भोपाल/इंदौर। साइबर ठगों ने ठगने के नए-नए तरीके निकाल लिए हैं. ठगों की लंबी लिस्ट में 'साइबर दूल्हों' की एक नई खेप तैयार हुई है, जो शादी का झांसा देकर लोगों को लूटते हैं. सभी राज्यों में इस तरह के मामलों में इजाफा हो रहा है, उत्तर प्रदेश के साइबर अपराध के पुलिस अधीक्षक (SP) प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे ‘साइबर दूल्हों' से सचेत रहें. डिजिटल मंच पर कुछ लोग अपनी फर्जी प्रोफाइल बनाकर अविवाहित युवतियों तथा अकेले रहने वाली महिलाओं को अपने जाल में फंसाकर उनसे मोटी रकम ठग रहे हैं.
सोशल मीडिया के जरिए जाल में फंसाकर करते है ठगी: त्रिवेणी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश साइबर अपराध पुलिस ने इस तरह के दर्जनों मामलों का खुलासा किया है. ऐसे ही कई मामले मध्य प्रदेश में भी सामने आए हैं, जिनमें कुछ की जांच चल रही है और कुछ का खुलासा पुलिस द्वारा किया गया है. इनमें नाइजीरियन या शादीशुदा व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी सुंदर व्यक्ति की तस्वीर लगाकर, खुद को कुंवारा बताते हैं और अपने जाल में फंसा लेते हैं. बाद में ये लोग कीमती गिफ्ट हवाई अड्डे पर जब्त किए जाने, बीमारी तथा सड़क दुर्घटना आदि का बहाना बनाकर मोटी रकम वसूल लेते हैं और फिर रफूचक्कर हो जाते हैं.
शादी के नाम पर युवतियों से ठगी: ठग ज्यादातर उन युवतियों को शिकार बना रहे हैं, जो शादी करके विदेश में जाकर बसना चाहती हैं या जिन्होंने ज्यादा उम्र होने पर भी शादी नहीं की या उनकी शादी में अब अड़चन आ रही है. उन्होंने कहा कि अगर आप अपने परिवार के किसी सदस्य की शादी के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन विज्ञापन देखें तो थोड़ा होशियार रहें. साइबर ठग अब शादी के नाम पर भी ठगी करने में जुट गए हैं. देश के महानगरों मे इस तरह के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं.
1930 पर तुरंत करें संपर्क: साइबर अपराध का शिकार होने पर लोग 1930 पर तुरंत संपर्क करें और अपनी शिकायत दर्ज कराएं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे सावधान रहें और अगर कोई व्यक्ति बैंक संबंधित जानकारी देने, इंटरनेट की गति बढ़ाने, केवाईसी अपडेट करने या क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने आदि के नाम पर आपसे संपर्क करता है और कोई ऐप ‘डाउनलोड' करने की बात कहता है, तो तुरंत सावधान हो जाएं. वह साइबर ठग हो सकता है.
सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क की शुरूआत: मध्यप्रदेश में साइबर अपराध नियंत्रण व साइबर सिक्योरिटी के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है, जिसके तहत राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय का विस्तार पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं पुलिस थानों को भी साइबर क्राइम की विवेचना के लिए तैयार किया जा रहा है. राज्य के सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क (Cyber Help Desk in all police stations of MP) की स्थापना, साइबर कंसल्टेंट की नियुक्ति, जिला साइबर फॉरेंसिक यूनिट की स्थापना, तकनीकी उपकरणों से परिपूर्ण मोबाइल साइबर फॉरेंसिक लैब का संचालन हर जिले में साइबर कंसलटिंग मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए किया जाएगा.