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16 साल पहले की भूल सुधारकर दिग्विजय सिंह ने किया प्रचार अभियान का आगाज, कर्मचारियों से मांगी माफी

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत कर्मचारियों से मिलकर की. वे प्रचार के लिए भोपाल के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र पहुंचे और कर्मचारियों से माफी मांगी.

दिग्विजय सिंह का प्रचार अभियान
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Published : Mar 28, 2019, 1:31 PM IST

भोपाल। राजधानी की लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने चुनाव मैदान में उतरते ही सबसे पहले 16 साल पहले की सियासी भूल सुधारी है. दिग्विजय सिंह ने चुनावी प्रचार राजधानी के कर्मचारियों के बीच जाकर शुरू की. दिग्विजय सिंह ने 16 साल पहले की कर्मचारी नीति को लेकर माफी मांगी.

दिग्विजय सिंह ने चुनावी प्रचार की शुरुआत भोपाल के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से ही की है. फिलहाल यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है और यहां के विधायक पीसी शर्मा मौजूदा कमलनाथ सरकार में मंत्री भी हैं. मंत्री पीसी शर्मा दिग्विजय सिंह के करीबी हैं, लिहाजा पीसी शर्मा ने मंत्री जयवर्धन सिंह के साथ मिलकर कर्मचारियों का होली मिलन समारोह आयोजित कराया. समारोह में दिग्विजय सिंह ने कर्मचारियों से 16 साल पहले अपने मुख्यमंत्री काल के दौरान लागू की गई कर्मचारी नीतियों को लेकर ना सिर्फ सफाई पेश की, बल्कि उनसे माफी भी मांगी.

चुनाव मैदान में उतरते ही क्यों याद आए कर्मचारी
दरअसल दिग्विजय सिंह की छवि कर्मचारी विरोधी मानी जाती रही है. दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री काल के दौरान कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश था. सरकारी कर्मचारी वेतन भत्तों को लेकर नाराज थे, क्योंकि कर्मचारियों का डीए केंद्र से 9 फ़ीसदी तक पिछड़ गया था और सरकार 28 हजार से ज्यादा दैनिक वेतन भोगियों को नौकरी से हटाने के लिए आदेश जारी करने लगी थी.
कर्मचारियों की छंटनी से उनका यह आक्रोश और भी बढ़ गया था. भोपाल लोकसभा सीट पर देखा जाए, तो करीब 2 लाख राज्य कर्मचारी और पेंशनर्स हैं. सबसे ज्यादा 50 हजार कर्मचारी भोपाल की दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में हैं, जहां से कांग्रेस के पीसी शर्मा मौजूदा विधायक हैं. दिग्गी को भी पता है कि बिना कर्मचारियों को साथ लिए चुनाव नहीं जीता जा सकता, लिहाजा दिग्गी ने भोपाल लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार की शुरुआत इन कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने के साथ की है. बुधवार को दिग्विजय सिंह ने कर्मचारियों से माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें बेमतलब का बदनाम किया जाता है. उनके मुख्यमंत्री काल के दौरान केंद्र से जितनी मंजूरी मिली, उन्होंने कर्मचारियों को उसका लाभ दे दिया था, इसके बाद भी यदि कोई गलती हुई हो तो माफ करना. दिग्विजय सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की जो भी मांगें हैं, उन्हें कमलनाथ सरकार के साथ मिलकर वे पूरा करेंगे.

दिग्विजय सिंह का प्रचार अभियान

मांगें अभी भी अधूरी, लेकिन नाराजगी नहीं: कर्मचारी संगठन
उधर दिग्विजय सिंह को लेकर कर्मचारी संगठनों ने कहा कि उन्होंने कमलनाथ सरकार के सामने कई मांगें रखी थीं, जिनमें से अभी भी अधिकांश पूरी नहीं हुई हैं, लेकिन फिलहाल सरकार को लेकर अभी कोई नाराजगी नहीं है. कर्मचारी नेता रमेश राठौर का कहना है कि जो भी नाराजगी थी वह अब दूर हो चुकी है. वहीं एक अन्य कर्मचारी नेता अजय श्रीवास्तव उर्फ नीलू का कहना है कि कर्मचारी किसी पार्टी का नहीं होता, कर्मचारी जगत की जो मांगें थी, उनमें से अधिकांश अभी भी पेंडिंग हैं और उन्हें उम्मीद है कि सरकार उन्हें जल्द पूरा करेगी.

भोपाल। राजधानी की लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने चुनाव मैदान में उतरते ही सबसे पहले 16 साल पहले की सियासी भूल सुधारी है. दिग्विजय सिंह ने चुनावी प्रचार राजधानी के कर्मचारियों के बीच जाकर शुरू की. दिग्विजय सिंह ने 16 साल पहले की कर्मचारी नीति को लेकर माफी मांगी.

दिग्विजय सिंह ने चुनावी प्रचार की शुरुआत भोपाल के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से ही की है. फिलहाल यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है और यहां के विधायक पीसी शर्मा मौजूदा कमलनाथ सरकार में मंत्री भी हैं. मंत्री पीसी शर्मा दिग्विजय सिंह के करीबी हैं, लिहाजा पीसी शर्मा ने मंत्री जयवर्धन सिंह के साथ मिलकर कर्मचारियों का होली मिलन समारोह आयोजित कराया. समारोह में दिग्विजय सिंह ने कर्मचारियों से 16 साल पहले अपने मुख्यमंत्री काल के दौरान लागू की गई कर्मचारी नीतियों को लेकर ना सिर्फ सफाई पेश की, बल्कि उनसे माफी भी मांगी.

चुनाव मैदान में उतरते ही क्यों याद आए कर्मचारी
दरअसल दिग्विजय सिंह की छवि कर्मचारी विरोधी मानी जाती रही है. दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री काल के दौरान कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश था. सरकारी कर्मचारी वेतन भत्तों को लेकर नाराज थे, क्योंकि कर्मचारियों का डीए केंद्र से 9 फ़ीसदी तक पिछड़ गया था और सरकार 28 हजार से ज्यादा दैनिक वेतन भोगियों को नौकरी से हटाने के लिए आदेश जारी करने लगी थी.
कर्मचारियों की छंटनी से उनका यह आक्रोश और भी बढ़ गया था. भोपाल लोकसभा सीट पर देखा जाए, तो करीब 2 लाख राज्य कर्मचारी और पेंशनर्स हैं. सबसे ज्यादा 50 हजार कर्मचारी भोपाल की दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में हैं, जहां से कांग्रेस के पीसी शर्मा मौजूदा विधायक हैं. दिग्गी को भी पता है कि बिना कर्मचारियों को साथ लिए चुनाव नहीं जीता जा सकता, लिहाजा दिग्गी ने भोपाल लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार की शुरुआत इन कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने के साथ की है. बुधवार को दिग्विजय सिंह ने कर्मचारियों से माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें बेमतलब का बदनाम किया जाता है. उनके मुख्यमंत्री काल के दौरान केंद्र से जितनी मंजूरी मिली, उन्होंने कर्मचारियों को उसका लाभ दे दिया था, इसके बाद भी यदि कोई गलती हुई हो तो माफ करना. दिग्विजय सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की जो भी मांगें हैं, उन्हें कमलनाथ सरकार के साथ मिलकर वे पूरा करेंगे.

दिग्विजय सिंह का प्रचार अभियान

मांगें अभी भी अधूरी, लेकिन नाराजगी नहीं: कर्मचारी संगठन
उधर दिग्विजय सिंह को लेकर कर्मचारी संगठनों ने कहा कि उन्होंने कमलनाथ सरकार के सामने कई मांगें रखी थीं, जिनमें से अभी भी अधिकांश पूरी नहीं हुई हैं, लेकिन फिलहाल सरकार को लेकर अभी कोई नाराजगी नहीं है. कर्मचारी नेता रमेश राठौर का कहना है कि जो भी नाराजगी थी वह अब दूर हो चुकी है. वहीं एक अन्य कर्मचारी नेता अजय श्रीवास्तव उर्फ नीलू का कहना है कि कर्मचारी किसी पार्टी का नहीं होता, कर्मचारी जगत की जो मांगें थी, उनमें से अधिकांश अभी भी पेंडिंग हैं और उन्हें उम्मीद है कि सरकार उन्हें जल्द पूरा करेगी.

Intro:भोपाल की लोकसभा सीट पर कांग्रेस की उम्मीदवार पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने चुनाव मैदान में उतरते ही सबसे पहले 16 साल पहले की सियासी भूल सुधारी है। दिग्विजय सिंह ने चुनावी प्रचार राजधानी के कर्मचारियों के बीच जाकर शुरू किया है। इसके साथ ही दिग्गी ने 16 साल पहले की कर्मचारियों नीति को लेकर माफी मांगी। दर्शन भोपाल लोकसभा सीट पर करीब 2 लाख से ज्यादा कर्मचारी और पेंशनर्स है इनमें सबसे ज्यादा करीब पचास हजार वोटर भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा में है।


Body:दिग्विजय सिंह ने चुनावी प्रचार की शुरुआत भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से ही की है, फिलहाल यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है और यहां के विधायक पीसी शर्मा मौजूदा कमलनाथ सरकार में मंत्री भी है। मंत्री पी सी शर्मा दिग्विजय सिंह के करीबी हैं, लिहाजा पीसी शर्मा ने मंत्री जयवर्धन सिंह के साथ मिलकर कर्मचारियों का होली मिलन समारोह आयोजित कराया। समारोह में दिग्विजय सिंह ने कर्मचारियों से 16 साल पहले अपने मुख्यमंत्री काल के द्वारा लागू की गई कर्मचारी नीतियों को लेकर ना सिर्फ सफाई पेश की बल्कि कर्मचारियों से माफी भी मांगी।

चुनाव मैदान में उतरते ही क्यों याद आए कर्मचारी
दरअसल दिग्विजय सिंह की छवि कर्मचारी विरोधी मानी जाती रही है। दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री काल के दौरान कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश था। सरकारी कर्मचारी वेतन भत्तों को लेकर नाराज थे क्योंकि कर्मचारियों का डीए केंद्र से 9 फ़ीसदी तक पिछड़ गया था और सरकार 28 हजार से ज्यादा दैनिक वेतन भोगियों को नौकरी से हटाने के लिए आदेश जारी करने लगी थी। कर्मचारियों की छटनी से कर्मचारियों का यह आक्रोश और भी बढ़ गया था। भोपाल लोकसभा सीट पर देखा जाए तो करीब दो लाख राज्य कर्मचारी और पेंशनर्स है। सबसे ज्यादा 50000 कर्मचारी भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में है जहां से कांग्रेस के पीसी शर्मा मौजूदा विधायक है। लिहाजा दिग्गी को भी पता है कि बिना कर्मचारियों को साथ लिए चुनाव नहीं जीता जा सकता लिहाजा भोपाल लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार की शुरुआत दिग्गी ने इन कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने के साथ की है। बुधवार को दिग्विजय सिंह ने कर्मचारियों से माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें बेमतलब का बदनाम किया जाता है उनके मुख्यमंत्री काल के दौरान केंद्र से जितनी मंजूरी मिली उन्होंने कर्मचारियों को उसका लाभ दे दिया था इसके बाद भी यदि कोई गलती हुई हो तो माफ करना। दिग्विजय सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की जो भी मांगे हैं उन्हें कमलनाथ सरकार के साथ मिलकर वे पूरा करेंगे।

कर्मचारी संगठन बोले मांगे अभी भी अधूरी, लेकिन गुस्सा नहीं

उधर दिग्विजय सिंह को लेकर कर्मचारी संगठनों ने कहा कि उन्होंने कमलनाथ सरकार के सामने कई मांगे रखी थी जिनमें से अभी भी अधिकांश पूरी नहीं हुई है, लेकिन फिलहाल सरकार को लेकर अभी कोई नाराजगी नहीं है। कर्मचारी नेता रमेश राठौर का कहना है कि जो भी नाराजगी थी वह अब दूर हो चुकी है। वहीं एक अन्य कर्मचारी नेता अजय श्रीवास्तव उर्फ नीलू का कहना है कि कर्मचारी किसी पार्टी का नहीं होता कर्मचारी जगत की जो मांगे थी उनमें से अधिकांश अभी भी पेंडिंग है उन्हें उम्मीद है कि सरकारों ने जल्द पूरा करेगी।


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