भोपाल। नए साल की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के अधिकतर नगरीय निकायों का कार्यकाल जनवरी-फरवरी माह में समाप्त हो रहा है. लेकिन प्रदेश में अभी नगरीय निकाय चुनावों की चर्चा नहीं है. ऐसे में प्रदेश की कमलनाथ सरकार इन नगरीय निकायों में प्रशासक की नियुक्ति करेगी जबकि एक संचालक समिति का गठन भी करेगी जो इन निकायों में काम करेगी. यह समिति नगरीय निकायों के विकास कार्य और सेवा कार्यो की देखरेख में काम करेगी.
कांग्रेस के सूत्रों की माने तो प्रदेश के नगरीय निकायों में प्रशासक के साथ एक संचालक समिति को बिठाने की तैयारी कमलनाथ सरकार ने कर ली है. नगरीय प्रशासन विभाग ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिया है.हालांकि मुख्यमंत्री सचिवालय ने अभी तक इस पर मुहर नहीं लगाई है. चर्चा चल रही है कि सरकार के इस प्रस्ताव का नुकसान कांग्रेस को कही नगरीय निकाय चुनाव में न उठाना पड़े.
इस प्रकार हो सकती है समिति
कमलनाथ सरकार अगर समिति गठित करती है तो नगर निगम की संचालक समिति में 11 सदस्य, नगर पालिका की समिति में सात सदस्य और नगर परिषद की समिति में पांच सदस्य हो सकते हैं. संचालक समिति को गठित कर प्रशासक के साथ बिठाए जाने की तैयारी की जा रही है. फिलहाल मुख्यमंत्री सचिवालय में इस पर विचार विमर्श चल रहा है और जल्द ही सरकार इस मामले में फैसला ले लेगी.
मामले में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष गोविंद गोयल ने कहा कि भोपाल के वार्डों में जन समस्या निवारण चला रहे गोविंद गोयल का कहना है कि काफी अरसे से नगरीय निकायों में काम ही नहीं हो रहा है. क्योंकि ऊपर से नीचे तक सिर्फ घोषणा ही घोषणा हो रही थी. नगरीय निकायों में प्रशासक और समिति बिठाने का फैसला सरकार को करना है. कमलनाथ सरकार तेजी से प्रदेश के विकास के लिए काम कर रही है इसलिए जरुरी है कि नगरीय निकायों के विकास कार्यों में भी तेजी आए.