशि बढ़ा दी है. पहले यहां 3000 चुकाने होते थे जिसे बढ़ाकर 3500 रुपए कर दिया है, जबकि सामान्य डेडबॉडी के लिए यह राशि 3100 रुपए की होगी।

सरकार की देख रेख में दिए जा रहे जिंदगी के इंजेक्शन

गोकाष्ठ का होगा इस्तेमाल

प्रबंधन ने सामान्य मृत देह के लिए गो काष्ठ से अंतिम संस्कार की व्यवस्था की है, जबकि जिनकी कोरोना से मौत हुई है उन डेडबॉडी को खुले जलाया जाता है इसलिए ऐसी बॉडीज का अंतिम संस्कार लकड़ियों से किया जाएगा।

एडवांस में तैयार हो रही हैं कब्रें

कोरोना महामारी की भयावहता का नतीजा है जो कोरोना से होने वाली मौतों के बाद डेड बॉडीज को दफनाने के लिए एडवांस में कब्रें तैयार की जा रही हैं.जेसीबी की मदद से इन कब्रों को पहले से ही तैयार करके रखा जा रहा है.साथ ही डंपर से रेत डालकर उस जगह को समतल भी किया जा रहा है. ताकि यहां आने वाले शवों को इन कब्रों में दफनाया जा सके.आमतौर पर कब्र हाथों से ही खोदी जाती है लेकिन लगातार आ रही लाशों को दफनाने के लिए कब्र खोदते-खोदते कब्र खोदने वालों के हाथों में छाले पड़ गए हैं. यही वजह है जेसीबी की मदद से पहले से ही काफी सारी कब्रें खोद ली गई हैं. लाशों को दफनाने वालों का कहना है कि यहां रोजाना 10-20 डेड बॉडीज को दफनाया जा रहा है.

भोपाल. प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों का कहर थम नहीं रहा है. इसके साथ ही एक और संकट खड़ा हो रहा है वो है रोजाना आ रहे शवों का अंतिम संस्कार. कोरोना के मरीजों के इलाज के बाद अब मृत देह का अंतिम संस्कार करना भी महंगा हो गया है। भोपाल के भदभदा मुक्तिधाम पर मृत देह के अंतिम संस्कार के लिए 3500 रुपए चुकाने होंगे. इसके पहले यहां 3000 रूपए की दान राशि देनी होती थी. कब्रिस्तान में भी कब्र खोदने वालों के हाथों में छाले पड़ चुके हैं अब जेसीबी की मदद से एडवांस में ही कई कब्रें खुदवा ली गईं हैं.

आखिरी सफर भी हुआ महंगा
अंतिम संस्कार भी महंगा भदभदा विश्राम गृह में रोजाना 60 से 70 बॉडी अंतिम संस्कार के लिए लाई जाती हैं. इनमें से ज्यादातर शवदाह कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हो रहे हैं. डेडबॉडी के बढ़ती संख्या के आगे इंतजाम कम पड़ रहे हैं. अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की भी भारी कमी हो गई है. यही कारण है कि अब विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार की व्यवस्था बदलनी पड़ी है. विश्राम गृह प्रबंधन को अंतिम संस्कार के लिए बाहर से रोजाना कई किव्ंटल लकड़ियां खरीदनी पड़ रही हैं. जिस वजह से प्रबंधन ने दाह संस्कार की राशि बढ़ा दी है. पहले यहां 3000 चुकाने होते थे जिसे बढ़ाकर 3500 रुपए कर दिया है, जबकि सामान्य डेडबॉडी के लिए यह राशि 3100 रुपए की होगी।

सरकार की देख रेख में दिए जा रहे जिंदगी के इंजेक्शन

गोकाष्ठ का होगा इस्तेमाल

प्रबंधन ने सामान्य मृत देह के लिए गो काष्ठ से अंतिम संस्कार की व्यवस्था की है, जबकि जिनकी कोरोना से मौत हुई है उन डेडबॉडी को खुले जलाया जाता है इसलिए ऐसी बॉडीज का अंतिम संस्कार लकड़ियों से किया जाएगा।

एडवांस में तैयार हो रही हैं कब्रें

कोरोना महामारी की भयावहता का नतीजा है जो कोरोना से होने वाली मौतों के बाद डेड बॉडीज को दफनाने के लिए एडवांस में कब्रें तैयार की जा रही हैं.जेसीबी की मदद से इन कब्रों को पहले से ही तैयार करके रखा जा रहा है.साथ ही डंपर से रेत डालकर उस जगह को समतल भी किया जा रहा है. ताकि यहां आने वाले शवों को इन कब्रों में दफनाया जा सके.आमतौर पर कब्र हाथों से ही खोदी जाती है लेकिन लगातार आ रही लाशों को दफनाने के लिए कब्र खोदते-खोदते कब्र खोदने वालों के हाथों में छाले पड़ गए हैं. यही वजह है जेसीबी की मदद से पहले से ही काफी सारी कब्रें खोद ली गई हैं. लाशों को दफनाने वालों का कहना है कि यहां रोजाना 10-20 डेड बॉडीज को दफनाया जा रहा है.

Last Updated : Apr 19, 2021, 3:34 PM IST
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