भोपाल। नए कृषि कानून के विरोध में आज भारत बंद का राजधानी भोपाल में कोई खास असर देखने को नहीं मिला. लेकिन नीलम पार्क में तीन दिनों से जारी किसान यूनियन ने अध्यक्ष ने खुली चेतावनी देते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार जल्द से जल्द कृषि कानून में जल्द से जल्द बदलाव नहीं करती है, तो यह आंदोलन मंदसौर आंदोलन का रूप लेगा.
भारत बंद का राजधानी में नहीं दिखा असर
शहर में मंडियां भी आम दिनों की तरह संचालित हो रही हैं. लोग सब्जियां खरीदने मंडी पहुंच रहे हैं. वहीं राजधानी के नीलम पार्क में पिछले 3 दिनों से धरने पर बैठे किसान यूनियन की संख्या भी बेहद कम नजर आ रहा है. यहां केवल 4 से 5 लोग धरने पर बैठे हुए हैं. हालांकि प्रदेश किसान यूनियन के अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि सरकार ने कृषि कानून में बदलाव नहीं किया है, तो यह आंदोलन, मंदसौर आंदोलन का रूप लेगा.
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बंद के दौरान कांग्रेस नेता नहीं पहुंचे समर्थन देने
किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि किसान यूनियन के साथ कांग्रेस पार्टी समर्थन कर रही है. लेकिन पिछले 3 दिनों से धरने पर बैठने के बाद कांग्रेस का एक भी नेता हमसे मुलाकात करने यहां नहीं पहुंचा. इससे साफ है कि हम किसानों को कांग्रेस का कोई समर्थन नहीं है. हम केवल कृषि कानून कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. सरकार से मांग है कि वह इस बिल में संशोधन करें अगर ऐसा नहीं होता है तो नीलम पार्क का यह आंदोलन अनिश्चितकालीन समय के लिए जारी रहेगा.
क्या है मंदसौर आंदोलन ?
6 जून 2017 को मंदसौर में किसानों ने हिंसक प्रदर्शन किया था, इस आंदोलन के दौरान बैंक, पुलिस चौकी और ट्रेन को निशाना बनाया गया था. कई बसों और दुकानों में भी आग लगा दी गई थी, यही नहीं कई थाने भी आग में जल रहे थे. आंदोलन में करीब छह लोगों की जान चली गई थी. हिंसा के बाद बिगड़े हालात के बाद प्रदेश में शांति स्थापित करने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उपवास किया था.