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विवादों में घिरा कांग्रेस संगठन सेवादल का राष्ट्रीय शिविर, RSS और सावरकर पर बांटी विवादित किताब

कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन सेवादल ने भोपाल में एक शिविर का आयोजन किया है. जिसमें आरएसएस और विनायक दामोदर सावरकर पर दो किताबें बांटी गई हैं. किताब में आरएसएस और सावरकर के मामले में जो जानकारी दी गई है, वो विवादित नजर आ रही है. लेकिन सेवादल ने इसे सही बताया है.

lalji desai
लालजी देसाई, राष्ट्रीय अध्यक्ष, सेवादल
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Published : Jan 2, 2020, 5:16 PM IST

Updated : Jan 2, 2020, 9:48 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल में कांग्रेस के संगठन सेवादल के कार्यक्रम में आरएसएस और सावरकर पर विवादित किताब बांटे जाने की बात सामने आई है. किताब में दामोदर सावरकर के जीवन पर विवादित चरित्र की बात सामने आई है. मामले में कांग्रेस सेवादल का कहना है कि जो भी किताब बांटी गई है उसमें जो जानकारी दी गई है वह सही है.

लालजी देसाई, राष्ट्रीय अध्यक्ष, कांग्रेस सेवादल

सावरकर पर जो किताब बांटी गई है. उसका शीर्षक है कि 'वीर सावरकर कितने वीर?' जिसमें सावरकर पर विवादित जानकारी दी गई है. किताब में कई जगह सावरकर और नाथूराम गोडसे पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया है और दोनों पर अल्पसंख्यकों के मामले में भी आरोप लगाए गए हैं.

disputed book
विवादित किताब पर घिरा कांग्रेस सेवादल का शिविर

इसी तरह आरएसएस पर जो किताब बांटी गई है उसमें भी इसी प्रकार की जानकारी दी गई है. जिसमें आरएसएस अध्यक्ष से लेकर हर मुद्दे पर निशाना साधा गया है. मामले में कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने कहा कि किताब में लिखे गए सारे तथ्य इतिहास में दर्ज है.

disputed book
विवादित किताब पर घिरा कांग्रेस सेवादल का शिविर

लालजी देसाई ने कहा कि बिना किसी रिफरेंस के इसका जिक्र नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस की संख्या इसीलिए ज्यादा है क्योंकि दंगा करने वाले हमेशा भीड़ में ही आते हैं और शांति मार्च करने वाले लोग कम होते हैं.

disputed book
विवादित किताब पर घिरा कांग्रेस सेवादल का शिविर

भोपाल। राजधानी भोपाल में कांग्रेस के संगठन सेवादल के कार्यक्रम में आरएसएस और सावरकर पर विवादित किताब बांटे जाने की बात सामने आई है. किताब में दामोदर सावरकर के जीवन पर विवादित चरित्र की बात सामने आई है. मामले में कांग्रेस सेवादल का कहना है कि जो भी किताब बांटी गई है उसमें जो जानकारी दी गई है वह सही है.

लालजी देसाई, राष्ट्रीय अध्यक्ष, कांग्रेस सेवादल

सावरकर पर जो किताब बांटी गई है. उसका शीर्षक है कि 'वीर सावरकर कितने वीर?' जिसमें सावरकर पर विवादित जानकारी दी गई है. किताब में कई जगह सावरकर और नाथूराम गोडसे पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया है और दोनों पर अल्पसंख्यकों के मामले में भी आरोप लगाए गए हैं.

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विवादित किताब पर घिरा कांग्रेस सेवादल का शिविर

इसी तरह आरएसएस पर जो किताब बांटी गई है उसमें भी इसी प्रकार की जानकारी दी गई है. जिसमें आरएसएस अध्यक्ष से लेकर हर मुद्दे पर निशाना साधा गया है. मामले में कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने कहा कि किताब में लिखे गए सारे तथ्य इतिहास में दर्ज है.

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विवादित किताब पर घिरा कांग्रेस सेवादल का शिविर

लालजी देसाई ने कहा कि बिना किसी रिफरेंस के इसका जिक्र नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस की संख्या इसीलिए ज्यादा है क्योंकि दंगा करने वाले हमेशा भीड़ में ही आते हैं और शांति मार्च करने वाले लोग कम होते हैं.

disputed book
विवादित किताब पर घिरा कांग्रेस सेवादल का शिविर
Intro:भोपाल- भोपाल में सेवादल के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में आरएसएस को लेकर कुछ विवादित किताबें बांटी गई है, जिसमे सावरकर को लेकर भी एक विवादित किताब बांटी जा रही है। किताब में सावरकर को समलैंगिक, दंगाई और बलात्कार का पक्षधर बताया गया है।
Body:इन किताबों में कुछ विवादित तथ्यों का उल्लेख है, जिसे लेकर के बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है
'वीर सावरकर कितने वीर?' नाम की किताब में लिखा गया है कि वे हिंदुओं को अल्पसंख्यक महिलाओं का बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित करते थे।
इतना ही नहीं किताब में यह भी कहा गया है कि 12 साल की उम्र में सावरकर ने मस्जिद पर पत्थर फेंके और उसके शीशे और टाइल्स तोड़ दीं।
लारी कॉलिन्स और डोमिनिक लपियर द्वारा लिखित किताब 'फ्रीडम एट मिडनाइट' का रिफरेन्स देते हुए किताब में यह दावा किया गया है कि गोडसे और सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध थे।
" ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले नाथूराम गोडसे के एक ही समलैंगिक संबंध का ब्यौरा मिलता है, उनका पार्टनर था उनका राजनैतिक गुरु वीर सावरकर", यह किताब से 14 वें पृष्ठ पर लिखा हुआ।
Etv Bharat के पास किताब की कॉपी मौजूद है।
सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने कहा कि किताब में लिखे गए सारे तथ्य इतिहास में दर्ज है और बिना किसी रिफरेंस के इसका जिक्र नहीं किया गया है।
देसाई ने कहा कि आरएसएस की संख्या इसीलिए ज्यादा है क्योंकि दंगा करने वाले हमेशा भीड़ में ही आते हैं।।। और शांति मार्च करने वाले लोग कम होते हैं।
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किताब के विवादित तत्थ्य---

1- सावरकर और गोडसे के बीच समलैंगिक संबंध थे
2- सावरकर ने हिंदुओं को अल्पसंख्यक महिलाओं का बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित किया
3- सावरकर ने 12 साल की उम्र में मस्जिद पर पत्थर फेंके
4- आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम को कमजोर करने का काम कियाConclusion:बाइट -लाल जी देसाई, सेवादल राष्ट्रीय अध्यक्ष
Last Updated : Jan 2, 2020, 9:48 PM IST
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