भोपाल। राजधानी भोपाल के नीमचीन स्कूल में नर्सरी में पढ़ने वाली साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची के साथ स्कूल बस में हुई दरिंदगी को लेकर बाल आयोग ने सख्त रूख अपना लिया है. आयोग ने मामले की जांच कर रही एसआईटी से घटना के संबंध में पांच बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट मांगी है. एसआईटी को चार दिन में यह रिपोर्ट आयोग के सामने पेश करना होगा.
बाल आयोग ने मांगी रिपोर्ट: मध्य प्रदेश बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने बताया कि स्कूल बस में बच्ची के साथ हुई शर्मनाम घटना को लेकर SIT अपनी जांच कर रही है. हमने एसआईटी के साथ स्कूल पहुंच कर पूरे मामले की पड़ताल की है. इसके साथ ही आयोग ने एसआईटी से इस मामले में पांच बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट मांगी है. अभी तक की जांच में पता चला है कि स्कूल बस में तीन अन्य बच्चियों के भी कपड़े बदले जाने की बात सामने आई है. इसके साथ ही आरोपी ड्राइवर के पुलिस वेरिफिकेशन को लेकर भी सवाल खड़े होते हैं.
एडमिनिस्ट्रेटर को हटाया जाना संदेह पैदा कर रहा: आरोपी पर पूर्व में दर्ज तीन अपराधों के बावजूद उसका शाहपुरा थाना से केस पुलिस वेरीफिकेशन कर दिया गया. इसके अलावा घटना के बाद स्कूल प्रबंधन द्वारा एडमिनिस्ट्रेटर को हटाए जाने की बात भी संदेह पैदा करती है. हालांकि प्रबंधन से इसे लेकर कहा कि वह जांच को प्रभावित कर सकती थी, इसलिए उसे हटाया गया है. इसके साथ ही बस में लगे सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर से मेमोरी कार्ड का गायब होना और घटना के बाद बस को मैकेनिक के पास सुधरने भेजना भी संदेह पैदा करता है.
प्रबंधन से भी होगी पूछताछ: जिन तीन बच्चियों के स्कूल बस में कपड़े बदले गए थे, SIT जल्द ही उनके माता-पिता से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज करेगी. वहीं स्कूल प्रबंधन द्वारा हटाई गए एडमिनिस्ट्रेटर से भी पुलिस पूछताछ करेगी. पुलिस स्कूल बस की फारेंसिक जांच करा रही है. इसके अलावा इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि आखिर बसों में लगे सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर से किसने या किसके कहने पर मेमोरी कार्ड निकाल कर गायब किया गया.
मोहल्ले वाले बोले हनुमंते ऐसा नहीं कर सकता: इस मामले में ETV भारत की टीम ने आरोपी हनुमंत के मोहल्ले अजय नगर में जाकर यह जानना चाहा कि आखिर हनुमंत ने यह वारदात पहली बार की है, या पहले भी वह इस तरह की गतिविधियों में लिप्त था. मोहल्ले के लोग उसके बारे में ज्यादा बात करने से कतराते रहे. कुछ ने कैमरे के सामने तो कुछ में कैमरे के पीछे यह जरूर कहा कि हनुमंत ऐसा नहीं कर सकता. लोगों का कहना था की हनुमंत मोहल्ले में एक शरीफ लड़की की तरह जीवन यापन करता था. ज्यादा किसी से लड़ाई झगड़ा और बातचीत भी नहीं करता था. सभी के साथ उसका व्यवहार हसमुख था. मोहल्ले में रहने वाले लोग बार-बार यह सवाल उठा रहे हैं कि जब दोष आरोपी ड्राइवर का था तो उसके परिवार को सजा क्यों मिली. घर टूटने के बाद उसका परिवार कहां गया, यह किसी को पता नहीं है. उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि अगर आरोपी को सजा देनी है तो दे दो, फांसी पर चढ़ा दो. लेकिन उसके परिवार के रहने के लिए तो व्यवस्था की जाए.
स्कूल प्रबंधन का तर्क: इस मामले में स्कूल के प्राचार्य आशीष अग्रवाल से जब बात करना चाही तो वह फोन ही नहीं उठा रहे. दरअसल आशीष अग्रवाल के खिलाफ भी पुलिस ने FIR दर्ज की है. आरोप है कि उसने साक्ष्य मिटाने में सहयोग किया है और मामले को दबाए रखा. वहीं दूसरी ओर बच्ची से दुष्कर्म मामले में बच्ची के परिवार का कोई भी सदस्य बोलने को तैयार नहीं है. भोपाल के संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि ''सरकार को इस दिशा में एक्शन लेते हुए स्कूल के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए और बुलडोजर भी चलाना चाहिए''.
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