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Bhopal Gorvi sanstha गंभीर बीमारी से ग्रसित महिलाओं का घरवालों ने छोड़ दिया था साथ, अब आत्मनिर्भर बनकर लड़ रहीं अपनी लड़ाई - Bhopal Family Counseling

कहते हैं कि मजबूत इरादों के बल पर सब कुछ हासिल किया जा सकता है. ऐसी ही कहानी उन महिलाओं की है जिनको बुरे वक्त में उनके परिवार ने छोड़ दिया था. अब यह महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर लोगों के लिए मिसाल बन गई हैं. ये महिलाएं ना सिर्फ अब गौरवी संस्था से जुड़कर अपनी जिंदगी संवार रही हैं. बल्कि नई उपलब्धि हासिल कर रही हैं. जानते हैं ऐसी ही महिलाओं के संघर्ष की कहानी.Bhopal Aatm Nirbhar Women, Bhopal Gorvi Sanstha Training, Gorvi Sanstha MP.

Bhopal Gorvi sanstha
गौरवी संस्था भोपाल
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Published : Aug 19, 2022, 3:43 PM IST

भोपाल। परिवार परामर्श का काम कर रही गौरवी संस्था के पास इस तरह के मामले आए हैं, जिसमें महिलाओं के अस्वस्थ होने के बाद या गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने के कारण उनके परिवार वालों ने उन्हें छोड़ दिया था. इन्हीं में से एक 45 वर्षीय महिला है जो कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रही है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी ने उसे अंदर से खोखला कर दिया था. पति ने दोनों बच्चों को भी उससे दूर कर दिया. इसकी तरह ही और भी कई महिलाएं हैं, जिन्हें गंभीर बीमारी होने पर पति और परिवार ने नाता तोड़ लिया था. अब ये गौरवी संस्था द्वारा दी जा रही ट्रेनिंग का हिस्सा बन बीमारी को हराने और जिंदगी जीने की दोहरी लड़ाई लड़ रही हैं. Bhopal self reliant women

गौरवी संस्था से जुड़ी महिलाएं: गौरवी संस्था की कोऑर्डिनेटर शिवानी सैनी कहती हैं कि, परिवार में कोई गंभीर बीमारी से जूझ रहा होता है तो पत्नी सेवा में लगी रहती है, लेकिन पत्नी के बीमार होने पर उसकी कोई सुध नहीं लेता. उसे घर से बाहर करने की धमकी हर रोज दी जाती थी. वर्तमान में ऐसी ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित 9 महिलाएं गौरवी संस्था से जुड़ी हुई हैं. यहां से ज्वैलरी और बैग बनाने की ट्रेंनिग लेकर आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपना इलाज करवा रही हैं. (Bhopal Aatm Nirbhar Women) (Bhopal Gorvi Sanstha Training) (Gorvi Sanstha MP).

दहेज का दबाव: गौरवी संस्था से मिली जानकारी के अनुसार, एक महिला को दिल की बीमारी होने की बात पता चली तो ससुराल वालों का उसके प्रति रवैया बदल गया. उससे कहा गया कि उसकी बीमारी के खर्च का बोझ हम क्यों उठाएं. दहेज लाने का दबाव भी बनाया जाने लगा. गौरवी की मदद से उसका आयुष्मान कार्ड बनवाया गया पर इससे भी ससुराल वालों की प्रताड़ना कम नहीं हुई. परेशान होकर महिला ने पुलिस में एफआईआर करवाई फिर उन्होंने गौरवी से कंप्यूटर की ट्रेनिंग ली. अब महिला का एक कंपनी में प्लेसमेंट हो चुका है. (Bhopal Aatm Nirbhar Women) (Bhopal Gorvi Sanstha Training) (Gorvi Sanstha MP).

नौकरी नहीं मिलने पर पत्रकारिता की छात्राओं ने खोला फूड स्टॉल

एचआईवी के कारण पति ने छोड़ा साथ: एक अन्य मामले में संगीता (परिवर्तित नाम) को डिलेवरी के बाद एचआईवी हुआ. इसके बात पति ने शक के चलते घर से बाहर निकाल दिया. उससे जन्मे बच्चे को एचआईवी नहीं था जिसे पति ने अपने पास रख लिया. सुनीता को शक है कि सिजेरियन डिलेवरी के दौरान शायद उसे यह रोग लगा था. सुनीता ने पति से कहा कि उसे पहले से एचआईवी होता तो तुम्हें या बच्चे को भी निकलता पर पति सुनने को तैयार नहीं है. वह पति के खिलाफ केस लड़ने के साथ ही गौरवी की मदद से अपना बिजनेस शुरू कर चुकी है. वह अब आत्मनिर्भर है.(Bhopal Aatm Nirbhar Women) (Bhopal Gorvi Sanstha Training) (Gorvi Sanstha MP).

भोपाल। परिवार परामर्श का काम कर रही गौरवी संस्था के पास इस तरह के मामले आए हैं, जिसमें महिलाओं के अस्वस्थ होने के बाद या गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने के कारण उनके परिवार वालों ने उन्हें छोड़ दिया था. इन्हीं में से एक 45 वर्षीय महिला है जो कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रही है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी ने उसे अंदर से खोखला कर दिया था. पति ने दोनों बच्चों को भी उससे दूर कर दिया. इसकी तरह ही और भी कई महिलाएं हैं, जिन्हें गंभीर बीमारी होने पर पति और परिवार ने नाता तोड़ लिया था. अब ये गौरवी संस्था द्वारा दी जा रही ट्रेनिंग का हिस्सा बन बीमारी को हराने और जिंदगी जीने की दोहरी लड़ाई लड़ रही हैं. Bhopal self reliant women

गौरवी संस्था से जुड़ी महिलाएं: गौरवी संस्था की कोऑर्डिनेटर शिवानी सैनी कहती हैं कि, परिवार में कोई गंभीर बीमारी से जूझ रहा होता है तो पत्नी सेवा में लगी रहती है, लेकिन पत्नी के बीमार होने पर उसकी कोई सुध नहीं लेता. उसे घर से बाहर करने की धमकी हर रोज दी जाती थी. वर्तमान में ऐसी ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित 9 महिलाएं गौरवी संस्था से जुड़ी हुई हैं. यहां से ज्वैलरी और बैग बनाने की ट्रेंनिग लेकर आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपना इलाज करवा रही हैं. (Bhopal Aatm Nirbhar Women) (Bhopal Gorvi Sanstha Training) (Gorvi Sanstha MP).

दहेज का दबाव: गौरवी संस्था से मिली जानकारी के अनुसार, एक महिला को दिल की बीमारी होने की बात पता चली तो ससुराल वालों का उसके प्रति रवैया बदल गया. उससे कहा गया कि उसकी बीमारी के खर्च का बोझ हम क्यों उठाएं. दहेज लाने का दबाव भी बनाया जाने लगा. गौरवी की मदद से उसका आयुष्मान कार्ड बनवाया गया पर इससे भी ससुराल वालों की प्रताड़ना कम नहीं हुई. परेशान होकर महिला ने पुलिस में एफआईआर करवाई फिर उन्होंने गौरवी से कंप्यूटर की ट्रेनिंग ली. अब महिला का एक कंपनी में प्लेसमेंट हो चुका है. (Bhopal Aatm Nirbhar Women) (Bhopal Gorvi Sanstha Training) (Gorvi Sanstha MP).

नौकरी नहीं मिलने पर पत्रकारिता की छात्राओं ने खोला फूड स्टॉल

एचआईवी के कारण पति ने छोड़ा साथ: एक अन्य मामले में संगीता (परिवर्तित नाम) को डिलेवरी के बाद एचआईवी हुआ. इसके बात पति ने शक के चलते घर से बाहर निकाल दिया. उससे जन्मे बच्चे को एचआईवी नहीं था जिसे पति ने अपने पास रख लिया. सुनीता को शक है कि सिजेरियन डिलेवरी के दौरान शायद उसे यह रोग लगा था. सुनीता ने पति से कहा कि उसे पहले से एचआईवी होता तो तुम्हें या बच्चे को भी निकलता पर पति सुनने को तैयार नहीं है. वह पति के खिलाफ केस लड़ने के साथ ही गौरवी की मदद से अपना बिजनेस शुरू कर चुकी है. वह अब आत्मनिर्भर है.(Bhopal Aatm Nirbhar Women) (Bhopal Gorvi Sanstha Training) (Gorvi Sanstha MP).

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