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bad condition of cows विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनेगी गाएं, जाने क्या चल रही गौवंश पर राजनीति - भोपाल विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनेंगे गौवंश

वैसे तो गौवंश पूरे देश का मुद्दा हैं. लेकिन मध्यप्रदेश में हाईवे पर बैठे गौवंश को लेकर राजनीति ज्यादा ही गर्माने लगी है. माना जा रहा है आगामी विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा भी बन सकते हैं. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पिछली बार की तरह इस बार इसे कैश कराने की जुगत लगा रहे हैं. वहीं गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज भी गौवंश सुरक्षा मामले में आगे आ गए हैं. (mp bhopal bad condition of cows)

mp bhopal bad condition of cows
भोपाल विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनेंगी हाईवे की गाएं
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Published : Sep 28, 2022, 8:59 PM IST

भोपाल। सड़क हादसों को न्योता देती हाईवे पर बैठी गाएं समस्या तो हैं ही, लेकिन 2023 के चुनाव में ये सियासत का भी बड़ा मुद्दा होंगी. मध्यप्रदेश में 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने वचन पत्र के जरिए गायों की राजनीति में एंट्री कराई थी. फिर गौकैबिनेट के साथ सीएम शिवराज ने इस सियासत को पुख्ता किया. लेकिन सवाल ये कि आस्था का केंद्र रहीं गाय को राजनीति का मुद्दा बन जाने के बाद भी हासिल क्या हुआ. इस वक्त मध्यप्रदेश के अलग-अलग हाईवे पर एक्सीडेंट जोन बनकर बैठी गायों के लिए कोई रास्ता निकल पाएगा क्या? (bhopal cows will big issue in assembly elections)

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज बोले मैं देखूंगा हाईवे पर गायों की स्थिति

विदिशा, सागर, मुरैना में गायों से हुए एक्सीडेंटः विदिशा में तो सड़क पर मृत पड़ी गाय की वजह से गंजबासौदा विधायक लीना जैन सड़क दुर्घटना की शिकार हो गई थीं. बाकी रायसेन, सागर, मुरैना में भी हाईवे पर बैठे सैकड़ों की तादात में गौवंश दुर्घटना का सबब बन रहा है. हालांकि अशोक नगर, रायसेन के बाद नरसिंहपुर जिला पंचायत ने ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं कि हाईवे से इन पशुओं को हटाया जाए. हालांकि इसके बाद भी गाये सड़कों पर ही डटी हुई हैं. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज कहते हैं कि हालांकि सड़कों पर घूमने वाले पशु जो हैं वो स्थानीय निकायों का विषय हैं. फिर भी मैं नेशनल हाईवे के दौरे पर निकल रहा हूं. मैं स्वयं देखूंगा कि कैसे इस गौवंश का कहीं प्रबंध किया जा सकता है. उनकी गणना भी की जाएगी. और स्थानीय निकायों से सहयोग लेकर प्रयास होगा कि गौवंश को हाईवे से जल्द से जल्द हटाया जा सके. (mp bhopal know what is going on cow politics) (mp bhopal bad condition of cows)

MP का एक मात्र गौ सेवा संस्थान जहां गौवंश को एडमिट कर किया जाता है इलाज, अब तक 5 हजार गायों को ठीक किया जा चुका है

गौ सेवकों ने किया गायो से किनाराः गौवंश के हालात पर अभी भले निगाह ना जाए लेकिन कांग्रेस बीजेपी ने गौ सेवक होने का दम भरने में पहले कभी कोई कसर नहीं छोड़ी. 2018 में कमलनाथ सरकार तो प्रदेश भर में एक हजार गौशालाएं खोलने के वादे के साथ सत्ता में आई थी. कहा गया था कि इनमें एक लाख निराश्रित गौवंश की देख रेख की जाएगी. जवाब में बीजेपी सवासेर ही रही. शिवराज सरकार में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना की शुरुआत की. कहा गया कि इस पर 256.77 करोड़ रुपये खर्च किए गए. देश में पहली गौकैबिनेट के गठन वाला पहला राज्य भी मध्यप्रदेश ही कहलाया था. (mp bhopal bad condition of cows) (bhopal cows will big issue in assembly elections)

भोपाल। सड़क हादसों को न्योता देती हाईवे पर बैठी गाएं समस्या तो हैं ही, लेकिन 2023 के चुनाव में ये सियासत का भी बड़ा मुद्दा होंगी. मध्यप्रदेश में 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने वचन पत्र के जरिए गायों की राजनीति में एंट्री कराई थी. फिर गौकैबिनेट के साथ सीएम शिवराज ने इस सियासत को पुख्ता किया. लेकिन सवाल ये कि आस्था का केंद्र रहीं गाय को राजनीति का मुद्दा बन जाने के बाद भी हासिल क्या हुआ. इस वक्त मध्यप्रदेश के अलग-अलग हाईवे पर एक्सीडेंट जोन बनकर बैठी गायों के लिए कोई रास्ता निकल पाएगा क्या? (bhopal cows will big issue in assembly elections)

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज बोले मैं देखूंगा हाईवे पर गायों की स्थिति

विदिशा, सागर, मुरैना में गायों से हुए एक्सीडेंटः विदिशा में तो सड़क पर मृत पड़ी गाय की वजह से गंजबासौदा विधायक लीना जैन सड़क दुर्घटना की शिकार हो गई थीं. बाकी रायसेन, सागर, मुरैना में भी हाईवे पर बैठे सैकड़ों की तादात में गौवंश दुर्घटना का सबब बन रहा है. हालांकि अशोक नगर, रायसेन के बाद नरसिंहपुर जिला पंचायत ने ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं कि हाईवे से इन पशुओं को हटाया जाए. हालांकि इसके बाद भी गाये सड़कों पर ही डटी हुई हैं. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज कहते हैं कि हालांकि सड़कों पर घूमने वाले पशु जो हैं वो स्थानीय निकायों का विषय हैं. फिर भी मैं नेशनल हाईवे के दौरे पर निकल रहा हूं. मैं स्वयं देखूंगा कि कैसे इस गौवंश का कहीं प्रबंध किया जा सकता है. उनकी गणना भी की जाएगी. और स्थानीय निकायों से सहयोग लेकर प्रयास होगा कि गौवंश को हाईवे से जल्द से जल्द हटाया जा सके. (mp bhopal know what is going on cow politics) (mp bhopal bad condition of cows)

MP का एक मात्र गौ सेवा संस्थान जहां गौवंश को एडमिट कर किया जाता है इलाज, अब तक 5 हजार गायों को ठीक किया जा चुका है

गौ सेवकों ने किया गायो से किनाराः गौवंश के हालात पर अभी भले निगाह ना जाए लेकिन कांग्रेस बीजेपी ने गौ सेवक होने का दम भरने में पहले कभी कोई कसर नहीं छोड़ी. 2018 में कमलनाथ सरकार तो प्रदेश भर में एक हजार गौशालाएं खोलने के वादे के साथ सत्ता में आई थी. कहा गया था कि इनमें एक लाख निराश्रित गौवंश की देख रेख की जाएगी. जवाब में बीजेपी सवासेर ही रही. शिवराज सरकार में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना की शुरुआत की. कहा गया कि इस पर 256.77 करोड़ रुपये खर्च किए गए. देश में पहली गौकैबिनेट के गठन वाला पहला राज्य भी मध्यप्रदेश ही कहलाया था. (mp bhopal bad condition of cows) (bhopal cows will big issue in assembly elections)

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