भोपाल। प्रदेश के दो शहरों में कमिश्नर सिस्टम लागू करने के बाद सरकार पुलिस हाईटेक बनाने की कोशिशों में जुट गई है. ऐसा ही एक तरीका है (Drone Policing). ड्रोन पुलिसिंग. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) को ड्रोन पुलिसिंग (Drone Policing)का यह प्रजेंटेशन पसंद आया है, जिसके बाद उन्होंने ड्रोन से प्रदेश के सभी बड़े शहरों में निगरानी के आदेश जारी किए हैं. भोपाल के पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने भोपाल में होने वाले बड़े आयोजनो और व्हीव्हीआइपी मूवमेंट की निगरानी ड्रोन से कराने के निर्देश दिए थे. इसके बाद भोपाल पुलिस ने एक दिन पहले ही वेंटिलेटर पर मरीज के शिफ्ट करने के लिए एक ग्रीन काॅरिडोर बनाया था. 11 किलोमीटर लंबे इस ग्रीन काॅरिडोर की निगरानी ड्रोन से की गई थी.
अधिकारियों को दिए ड्रोन पुलिसिंग लागू करने के निर्देश
भोपाल में शुरू हुआ यह प्रयोग गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को काफी पसंद आया. इसे सराहते हुए उन्होंने ड्रोन से निगरानी कराने के भोपाल पुलिस के प्रयोग की तारीफ करते हुए इसे प्रदेश के दूसरे जिलों में भी लागू करने के निर्देश दिए हैं. गृहमंत्री ने पुलिस के आला अधिकारियों को इसे जल्द से जल्द इस्तेमाल किए जाने को कहा है.
प्रदेश में खोले जा रहे हैं 5 ड्रोन प्रशिक्षण स्कूल
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देने के लिए प्रदेश में 5 ड्रोन स्कूल भी खोले जा रहे हैं. यह ड्रोन स्कूल ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सागर में खोले जाएंगे. ग्वालियर में लगे ड्रोन मेले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इसकी घोषणा कर चुके हैं.
कहां और कैसे होगी ड्रोन पुलिसिंग
एडीशनल डीसीपी संदीप दीक्षित के मुताबिक कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद ड्रोन से निगरानी का निर्णय लिया गया है. इसकी शुरूआत पहले ट्रैफिक व्यव्स्था बनाए रखने और इसमें सुधार करने को लेकर की गई है.
- भीड़ भरे इलाकों में समय समय पर ड्रोन के द्वारा निगरानी करना शुरू किया गया है.
- व्हीव्हीआईपी मूवमेंट के दौरान पूरे रूट की निगरानी ड्रोन के माध्यम से की जाएगी. जिससे पूरा रूट पुलिस की निगरानी में होगा.
- आंदोलन, धरना-प्रदर्शन, खासतौर से जिसमें लाॅ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ने की आशंका हो, वहां ड्रोन से निगरानी की जाएगी. इससे आंदोलनकारियों और उपद्रवि तत्वों की निगरानी और पहचान करना आसान होगा.
बड़े शहरों में दिए गए हैं ड्रोन
प्रदेश के बड़े शहरों में पुलिस को पहले ही एक-एक ड्रोन दिए गए हैं. हालांकि ये ड्रोन अभी शादी-विवाह में रिकॉर्डिंग कराने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे ड्रोन की तरह ही. प्रदेश पुलिस अभी इन ड्रोन्स का उपयोग सिर्फ बड़े पॉलिटिकल इवेंट्स में कर रही थी. अब गृहमंत्री के निर्देश के बाद ड्रोन पुलिसिंग का इस्तेमाल ट्रेफिक व्यवस्था को बेहतर करने और लाॅ एंड ऑर्डर को हैंडल करने में किया जाएगा.
अभी यह है रिकाॅर्डिंग की व्यवस्था
पुलिस के मौजूदा तरीके में आंदोलन और धरना प्रदर्शन के दौरान रिकॉर्डिंग करने के लिए पुलिस के जवानों को ही कैमरे दिए जाते हैं. इन्हें हेंडीकेम के जरिए घटना स्थल की रिकाॅर्डिंग की जाती है. जिसमें खामी यह है कि कई बार बहुत दूर या अहम घटना की मैनुअली की जा रही रिकॉर्डिंग मिस हो जाती है. दूसरी भीड़ में निगरानी करना आसान नहीं होता है. पुलिस के जवानों को होने वाली ऐसी परेशानियों को देखते हुए ही ड्रोन के जरिए मुख्य आयोजनों की ड्रोन के जरिए निगरानी करने का फैसला लिया गया है.