भोपाल। कर्नाटक हाइकोर्ट ने मुस्लिम छात्राओं की कॉलेज में हिजाब पहनने की इजाजत मांगने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. जिसके बाद इसपर राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मामले को लेकर दलील दी है. विधायक सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं. विधायक का बयान आने के बाद समाजिक कार्यकर्ता भी बयानबाजी करने से पीछे नहीं हटे. उन्होंने कहा जो लड़कियां हिजाब से सिर ढंकती हैं उन्हें रोकना गलत है. हिजाब को लेकर देश में गलत राजनीति हो रही है.
विधायक आरिफ मसूद की दलील
भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का कहना है कि कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से हम सहमत नहीं हैं. हिजाब फंडामेंटल राइट्स है. पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जायेगा.
हिजाब पर गलत राजनीति
सामाजिक कार्यकर्ता तबस्सुम खान ने कहा हिजाब के लेकर गलत राजनीति हो रही है. इससे भाईचारे पर असर पड़ रहा है. मुस्लिम धर्म में सिर ढकने की परंपरा है. जो नहीं ढ़क रहा उसे कोई बंदिश भी नहीं है. जो लड़कियां सिर ढंकती हैं उन्हें रोकाना गलत है. बुर्का, हिजाब और मुसलमानों पर देश में गलत राजनीति हो रही है.
हिजाब के नाम पर वोट की राजनीति
बाजार में बुर्का और हिजाब विक्रेता अनवर कमाल का कहना है कि हिजाब के नाम पर वोट की राजनीति चल रही है. हिजाब का विवाद बढ़ने के बाद से बिक्री और अधिक बढ़ गई है. कोरोना के कारण मंहगाई का असर है. बाजार में हिजाब और बुर्के 600 से लेकर 2500 तक बिक रहे हैं.
हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच रही हैं छात्राएं
प्रदेश के अलग-अलग जिलों से कॉलेजों में हिजाब पहनकर प्रवेश करने की खबर सामने आ रही है. इस पर कुछ हिंदू छात्रों द्वारा हिजाब पहने वाली छात्राओं का विरोध भी किया जा रहा है. विरोध को देखते हुए कॉलेज प्रशासन छात्राओं को कॉलेज ड्रेस पहनकर ही कॉलेज आने की हिदायत दे रहा है.
यह है हिजाब का पूरा विवाद
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद 1 जनवरी को शुरू हुआ था. उडुपी में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में क्लास रूम में बैठने से रोक दिया गया. कॉलेज मैनेजमेंट ने नई यूनिफॉर्म पॉलिसी को इसकी वजह बताया. इसके बाद लड़कियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की. लड़कियों का तर्क है कि हिजाब पहनने की इजाजत न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन है. एक कॉलेज से शुरू हुआ विवाद दूसरे कॉलेज और प्रदेशों में भी पहुंच गया. वहां भी हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया. ये विवाद तब और और भड़क गया जब कुछ छात्रों ने समूह में कॉलेज में भगवा गमछा, स्कॉर्फ, और साफा पहनकर कर आना शुरू किया और जय श्री राम के नारे लगाए.