ETV Bharat / city

साल की शुरुआत में खत्म होगा अधिकतर निकायों का कार्यकाल, प्रशासकों की नियुक्ति कर सकती है कमलनाथ सरकार - नगरीय निकाय मध्य प्रदेश

प्रदेश की कमलनाथ सरकार नगरीय निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद इन निकायों में प्रशासक की नियुक्ति कर सकती है. जबकि एक समिति भी गठित हो सकती है. जो निकायों में चलने वाले कामों के देखेगी. हालांकि अब तक इसकी घोषणा नहीं हुई है.

cm kamal nath
सीएम कमलनाथ
author img

By

Published : Dec 29, 2019, 4:10 AM IST

भोपाल। नए साल की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के अधिकतर नगरीय निकायों का कार्यकाल जनवरी-फरवरी माह में समाप्त हो रहा है. लेकिन प्रदेश में अभी नगरीय निकाय चुनावों की चर्चा नहीं है. ऐसे में प्रदेश की कमलनाथ सरकार इन नगरीय निकायों में प्रशासक की नियुक्ति करेगी जबकि एक संचालक समिति का गठन भी करेगी जो इन निकायों में काम करेगी. यह समिति नगरीय निकायों के विकास कार्य और सेवा कार्यो की देखरेख में काम करेगी.

नगरीय निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति कर सकती है कमलनाथ सरकार

कांग्रेस के सूत्रों की माने तो प्रदेश के नगरीय निकायों में प्रशासक के साथ एक संचालक समिति को बिठाने की तैयारी कमलनाथ सरकार ने कर ली है. नगरीय प्रशासन विभाग ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिया है.हालांकि मुख्यमंत्री सचिवालय ने अभी तक इस पर मुहर नहीं लगाई है. चर्चा चल रही है कि सरकार के इस प्रस्ताव का नुकसान कांग्रेस को कही नगरीय निकाय चुनाव में न उठाना पड़े.

इस प्रकार हो सकती है समिति
कमलनाथ सरकार अगर समिति गठित करती है तो नगर निगम की संचालक समिति में 11 सदस्य, नगर पालिका की समिति में सात सदस्य और नगर परिषद की समिति में पांच सदस्य हो सकते हैं. संचालक समिति को गठित कर प्रशासक के साथ बिठाए जाने की तैयारी की जा रही है. फिलहाल मुख्यमंत्री सचिवालय में इस पर विचार विमर्श चल रहा है और जल्द ही सरकार इस मामले में फैसला ले लेगी.

मामले में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष गोविंद गोयल ने कहा कि भोपाल के वार्डों में जन समस्या निवारण चला रहे गोविंद गोयल का कहना है कि काफी अरसे से नगरीय निकायों में काम ही नहीं हो रहा है. क्योंकि ऊपर से नीचे तक सिर्फ घोषणा ही घोषणा हो रही थी. नगरीय निकायों में प्रशासक और समिति बिठाने का फैसला सरकार को करना है. कमलनाथ सरकार तेजी से प्रदेश के विकास के लिए काम कर रही है इसलिए जरुरी है कि नगरीय निकायों के विकास कार्यों में भी तेजी आए.

भोपाल। नए साल की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के अधिकतर नगरीय निकायों का कार्यकाल जनवरी-फरवरी माह में समाप्त हो रहा है. लेकिन प्रदेश में अभी नगरीय निकाय चुनावों की चर्चा नहीं है. ऐसे में प्रदेश की कमलनाथ सरकार इन नगरीय निकायों में प्रशासक की नियुक्ति करेगी जबकि एक संचालक समिति का गठन भी करेगी जो इन निकायों में काम करेगी. यह समिति नगरीय निकायों के विकास कार्य और सेवा कार्यो की देखरेख में काम करेगी.

नगरीय निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति कर सकती है कमलनाथ सरकार

कांग्रेस के सूत्रों की माने तो प्रदेश के नगरीय निकायों में प्रशासक के साथ एक संचालक समिति को बिठाने की तैयारी कमलनाथ सरकार ने कर ली है. नगरीय प्रशासन विभाग ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिया है.हालांकि मुख्यमंत्री सचिवालय ने अभी तक इस पर मुहर नहीं लगाई है. चर्चा चल रही है कि सरकार के इस प्रस्ताव का नुकसान कांग्रेस को कही नगरीय निकाय चुनाव में न उठाना पड़े.

इस प्रकार हो सकती है समिति
कमलनाथ सरकार अगर समिति गठित करती है तो नगर निगम की संचालक समिति में 11 सदस्य, नगर पालिका की समिति में सात सदस्य और नगर परिषद की समिति में पांच सदस्य हो सकते हैं. संचालक समिति को गठित कर प्रशासक के साथ बिठाए जाने की तैयारी की जा रही है. फिलहाल मुख्यमंत्री सचिवालय में इस पर विचार विमर्श चल रहा है और जल्द ही सरकार इस मामले में फैसला ले लेगी.

मामले में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष गोविंद गोयल ने कहा कि भोपाल के वार्डों में जन समस्या निवारण चला रहे गोविंद गोयल का कहना है कि काफी अरसे से नगरीय निकायों में काम ही नहीं हो रहा है. क्योंकि ऊपर से नीचे तक सिर्फ घोषणा ही घोषणा हो रही थी. नगरीय निकायों में प्रशासक और समिति बिठाने का फैसला सरकार को करना है. कमलनाथ सरकार तेजी से प्रदेश के विकास के लिए काम कर रही है इसलिए जरुरी है कि नगरीय निकायों के विकास कार्यों में भी तेजी आए.

Intro:भोपाल। नई साल के जनवरी-फरवरी माह में प्रदेश की ज्यादातर नगरीय निकायों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जिन नगरीय निकायों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। उधर प्रशासक के साथ एक संचालक समिति भी काम करेगी, जो नगरीय निकायों के तमाम कार्यों का संचालन करेगी। चर्चा तो यह भी है कि इस समिति में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तवज्जो दी जाएगी और नगरीय निकायों के विकास कार्य और सेवा कार्यो की देखरेख यही समिति करेगी। राज्य सरकार की अनुशंसा पर समिति का गठन किया जाएगा। माना जा रहा है कि नगरीय निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए यह कदम उठा रही है।


Body:कांग्रेस के सूत्रों की माने तो प्रदेश के नगरीय निकायों में प्रशासक के साथ एक संचालक समिति को बिठाने की तैयारी कमलनाथ सरकार ने कर ली है। नगरीय प्रशासन विभाग ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिया है। हालांकि मुख्यमंत्री सचिवालय ने अभी तक इस पर मुहर नहीं लगाई है। चर्चा चल रही है कि सरकार इस प्रस्ताव पर मंथन कर रही है कि ऐसा करने का कहीं नगरीय निकाय चुनाव में उल्टा असर तो नहीं पड़ेगा। सूत्रों से जो खबर मिल रही है, उसके अनुसार नगर निगम में 11 सदस्य संचालक समिति, नगर पालिका में 7 सदस्य संचालक समिति और नगर परिषद में 5 सदस्य संचालक समिति को गठित कर प्रशासक के साथ बिठाए जाने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल मुख्यमंत्री सचिवालय में इस पर विचार विमर्श चल रहा है और जल्द ही सरकार इस मामले में फैसला ले लेगी।


Conclusion:इस बारे में मप्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष और भोपाल के वार्डों में जन समस्या निवारण चला रहे गोविंद गोयल का कहना है कि काफी अरसे से नगरीय निकायों में काम ही नहीं हो रहा है। क्योंकि ऊपर से नीचे तक सिर्फ घोषणा ही घोषणा हो रही थी। आज देखा होगा कि साल भर में किस तरह से काम चल रहा है।आज भूमाफिया कहां जा रहे हैं। आज दबंग और गुंडों की क्या स्थिति है। आज मप्र सुशासन में नंबर वन पर आया है। यह हम नहीं कह रहे हैं, भारत सरकार की रिपोर्ट कह रही है। मैं तो व्यक्तिगत रूप से इस बात से सहमत हूं कि समिति बनाई जाए और उसकी जिम्मेदारी अच्छे और कुशल कांग्रेसियों को दी जाए। आज प्रशासक बैठ जाएंगे, तो काम कैसे होगा। बरसों से जो शासन-प्रशासन काम कर रहा है, वैसा ही काम करेगा। जो कांग्रेस के अच्छे और ईमानदार कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने 15 साल संघर्ष किया है, उनमें बहुत क्षमता है। आप देख लीजिए कि जब से कमलनाथ सरकार बनी हैं। साल भर में प्रदेश में कितने विकास कार्य हो रहे हैं। मप्र का नक्शा बदल गया है। किसानों की स्थिति बदलने लगी है।यह सब आपके सामने हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गजब कर दिया है वहां 15 हजार घोषणाएं हुई। यहां एक रोज वचन पूरा हो रहा है। ऐसी स्थिति में नगरीय निकायों में समितियों को रखने पर ज्यादा लाभ होगा।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.