नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा टिकटॉक और अन्य 58 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के दो दिन बाद टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर ने मंगलवार को भारत में काम करने वाले कंपनी कर्मचारियों को संबोधित किया और उन्हें आश्वासन दिया कि नौकरी में कटौती नहीं होगी.
केविन मेयर के भाषण के हवाले से एक सूत्र ने कहा, "कोई भी नौकरी में कटौती या वेतन में कटौती नहीं होगी क्योंकि बाइटडांस (टिकटॉक की मूल कंपनी) आने वाले वर्षों में भारत में और अधिक निवेश करने का इरादा रखती है."
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मेयर ने लगभग 2,000 भारतीय कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी टीम सरकार के साथ बातचीत कर रही है और बहुत जल्द ही हम इसका समाधान निकाल लेंगे.
सूत्रों के मुताबिक टिकटॉक के भारत प्रमुख निखिल गांधी और हेलो ऐप के प्रमुख रोहन मिश्रा भी बैठक में शामिल थे. उन्होंने भारतीय कर्मचारियों से कहा कि हम अतीत में इसी तरह की स्थितियों से बाहर आ चुके हैं, और हम आशा करते हैं कि यह मुद्दा जल्द ही हल हो जाएगा.
वीडियो-कॉन्फ्रेंस मीट के बाद टिक टॉक सीईओ ने कंपनी के भारतीय कर्मचारियों को एक मेल भी भेजा और कहा, "टिक टॉक भारतीय कानून के तहत सभी डेटा गोपनीयता और सुरक्षा आवश्यकताओं का पालन करना जारी रखता है और उपयोगकर्ता की गोपनीयता और अखंडता पर सर्वोच्च महत्व रखता है."
केविन ने पत्र में आगे लिखा कि, "हमारे कर्मचारी हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं और उनकी भलाई हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हमने दो हजार से अधिक मजबूत कर्मचारियों को भी आश्वासन दिया है कि हम सकारात्मक अनुभव और अवसरों को बहाल करने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ करेंगे जो वे कर सकते हैं."
वहीं, भारत में टिक टॉक के प्रमुख निखिल गांधी ने कहा, "भारत सरकार ने टिक टॉक सहित 59 एप को बंद करने का अंतरिम आदेश जारी किया है. हम इस आदेश का पालन कर रहे हैं. हमें संबंधित सरकारी पक्षों के समक्ष अपनी प्रतिक्रिया और स्पष्टीकरण देने के लिये आमंत्रित किया गया है."
सरकारी सूत्रों ने कहा कि गृह, आईटी, दूरसंचार और कानून मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक संयुक्त सचिव पैनल संभवत: मंगलवार को इन चीनी ऐप के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगा.
सूत्रों ने कहा कि 59 चाइन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का अंतरिम आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक कि सचिव स्तर का पैनल अपना अंतिम निर्णय नहीं ले लेता.
एक सरकारी सूत्र ने कहा, "सभी प्रतिबंधित चाइना ऐप्स बहुत लंबे समय से सरकारी रडार पर थे और उन्होंने भारतीय उपयोगकर्ताओं का डेटा अनधिकृत तरीके से भारत के बाहर के सर्वर में चोरी किया है."