मुंबई: भारत-कनाडा के बीच तनातनी की आंच शेयर बाजार तक पहुंच चुकी है. कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB) भारत के बाजार में निवेश करने वाले सबसे बड़े विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में से एक है. दोनों देशों के बीच लगातार रुख बढ़ने के कारण से CPPIB के निवेश वाले अधिक शेयर बिकवाली मोड में दिख रहे है. बता दें कि CPPIB ने पेटीएम, नायका, जोमैटो और डेल्हीवरी जैसी कंपनियों में निवेश कर रखा है. ये वह कंपनियों है जिनका 2 साल में आईपीओ भी आया है. इनके शेयरों में गिरावट भी आई है.
शेयरों में 1-5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. CPPIB के पास शेयरों में क्रमश: 1.47 फीसदी, 1.76 फीसदी, 2.37 फीसदी और 6 फीसदी हिस्सेदारी है. इन चार कंपनियों में CPPIB के लगभग 5,566 रुपये की हिस्सेदारी है. CPPIB इंडस टावर्स में 2.18 फीसदी की हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य 1,087 करोड़ रपये है. वहीं, कोटक महिंद्रा में 2.68 फीसदी की हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य लगभग 9,500 करोड़ रुपये है. सोमवार से ही दोनों बैंकों के स्टॉक नीचे आते दिख रहे है.
FPI फ्लो के मामले में कनाडा 7वां सबसे बड़ा देश
कनाडा की बात करें तो फिलहाल भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) फ्लो के मामले में 7वां सबसे बड़ा देश है. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के मुताबिक, अगस्त के अंत तक कनाडा में रहने वाले एफपीआई के पास लगभग 1.8 ट्रिलियन रुपये थे. डोमेस्टिक कंपनियों के अलावा CPPIB का रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REIT) और इंफ्रा प्रोजेक्ट्स में भी बड़ा निवेश है. इस तनाव ने कारोबार जगत में चिंता बढ़ा दी है.
बड़े व्यापारिक साझेदारी रखने वाले देशों के बीच जारी विवाद से कनाडा में काम करने वाली भारतीय कंपनियों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है. इसके साथ ही वहां किए गए निवेश पर भी प्रभाव देखने को मिल सकता है. भारतीय कंपनियों के अलावा कनाडा के इकोनॉमी पर भी चिंता के बादल घिरे हुए हैं, क्योंकि इन कंपनियों में कनाडा के हजारों लोगों को नोकरियां मिली हुई है.