भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का एलान किया है. जिस पर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने निशाना साधते हुए इस पैकेज को हेल्पलेस पैकेज बताया है. शर्मा ने कहा कि, पीएम ने अपने भाषण में सड़कों पर चल रहे मजदूरों की कोई बात नहीं की. सिर्फ यह बताने के लिए आए थे कि, लॉकडाउन का चौथा चरण भी आएगा. आप आत्मनिर्भर बनने की बात कर रहे हैं, लेकिन सड़कों पर चल रहे मजदूरों की मदद नहीं कर रहे हैं. सरकार ने अब तक जितना पैसा कोरोना महामारी के समय पर खर्च किया है, उस सब को मिलाकर यह 20 लाख करोड़ का पैकेज होगा.
पीसी शर्मा ने कहा कि, अगर इस पैकेज को एक शब्द में कहूंगा, तो यह हेल्पलेस पैकेज है. मजदूरों के बारे में कल कोई बात नहीं की गई, फिर वही जुमले हैं. अभी तो वंदे भारत अभियान चलाया है, उसके तहत पूरी दुनिया में जो भारत से सक्षम लोग हैं, उनको लेकर आ रहे हैं. लेकिन भारत के जो बंदे सड़क पर पैदल और साइकिल से सैकड़ों किलोमीटर चल रहे हैं, उनकी बात नहीं कर रहे हैं. अब तो हालत यह है कि, लोग अपने जेब में नाम और पते की पर्ची लिखकर चल रहे हैं कि, ना जाने कब मौत आ जाए. ताकि मरने के बाद उनके घर वालों को उनकी जानकारी लग सके.
मजदूरों को घर कौन पहुंचाएगा
पीसी शर्मा ने कहा कि, 'पीएम ने मजदूरों की कोई चर्चा नहीं की. जो मजदूर सड़कों पर चल रहे हैं, इनको कैसे घर पहुंचाया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. घर पहुंचने के बाद क्या इन मजदूरों को पैसे दिए जाएंगे, जिससे इनका जीवन यापन हो सके. जो भी मजदूर आ रहा है, वह कह रहा है कि, अब हम वापस नहीं जाएंगे. आप आत्मनिर्भर बनने की बात कर रहे हो, लेकिन लोग कैसे आत्मनिर्भर होंगे, यह सोचने वाली बात है'.
12 करोड़ लोगों को रोजगार चला गया
पीसी शर्मा ने कहा कि 'मध्यप्रदेश में जो साढ़े 11 लाख मजदूर वापस आए हैं, उनको कैसे रोजगार मिलेगा. छोटे उद्योगों में 5 लाख लोग काम करते थे, उनमें से केवल 50 हजार लोगों के पास काम बचा है. पूरे हिंदुस्तान में लगभग 12 करोड़ लोग, जो किसी न किसी चीज में विशेषज्ञ थे, उनका रोजगार चला गया है. उससे कहीं ज्यादा करोड़ों मजदूरों का रोजगार भी छिन गया. ऐसे हालात में पीएम कह रहे हैं आत्मनिर्भर बनो'.
पूर्व मंत्री ने कहा कि, 'पीएम कल जुमले और केवल जुमले के अलावा कोई बात नहीं कर रहे थे. लॉकडाउन का चौथा चरण कैसा होगा. यह बताने के लिए 4 दिन पहले आए हैं. पता नहीं उनका भाषण किसने तैयार किया था, पूरे हिंदुस्तान का इतिहास बता दिया. आज 21वीं सदी की बात कर रहे हैं. जब यह बात राजीव गांधी करते थे, तो संघ और बीजेपी वाले मजाक उड़ाते थे. हमारे देश में पहले से मंदी थी, अब मंदी चरम पर होगी. हम अमेरिका से हिंदुस्तान की तुलना नहीं कर सकते हैं, कि वहां मौत ज्यादा हुई है. इसलिए हमे ठोस कदम उठाने होंगे'.