भोपाल। मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए उपचुनाव के बाद अब पंचायत चुनाव (Madhya Pradesh Panchayat Elections) को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश चुनाव आयोग (Madhya Pradesh Election Commission) जहां पंचायत चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है, वहीं राजनीतिक दल भी अपनी कमर कस चुके हैं.
पंचायत चुनाव के लिए कांग्रेस पूरी तरह तैयार
कांग्रेस ने पंचायत चुनाव को लेकर अपनी पूरी तैयारी कर ली है (Congress ready for Panchayat elections). कांग्रेस का एक्शन प्लान तैयार है, इसके साथ ही नामों के पैनल तक फाइनल कर दिए गए हैं. कांग्रेस अब तारीखों के ऐलान का इंतजार कर रही है.
आज हो जाएं चुनाव तो भी तैयार कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता के.के. मिश्रा के मुताबिक पीसीसी चीफ कमलनाथ (Former CM Kamal Nath) ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की आहट के साथ ही तैयारियां शुरू कर दी थीं. कांग्रेस में पर्यवेक्षक और प्रभारी बना दिए गए थे, उन प्रभारियों ने प्रत्याशियों के नामों का पैनल तक दे दिया है. मंडलम और बूथ स्तर पर कांग्रेस का एक्शन प्लान तैयार हो चुका है. मिश्रा ने कहा कि सरकार चुनाव कराने से डर रही है और प्रचारित कर रही है कि चुनाव कराए जाएंगे. सरकार आखिरी मोमेंट पर हाथ खींच लेती है. मिश्रा ने कहा कि- 'हम तो कहते हैं कि सरकार आज चुनाव करा लें, जब लोकसभा और विधानसभा के उपचुनाव हो सकते हैं तो नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव क्यों नहीं. सरकार भयग्रस्त है और वह चाह रही है कि चुनाव नहीं हो पाएं'
कांग्रेस का मिशन 2023 शुरू
मिशन 2023 की तैयारी को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मिशन 2023 आरंभ कर दिया है. इसी के तहत कमलनाथ लगातार बैठकें कर रहे हैं. कांग्रेस का फोकस एसटी, एससी और अल्पसंख्यक के साथ ही सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में है. मिश्रा का कहना है कि उपचुनाव में भाजपा सरकार ने धांधली की थी, लेकिन आम चुनाव में सरकार धांधली नहीं कर पाएगी.
सरकार अपनी सुविधा से कराती है पंचायत एवं निकाय चुनाव
राजनीतिक विश्लेषक व वरिष्ठ पत्रकार अजय बोकिल का मानना है कि पंचायत चुनाव की टाइमिंग क्या होगी, यह तो सरकार अपनी सुविधा से तय करती है, वरना कोई कारण नहीं था कि कमलनाथ सरकार ने भी चुनाव नहीं कराए. कमलनाथ सरकार भी अपनी सुविधा के अनुसार चुनाव कराना चाहती थी. बोकिल का कहना है कि जिस तरह से प्रदेश सरकार ने कोरोना गाइडलाइन पर से प्रतिबंध हटाए हैं ,उसके पीछे की मंशा यह समझ में आती है कि सरकार चुनाव कराने के मूड में है. इसमें एक या 2 महीने का समय लग सकता है. बोकिल कहते हैं कि पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस के साथ ही बीजेपी की भी अंदरूनी तैयारी चल रही है.
कुछ दिन और लगेंगे, पंचायत चुनाव पहले ही 2 साल लेट हो गए हैं
जानकारी के मुताबिक चुनावी तैयारियों में कुछ दिन और लगेंगे. मतदाता सूची का प्रकाशन, जिला पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया अभी बाकी है. 23 हजार पंचायतों में चुनाव होने हैं. पंचायत चुनाव पहले ही 2 साल लेट हो गए हैं. यह चुनाव 2019 में होना प्रस्तावित थे, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नए सिरे से आरक्षण प्रक्रिया में समय बीत गया. इसके बाद कोरोना महामारी के कारण चुनाव टलते गए. पंचायतों के साथ ही जिला और जनपद पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव भी होना बाकी हैं.