भोपाल। देशभर की सबसे साफ राजधानी का अवार्ड ले चुका भोपाल प्रदूषण को रोकने में बेहद पिछड़ा हुआ नजर आ रहा है. भोपाल की आबोहवा कुछ इस कदर बिगड़ गई हैं कि, सोमवार को भोपाल का एयर क्वालिटी इंडेक्स- 241 तक पहुंच गया. भोपाल को देश का 11वां सबसे प्रदूषित शहर पाया गया है. सोमवार को भोपाल के प्रदूषण का स्तर मध्य प्रदेश के औद्योगिक इलाके मंडीदीप, देवास और रतलाम से भी ज्यादा दर्ज किया गया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देश भर के 200 शहरों की निगरानी रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली- एनसीआर, हावड़ा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद के बाद भोपाल देश में सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा.
चिंताजनक है भोपाल में प्रदूषण का बढ़ना
पर्यावरण के जानकार झीलों की नगरी भोपाल की हवा में आ रही गिरावट को चिंताजनक मानते हैं. जिसकी सबसे बड़ी वजह उन्होंने पिछले कुछ सालों में भोपाल में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई को बताया. बताया जाता है कि राजधानी भोपाल के होशंगाबाद रोड, कलियासोत डैम, नॉर्थ टीटी नगर सहित शहर के अन्य इलाकों में पिछले 10 सालों में 225 एकड़ से ज्यादा के वन क्षेत्र पूरी तरह खत्म हो गए. जानकार बताते हैं कि यदि एक एकड़ में 450 वृक्षों को माना जाए तो इन क्षेत्रों में करीब एक लाख पेड़ों को काटा गया जो करीब 50 साल पुराने थे.
मई 2019 की रिपोर्ट में भी एयर क्वालिटी में दर्ज की गई थी गिरावट
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड केयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत देश के विभिन्न शहरों में हवा की गुणवत्ता मापकर इसकी रिपोर्ट जारी कर करता है. मई 2019 की रिपोर्ट में भी भोपाल की आबोहवा बिगड़ने को लेकर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे, इसमें पता चला था कि पिछले 1 साल में भोपाल की हवा प्रदूषित हुई है. 2018 में शहर के कुछ हिस्से ही मॉडरेट श्रेणी में रखे गए थे. शहर के पर्यावरण परिसर इलाके के रहवासी क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 42 से अधिकतम 78 था जिसे पर्यावरण के लिहाज से सबसे अच्छा स्तर माना जाता है.
मई 2019 में इस इलाके में एआई क्यू 104 से 134 तक पहुंच गया. इसी तरह बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी और होशंगाबाद रोड के इलाकों में मई महीने में एआई क्यू अधिकतम 140.27 दर्ज किया गया था. पर्यावरण भोपाल की एयर क्वालिटी इंटेक्स में आ रही गिरावट को चिंताजनक मानते हैं.