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MP में राज्यसभा पर रार ! तीसरी सीट के लिए मचा घमासान

मध्य प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में एक-एक सीट कांग्रेस और बीजेपी को मिलना तय है. लेकिन तीसरी सीट पर अगर बीजेपी प्रत्याशी उतारती है, तो तीसरी सीट के लिए दोनों पार्टियों में घमासान होना तय है. राज्यसभा की तीसरी सीट पर देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

rajya sabha
राज्यसभा
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Published : Feb 27, 2020, 11:29 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 7:07 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश से खाली हुई राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होगा. राज्यसभा की राह के लिए बीजेपी और कांग्रेस में जोड़तोड़ शुरु हो गई है. प्रदेश में वर्तमान विधायकों की संख्या बल के हिसाब से एक-एक सीट कांग्रेस और बीजेपी को मिलना तय है. लेकिन तीसरी सीट पर दोनों पार्टियों बीच संघर्ष के आसार बनते दिख रहे हैं.

राज्यसभा पर रार

सियासी जानकार मानते है प्रदेश में दोनों पार्टियों के वर्तमान विधायकों की संख्या बल के आधार पर राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए चुनाव होना तय नजर आ रहा है. क्योंकि कांग्रेस भले ही सत्ता में है लेकिन उसके पास पूर्ण बहुमत नहीं है, कमलनाथ सरकार निर्दलीयों और बसपा-सपा के विधायकों के दम पर चल रही है. कांग्रेस को तीसरी सीट जीतने के लिए इन विधायकों की वोट की जरुरत पड़ेगी. तो बीजेपी भी बहुमत से ज्यादा दूर नहीं है, अगर वह कुछ विधायक क्रास वोटिंग करते हैं तो तीसरी सीट बीजेपी के हाथ भी आ सकती है.

MP में राज्यसभा का गणित

मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में दो विधायकों के निधन के बाद इस वक्त 228 सदस्य हैं, जिनमें कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 है, तो बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. चार विधायक निर्दलीय है, तो दो सीट बीएसपी और एक सीट समाजवादी पार्टी के पास है.

विधायकों की वर्तमान संख्याबल के हिसाब से राज्यसभा की एक सीट के लिए 58 विधायकों के वोटों की जरुरत पड़ेगी. कांग्रेस और बीजेपी के विधायकों की संख्या के हिसाब से एक-एक सीट दोनों पार्टियों को आसानी से मिल जाएगी. एक सीट जीतने के बाद कांग्रेस के पास 56 वोट बचेंगे, तो बीजेपी के पास 49 वोट बचेंगे. तीसरी सीट जीतने के लिए कांग्रेस को दो वोटों की जरुरत पड़ेगी. तो बीजेपी को 9 वोटों की जरुरत होगी. यानी असल लड़ाई तीसरी सीट के लिए हैं. तीसरी सीट के लिए अगर बीजेपी और कांग्रेस में से किसी भी पार्टी के विधायक ने क्रॉस वोटिंग की तो राज्यसभा के लिए दोनों पार्टियों का चुनावी गणित बिगड़ सकता है. जिसके चलते राज्यसभा की तीसरी सीट पर मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है.

सियासी जानकार मानते हैं की बीजेपी तीसरी सीट के लिए उम्मीदवार खड़ा जरुर करेगी. जिसका संकेत बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दे दिए हैं. बीडी शर्मा का कहना है कि पार्टी ने राज्यसभा के चुनावों के लिए रणनीति बनाना शुरु कर दी है. तो कांग्रेस भी दो प्रत्याशियों को राज्यसभा के लिए खड़ा करेगी. कांग्रेस ने भी राज्यसभा की दोनों सीटें जीतने की तैयारियां शुरु कर दी है. कांग्रेस का कहना है कि राज्यसभा के चुनाव के लिए पार्टी तैयार है. सभी निर्णय आलाकमान की तरफ से ही होंगे.

कांग्रेस से राज्यसभा जाने के लिए दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी का नाम चर्चा में है, तो बीजेपी में प्रभात झा, सत्यनारायण जटिया, कैलाश विजयवर्गीय नाम अब तक दावेदारों में सामने आए हैं. हालांकि दोनों पार्टियां इन नेताओं से इतर किसी नए चेहरें पर भी दांव लगा सकती है. लेकिन इतना तय है कि तीसरी सीट के लिए अब जोड़-तोड़ की राजनीति होगी, जहां निर्दलीय और बसपा-सपा के विधायकों की अहमियत बढ़ गई है. यानि इतना तो तय है कि राज्यसभा की राह के लिए प्रदेश की सियासत में आने वाले कुछ दिनों में जबरदस्त राजनीतिक उठापठक देखने को मिलने वाली है.

भोपाल। मध्य प्रदेश से खाली हुई राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होगा. राज्यसभा की राह के लिए बीजेपी और कांग्रेस में जोड़तोड़ शुरु हो गई है. प्रदेश में वर्तमान विधायकों की संख्या बल के हिसाब से एक-एक सीट कांग्रेस और बीजेपी को मिलना तय है. लेकिन तीसरी सीट पर दोनों पार्टियों बीच संघर्ष के आसार बनते दिख रहे हैं.

राज्यसभा पर रार

सियासी जानकार मानते है प्रदेश में दोनों पार्टियों के वर्तमान विधायकों की संख्या बल के आधार पर राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए चुनाव होना तय नजर आ रहा है. क्योंकि कांग्रेस भले ही सत्ता में है लेकिन उसके पास पूर्ण बहुमत नहीं है, कमलनाथ सरकार निर्दलीयों और बसपा-सपा के विधायकों के दम पर चल रही है. कांग्रेस को तीसरी सीट जीतने के लिए इन विधायकों की वोट की जरुरत पड़ेगी. तो बीजेपी भी बहुमत से ज्यादा दूर नहीं है, अगर वह कुछ विधायक क्रास वोटिंग करते हैं तो तीसरी सीट बीजेपी के हाथ भी आ सकती है.

MP में राज्यसभा का गणित

मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में दो विधायकों के निधन के बाद इस वक्त 228 सदस्य हैं, जिनमें कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 है, तो बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. चार विधायक निर्दलीय है, तो दो सीट बीएसपी और एक सीट समाजवादी पार्टी के पास है.

विधायकों की वर्तमान संख्याबल के हिसाब से राज्यसभा की एक सीट के लिए 58 विधायकों के वोटों की जरुरत पड़ेगी. कांग्रेस और बीजेपी के विधायकों की संख्या के हिसाब से एक-एक सीट दोनों पार्टियों को आसानी से मिल जाएगी. एक सीट जीतने के बाद कांग्रेस के पास 56 वोट बचेंगे, तो बीजेपी के पास 49 वोट बचेंगे. तीसरी सीट जीतने के लिए कांग्रेस को दो वोटों की जरुरत पड़ेगी. तो बीजेपी को 9 वोटों की जरुरत होगी. यानी असल लड़ाई तीसरी सीट के लिए हैं. तीसरी सीट के लिए अगर बीजेपी और कांग्रेस में से किसी भी पार्टी के विधायक ने क्रॉस वोटिंग की तो राज्यसभा के लिए दोनों पार्टियों का चुनावी गणित बिगड़ सकता है. जिसके चलते राज्यसभा की तीसरी सीट पर मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है.

सियासी जानकार मानते हैं की बीजेपी तीसरी सीट के लिए उम्मीदवार खड़ा जरुर करेगी. जिसका संकेत बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दे दिए हैं. बीडी शर्मा का कहना है कि पार्टी ने राज्यसभा के चुनावों के लिए रणनीति बनाना शुरु कर दी है. तो कांग्रेस भी दो प्रत्याशियों को राज्यसभा के लिए खड़ा करेगी. कांग्रेस ने भी राज्यसभा की दोनों सीटें जीतने की तैयारियां शुरु कर दी है. कांग्रेस का कहना है कि राज्यसभा के चुनाव के लिए पार्टी तैयार है. सभी निर्णय आलाकमान की तरफ से ही होंगे.

कांग्रेस से राज्यसभा जाने के लिए दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी का नाम चर्चा में है, तो बीजेपी में प्रभात झा, सत्यनारायण जटिया, कैलाश विजयवर्गीय नाम अब तक दावेदारों में सामने आए हैं. हालांकि दोनों पार्टियां इन नेताओं से इतर किसी नए चेहरें पर भी दांव लगा सकती है. लेकिन इतना तय है कि तीसरी सीट के लिए अब जोड़-तोड़ की राजनीति होगी, जहां निर्दलीय और बसपा-सपा के विधायकों की अहमियत बढ़ गई है. यानि इतना तो तय है कि राज्यसभा की राह के लिए प्रदेश की सियासत में आने वाले कुछ दिनों में जबरदस्त राजनीतिक उठापठक देखने को मिलने वाली है.

Last Updated : Feb 28, 2020, 7:07 PM IST
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