भोपाल। पूरे देश में एक बार फिर कोरोना के संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ा दिया गया है. इसी बीच दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों को अपने राज्य लाने के लिए केंद्र सरकार ने श्रमिक ट्रेन चलाईं हैं. लेकिन लगातार हो रही देरी से श्रमिक अब टूटने लगा है, ऐसे ही कुछ श्रमिक भोपाल में फंसे हैं, जो अब पैदल ही अपने घर जाना चाह रहे हैं.
हमीदिया अस्पताल में बनने वाले अंडर ग्राउंड वाटर टैंक में काम कर रहे मजदूर अब भोपाल में यहां फंस गए हैं. लॉकडाउन के बाद काम बंद है कंपनी ने भी हाथ खींच लिए हैं खंडहर नुमा घर से भी निकालने की रोज धमकियां मिल रही हैं. मजदूर भूखे हैं इधर उधर से समाजसेवी कुछ खाने को दे देते हैं इस कारण वह जल्द ही अपने घर जाना चाहते हैं.
श्रमिक वर्ग क्यों अपने-अपने राज्यों में अपने घरों में जाना चाहता है, हजारों किलोमीटर की सड़कों को नाप रहा है और अपनी जान से खेल रहा है. क्योंकि वह खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है. मजदूर भूखा है और वह सोच रहा है कि भूख से मरने से अच्छा है अपने घर चला जाए.