भोपाल। साइबर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. भोपाल की टीम ने दिल्ली में कार्रवाई कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया. साथ ही तीन फर्जी कॉल सेंटरों पर भी कार्रवाई की. भोपाल साइबर पुलिस को राजधानी के भानपुरा में रहने वाले कुणाल वेद ने शिकायत की थी, उन्होंने लोन एप्स के माध्यम से लोन लिया था. जिसका भुगतान उनके द्वारा किया जा चुका है, उसके बाद भी लोन का भुगतान करने के लिए अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा कुणाल और उनके रिश्तेदारों को फोन करके परेशान किया जा रहा है. कॉल करके अंनर्गल बातें की जा रही हैं, साथ ही मेसेज कर कुणाल की एडिट की गई अश्लील फोटो भेजने व वायरल करने की धमकी देकर पैसों की माँग की जा रही है.
भोपाल पुलिस ने जालसाजों को पकड़ा
कुणाल को ब्लैकमेल करके मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. कुणाल ने अपने आवेदन में बताया कि लोन अमाउंट का भुगतान करने के बाद उससे 35 हजार और मांगे जा रहे हैं. इस पर साइबर पुलिस भोपाल द्वारा अज्ञात मोबाइल और व्हाट्स एप नंबर के खिलाफ़ मामला दर्ज कर मामले को जांच में लिया गया. लोन रिकवरी के काम के लिए चाइनीज मैसेंजर के माध्यम से फर्जी लोन एप्प का संचालन किया जा रहा था. भोपाल साइबर पुलिस ने बताया कि आरोपी कपिल, शिवकुमार, मुकेश और कुलदीप द्वारा लोन रिकवरी के नाम पर काम कर रहे थे. आरोपी कपिल, जोकि कॉल सेंटर का संचालक है. उसके पास एक चाइनीज मैसेंजर के माध्यम से फर्जी लोन एप्प का लोन का डाटा आता था.
चाइनीज एप्प के जरिए करते थे ठगी
एप्प के जरिए उसको शार्प लोन, सिंपल लोन, माय लोन, कैश लोन, हैप्पी वॉलेट जैसी विभिन्न लोन कंपनियों का लोन रिकवरी की लोन लिंक वर्कर मेल आईडी दिया करते थे. जिस पर आरोपी मोबाइल के जरिए फोन लगाकर बात किया करते थे. आरोपियों के पास कस्टमर की पूरी जानकारी होती थी, जिसमें उसका मोबाइल नंबर, दो इमरजेंसी नंबर या किसी-किसी मामले में उसकी पूरी कांटेक्ट डिटेल भी होती थी. वे डिटेल में प्राप्त नंबरों पर फोन लगाकर उसको और उसके रिश्तेदारों और दोस्तों को कॉल करके व्हाट्सएप मैसेज करके उसको लोन राशि जमा कराने के लिए दवा बनाते थे. इसके बाद भी जब कस्टमर पेमेंट नहीं करता था, तो कस्टमर की फोटो को अश्लील फोटो के साथ एडिट कर उसके कांटेक्ट लिस्ट में भेजने की धमकी देते थे.
पूछताछ और जांच के बाद कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद
कई बार कस्टमर द्वारा लोन चुका देने के बाद भी उसकी अश्लील फोटो लोगों को व्हाट्सएप के माध्यम से भेज देते थे. भोपाल की साइबर क्राइम टीम द्वारा तकनीकी जांच के आधार पर चारों आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. उनके द्वारा अपराध में प्रयुक्त 4 डायलर सिम बॉक्स, 70 सिम कार्ड, 8 मोबाइल फोन, एक आईपैड, 3 लैपटॉप और एक कंप्यूटर सहित 15 हार्ड डिस्क को जप्त किया गया है, जिसका तकनीकी जांच की जा रही है. भोपाल साइबर टीम का दावा है कि तकनीकी अवलोकन में पूछताछ के बाद इन चारों से कुछ बड़े खुलासे होने की उम्मीद है. भोपाल साइबर टीम ने आम जनता के लिए इस तरह के जालसाजों से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है.
साइबर टीम ने जारी की एडवाइजरी
- लोन एप्प से संबंधित कर्मचारियों द्वारा विभिन्न नंबरों से आपको एवं आपके कांटेक्ट लिस्ट के लोगों को लोन रीपेमेंट के लिए बार-बार कॉल करना.
- आपको अश्लील भाषा का प्रयोग कर व्हाट्सएप पर उसकी रिकॉर्डिंग भेजा जाना.
- आपके फोटो के साथ मॉर्फिंग करके सोशल मीडिया में शेयर करने की धमकी दी जाना.
- आपको व आपके कांटेक्ट लिस्ट के सभी लोगों को प्रताड़ित किया जाना.
- व्हाट्सएप ग्रुप क्रिएट कर आपको लोन रीपेमेंट के नाम पर प्रताड़ित किया जाना.
- बहुत कम ड्यूरेशन के लिए लोन दिया जाना.
- अनावश्यक लोन एप्लीकेशन की झंझट में ना पड़ें.
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर जाकर ही लोन एप्प की जांच पड़ताल करने के बाद ही एप्लीकेशन डाउनलोड करें.
- किसी भी एप्लीकेशन को बहुत ही सोच समझ कर अपने फोन में एक्सेस दें.