भोपाल। देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देवास में नेमावर के पास बनाया जाएगा. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसके लिए तकनीकी स्वीकृती दे दी है. इसके बाद इस एयरपोर्ट का बनना लगभग तय हो गया है. एयरपोर्ट निर्माण के लिए जल्दी ही 6 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद यह प्रस्ताव अब मुख्य सचिव के पास भेज दिया गया है. देवास का यह एयरपोर्ट यात्री विमान सेवा के साथ कार्गो और लॉजिस्टिक हब के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा. इससे प्रदेश के दो प्रमुख शहरों इंदौर और भोपाल के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी साथ ही रोजगार के लाखों अवसर भी पैदा होंगे.
जनवरी 2023 में भूमिपूजन: इंदौर के पास इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कई पैमानों पर जमीन को परखा और और उसके बाद ही यह निर्णय लिया है. मार्च 2022 में इसके लिए केंद्रीय मंत्री ने स्वीकृति दी थी. जिसके बाद मप्र इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने शासन को इसका प्रस्ताव भेजा था. जिसपर अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसके निर्माण के लिए तकनीकी स्वीकृति दे दी है. माना जा रहा है कि जनवरी 2023 में इस प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया जा सकता है. इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर मध्यप्रदेश के औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और प्रमुख सचिव संजय शुक्ल एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन संजीव कुमार से चर्चा कर चुके हैं.
एक्सपर्ट ने उठाए सवाल: एविएशन इंडस्ट्री पर करीब से निगाह रखने वाली प्राची बलुआपुरी ने ईटीवी भारत को बताया कि 'यह एयरपोर्ट कब तक अस्तित्व में आएगा इसे लेकर अभी कोई फाइनल डेडलाइन तय नहीं की गई है, हालांकि प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण शुरू हो चुका है. बताया जा रहा है कि जमीन का जो अधिग्रहण जो किया जा रहा है वह देश के सबसे बड़े माने जाने वाले जेवर एयरपोर्ट से भी ज्यादा लगभग 25 हजार एकड़ के आसपास जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. जिसमें 6 हजार एकड़ पर एयरपोर्ट प्रस्तावित है. प्राची ने प्रोजेक्ट कि फिजिबिलटी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रोजेक्ट का प्रस्तावित स्थल के दोनो तरफ 100 किलोमीटर की दूरी पर भोपाल और इंदौर में दो बड़े एयरपोर्ट हैं, जिसमें इंदौर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है. ऐसे में तीसरे एयरपोर्ट की जरूरत क्या है. भोपाल और इंदौर दोनों में ही फिलहाल फ्लाइट्स और यात्रियों की संख्या कम है जिससे मौजूदा सुविधाओं का भी ठीक से दोहन नहीं हो पा रहा है, ऐसे में प्रोजेक्ट के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े होते हैं'.
पैसेंजर और कार्गो पर फोकस: भोपाल रोड पर देवास और सोनकच्छ के बीच नेमावर में बनने वाले इस एयरपोर्ट में पैसेंजर के साथ ही कार्गो पर भी फोकस किया जाएगा. इसके साथ ही लॉजिस्टिक को भी बढ़ावा दिया जाएगा. लॉजिस्टिक पार्क बनने से प्रदेश के उद्योगों को भी गति मिलेगी. मप्र इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की एक अलग टीम भी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. इंदौर और इसके आसपास मैन्युफैक्चरिंग उद्योग बड़ी संख्या में है. नया एयरपोर्ट डेवलप होने से प्रदेश का लॉजिस्टिक क्षेत्र बेहतर होगा. इससे पीथमपुर, देवास और इंदौर जैसे क्षेत्रों को लाभ मिलेगा.
इंदौर बनेगा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस: आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर प्रदेश के लिए शिवराज सरकार कई परियोजनाओं पर काम कर रही है. ईज आफ डूइंग बिजनेस के लिए भी इंदौर सहित पूरे प्रदेश में काम किया जा रहा है. इसी के तहत इंदौर के पास ही 40 से 50 किलोमीटर के दायरे में एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जरूरत महसूस की जा रही थी. देश के सबसे इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट को तकनीकी मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही जमीन का अधिग्रहण शुरू कर दिया जाएगा.