सागर। विवादित बयानों के लिए मशहूर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा (BJP MLA Rameshwara Sharma) ने जोधा-अकबर की विवाह को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था. हालांकि बाद में उन्होंने अपने उस बयान के लिए माफी मांग ली है. शर्मा ने जोधा अकबर की लव स्टोरी को लेकर कहा था कि उनका कोई प्रेम विवाह नहीं था बल्कि सत्ता बचाने के लालच में बेटी को दांव पर लगाने का मामला था. शर्मा के बयान पर बवाल मच गया और राजपूत समाज ने अपनी नाराजगी जताई. शर्मा के बयान पर ईटीवी भारत ने इतिहासविदों से इस बात की सच्चाई जानने की कोशिश की आखिर जोधा-अकबर की जिस स्टोरी पर कई फिल्में बन चुकी हैं उस मामले की सच्चाई क्या है. क्यों राजपूतों और अकबर बीच हुई संधि को लेकर बार-बार जोधा अकबर का जिक्र आता है. जानते हैं इस रिपोर्ट में
रामेश्वर शर्मा ने लिखित में मांगी माफी
अपने बयान पर बवाल मचने के बाद बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि मैं चालाक मुगलों की कूटनीति (Mughal Strategy) का वर्णन कर रहा था. राजपूत समाज को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं था. हिंदुत्व के रक्षक राजपूतों से क्षमा चाहता हूं. आगे उन्होंने कहा कि राजपूत समाज शुरू से ही हिंदुत्व का रक्षक रहा है. आदि काल से आज तक क्षत्रिय वीरों की गाथाएं देश को गौरवान्वित करती रहीं हैं. मैं रामेश्वर शर्मा सदैव और हिंदुत्व के रक्षक महाराणा प्रताप, शिवाजी और पृथ्वीराज चौहान की वीर गाथाओं का गौरव गान करता रहा हूं.उन्होंने लिखा की इतिहास में भले ही अकबर को महान बताया गया हो, लेकिन मेरे लिए अकबर नहीं महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) महान हैं. अपने बयान पर सफाई देते हुए शर्मा ने कहा कि सागर में आयोजित हिंदुत्व धर्म संवाद कार्यक्रम में अकबर एवं जोधाबाई के प्रसंग के वर्णन का उद्देश्य मुगलों की चालाकी और फूट-नीति का उल्लेख करना था. फिर भी मेरे किसी शब्द से मेरे किसी भी राजपूत हिंदू भाई को किंचित मात्र भी ठेस पहुंची हो, तो आपका भाई रामेश्वर शर्मा 100 बार आपके सामने झुकने के लिए तैयार है. आपसे इस हेतु क्षमा चाहता है.
जोधा-अकबर पर क्या है इतिहासकारों का मत
रामेश्वर शर्मा के बयान से जुड़ा वीडियो वायरल होने के बाद विधायक को राजपूत समाज से माफी मांगनी पड़ी.लेकिन इस बयान के बाद एक बार फिर जोधा को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. क्या वाकई में आमेर की राजकुमारी का नाम जोधा था और आखिर अकबर और जोधा के बीच क्या रिश्ता था। इन्हीं सवालों का जवाब ढूंढने के लिए ईटीवी भारत ने इतिहासकार भावना से बात की उन्होने बताया कि आमेर के इतिहास में जोधा नाम का कोई कैरेक्टर ही नहीं है. अकबर के साथ आमेर के राजा भारमल की पुत्री हरका बाई का विवाह हुआ था. जबकि अकबर के पुत्र जहांगीर का विवाह जोधपुर के मोटा राजा उदय सिंह की बेटी जगत गुंसाई से हुआ था. चूंकि वे जोधपुर की राजकुमारी थी, इसलिए उनके नाम के लिए जोधाबाई नाम प्रयोग किया गया.
जनता के हित में राजा भारमल ने स्थापित किया था संबंध
भावना कहती हैं कि अकबरनामा से लेकर कछवाहों के इतिहास तक की किसी भी किताब में आमेर की राजकुमारी का नाम जोधा नहीं बताया गया है, स्पष्ट शब्दों में हरका बाई या मरियम- उज- ज़मानी का विवाह अकबर से होने का जिक्र किया गया है. भावना ने स्पष्ट किया कि यह बात सच है कि मुगल शासन काल में विवाह राजनीतिक औरा सामरिक दृष्टि से भी हुआ करते थे, ताकि जनता को किसी तरह का कष्ट ना हो. उन्होंने बताया कि, चूंकि अकबर हिंदुस्तान के शासक थे जिनकी अजमेर शरीफ दरगाह में आस्था थी, और आमेर, दिल्ली और अजमेर के बीच एक छोटी सी रियासत थी जहां से अकबर की सेना गुजरा करती थी. ऐसे में कुछ किताबों में इस बात का भी जिक्र है कि जनता के हित में राजा भारमल ने अकबर के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित किया.
समर्थन में कई किताबों का किया जिक्र
भावना ने बताया कि हरका बाई की कुंडली आज भी जयपुर राजघराने के पोथी खाना में मौजूद है. इसके साथअबुल फजल की अकबरनामा, डॉ आशीर्वादी श्रीवास्तव, डॉ गोपीनाथ शर्मा की राजस्थान का इतिहास और कछवाहों का इतिहास पुस्तकों का रेफरेंस देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि इतिहास में आमेर की राजकुमारी और अकबर की पत्नी को या तो मरियम- उज- जमानी कहा गया या हरका बाई के नाम से ही संबोधित किया गया है. 1960 में फिल्माई गई mughal-e-azam फिल्म का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उसमें अकबर की पत्नी जोधाबाई को बताया गया है चूंकि फिल्मों का आम जनमानस पर गहरा असर पड़ता है, संभव है तभी से अकबर के साथ जोधा का नाम चलन में आ गया. इससे पहले भी 1949 में के. आसिफ द्वारा एक नाटक का मंचन किया गया था उसमें भी जोधा-बाई को अकबर की पत्नी बताया गया है.