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MP Employment Day: बढ़ रहा बेरोजगारी का आंकड़ा, रोजगार मेलों के नाम पर गुमराह करना बंद करें सरकार- कमलनाथ

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Published : Feb 25, 2022, 4:10 PM IST

Updated : Feb 25, 2022, 4:56 PM IST

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज मध्‍य प्रदेश रोजगार दिवस के अवसर पर राज्य सरकार पर कई सवाल उठाए हैं. कमलनाथ ने कहा कि, शिवराज सरकार रोजगार मेलों और रोजगार दिवस (MP Employment Day) के नाम पर बेरोजगार युवाओं को गुमराह करना अब बंद करें.

MP Employment Day
मप्र रोजगार दिवस पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार के खिलाफ उठाए सवाल

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज मध्‍य प्रदेश रोजगार दिवस के अवसर पर राज्य सरकार पर कई सवाल उठाए हैं. कमलनाथ ने कहा कि, शिवराज सरकार रोजगार मेलों और रोजगार दिवस (MP Employment Day) के नाम पर बेरोजगार युवाओं को गुमराह करना अब बंद करें, वर्षों से शिवराज सरकार इस तरह के आयोजन कर युवाओं को गुमराह करने का काम ही करती आई है.

17 वर्षों में कितनों को मिला रोजगार
कमलनाथ ने कहा कि, मुख्यमंत्री यह बताएं कि पिछले 17 वर्षों से प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो इन 17 वर्षों में कितने युवाओं को अभी तक रोजगार दिया गया है. वर्तमान में कितने सरकारी भर्ती के पद खाली हैं, कितने युवाओं ने प्रदेश में रोजगार के अभाव में अभी तक मौत को गले लगाया है.

मप्र में बढ़ रहा बेरोजगारी का आंकड़ा
कमलनाथ ने कहा कि, जहां एक तरफ पंजीकृत बेरोजगारी का आंकड़ा 34 लाख को पार कर चुका है और वह निरंतर बढ़ता ही जा रहा है, तो वहीं सरकारी भर्तियों में सवा लाख के करीब पद रिक्त हैं. बैकलॉग के पद भी अभी तक तमाम दावों के बावजूद भरे नहीं गए हैं, वहीं अब श्रम पोर्टल के अनुसार प्रदेश में असंगठित कामगारों का आंकड़ा 1.21 करोड़ तक पहुँच चुका है, उसके बाद भी इस तरह के आयोजन बेरोजगार युवाओं के साथ सिर्फ़ मजाक भर है.

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40 पदों पर 20,000 आवेदक
पूर्व मुख्यमंत्री नाथ ने कहा कि, प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति का आँकलन इस बात से ही किया जा सकता है कि ग्वालियर और उज्जैन कोर्ट में चपरासी, ड्राइवर, माली व सफाईकर्मियों के कुल 40 पदों के लिए 20,000 से अधिक आवेदक पहुंचे, जिसमें से ज्यादातर उच्च शिक्षित थे. साथ ही प्रदेश के ग्वालियर से लेकर बुंदेलखंड क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में रोज़गार के अभाव में पलायन के आंकड़े सामने आए हैं.

रोजगार का वादा केवल घोषणा
नाथ ने कहा कि, एक तरफ जहां केंद्र की मोदी सरकार ने दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का दावा किया था, वहीं शिवराज सरकार ने प्रतिमाह एक लाख रोजगार देने का दावा किया था. इन दावों व आंकड़ो के हिसाब से तो देश और प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा खत्म हो जाना चाहिए था, लेकिन यह आंकड़ा तो दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है.

कमलनाथ से डरी बीजेपी महामंथन कर रही है, भूपेंद्र गुप्ता का बयान कहीं 2018 की तरह घर न बैठ जाए

युवाओं को गुमराह करना बंद करें सरकार
नाथ ने कहा कि, भाजपा सरकार रोजगार के नाम पर सिर्फ गुमराह करने का काम कर रही है, रोजगार के अभाव में प्रदेश में बड़ी संख्या में युवाओं ने मौत को गले लगाया है. बढ़ती बेरोजगारी के कारण प्रदेश में अपराधिक घटनाओं में भी बढ़ोतरी हो रही है और बड़ी संख्या में शिक्षित युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं. नाथ ने आगे कहा कि, एक तरफ तो कोरोना संकट के कारण लोगों का व्यापार, व्यवसाय चौपट हो चुका हैं, लोगों की नौकरियां जा चुकी है और अब बढ़ती बेरोजगारी के आंकड़े दिन प्रतिदिन भयावह होते जा रहे हैं. इतना ही नहीं, शिवराज सरकार अभी भी युवाओं को रोजगार देने की बजाय गुमराह करने में ही लगी हुई है.

इवेंट के नाम पर सरकारी पैसे लुटा रही सरकार
कमलनाथ ने कहा कि इवेंट, अभियान, आयोजन प्रेमी शिवराज सरकार अभी भी रोजगार देने के बजाय रोजगार मेले, रोजगार दिवस के आयोजनों के नाम पर सरकारी पैसे को लुटा रही है. जिन स्वरोजगार योजनाओं के तहत युवाओं को ऋण वितरण के दावे किए जा रहे हैं, उन योजनाओं में आज भी हजारों आवेदन बैंकों में पेंडिंग हैं, और युवा बैंकों में चक्कर लगा रहे हैं.

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज मध्‍य प्रदेश रोजगार दिवस के अवसर पर राज्य सरकार पर कई सवाल उठाए हैं. कमलनाथ ने कहा कि, शिवराज सरकार रोजगार मेलों और रोजगार दिवस (MP Employment Day) के नाम पर बेरोजगार युवाओं को गुमराह करना अब बंद करें, वर्षों से शिवराज सरकार इस तरह के आयोजन कर युवाओं को गुमराह करने का काम ही करती आई है.

17 वर्षों में कितनों को मिला रोजगार
कमलनाथ ने कहा कि, मुख्यमंत्री यह बताएं कि पिछले 17 वर्षों से प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो इन 17 वर्षों में कितने युवाओं को अभी तक रोजगार दिया गया है. वर्तमान में कितने सरकारी भर्ती के पद खाली हैं, कितने युवाओं ने प्रदेश में रोजगार के अभाव में अभी तक मौत को गले लगाया है.

मप्र में बढ़ रहा बेरोजगारी का आंकड़ा
कमलनाथ ने कहा कि, जहां एक तरफ पंजीकृत बेरोजगारी का आंकड़ा 34 लाख को पार कर चुका है और वह निरंतर बढ़ता ही जा रहा है, तो वहीं सरकारी भर्तियों में सवा लाख के करीब पद रिक्त हैं. बैकलॉग के पद भी अभी तक तमाम दावों के बावजूद भरे नहीं गए हैं, वहीं अब श्रम पोर्टल के अनुसार प्रदेश में असंगठित कामगारों का आंकड़ा 1.21 करोड़ तक पहुँच चुका है, उसके बाद भी इस तरह के आयोजन बेरोजगार युवाओं के साथ सिर्फ़ मजाक भर है.

ये कैसी दलित हितैषी सरकार! आयोग के दफ्तर पर ताला, एससी आयोग के अध्यक्ष पद पर नहीं करने दे रही काम, ना नए अध्यक्ष की नियुक्ति

40 पदों पर 20,000 आवेदक
पूर्व मुख्यमंत्री नाथ ने कहा कि, प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति का आँकलन इस बात से ही किया जा सकता है कि ग्वालियर और उज्जैन कोर्ट में चपरासी, ड्राइवर, माली व सफाईकर्मियों के कुल 40 पदों के लिए 20,000 से अधिक आवेदक पहुंचे, जिसमें से ज्यादातर उच्च शिक्षित थे. साथ ही प्रदेश के ग्वालियर से लेकर बुंदेलखंड क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में रोज़गार के अभाव में पलायन के आंकड़े सामने आए हैं.

रोजगार का वादा केवल घोषणा
नाथ ने कहा कि, एक तरफ जहां केंद्र की मोदी सरकार ने दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का दावा किया था, वहीं शिवराज सरकार ने प्रतिमाह एक लाख रोजगार देने का दावा किया था. इन दावों व आंकड़ो के हिसाब से तो देश और प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा खत्म हो जाना चाहिए था, लेकिन यह आंकड़ा तो दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है.

कमलनाथ से डरी बीजेपी महामंथन कर रही है, भूपेंद्र गुप्ता का बयान कहीं 2018 की तरह घर न बैठ जाए

युवाओं को गुमराह करना बंद करें सरकार
नाथ ने कहा कि, भाजपा सरकार रोजगार के नाम पर सिर्फ गुमराह करने का काम कर रही है, रोजगार के अभाव में प्रदेश में बड़ी संख्या में युवाओं ने मौत को गले लगाया है. बढ़ती बेरोजगारी के कारण प्रदेश में अपराधिक घटनाओं में भी बढ़ोतरी हो रही है और बड़ी संख्या में शिक्षित युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं. नाथ ने आगे कहा कि, एक तरफ तो कोरोना संकट के कारण लोगों का व्यापार, व्यवसाय चौपट हो चुका हैं, लोगों की नौकरियां जा चुकी है और अब बढ़ती बेरोजगारी के आंकड़े दिन प्रतिदिन भयावह होते जा रहे हैं. इतना ही नहीं, शिवराज सरकार अभी भी युवाओं को रोजगार देने की बजाय गुमराह करने में ही लगी हुई है.

इवेंट के नाम पर सरकारी पैसे लुटा रही सरकार
कमलनाथ ने कहा कि इवेंट, अभियान, आयोजन प्रेमी शिवराज सरकार अभी भी रोजगार देने के बजाय रोजगार मेले, रोजगार दिवस के आयोजनों के नाम पर सरकारी पैसे को लुटा रही है. जिन स्वरोजगार योजनाओं के तहत युवाओं को ऋण वितरण के दावे किए जा रहे हैं, उन योजनाओं में आज भी हजारों आवेदन बैंकों में पेंडिंग हैं, और युवा बैंकों में चक्कर लगा रहे हैं.

Last Updated : Feb 25, 2022, 4:56 PM IST
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