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इंदौर: कुपोषण की समस्या बनी चुनौती, सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा

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Published : Apr 21, 2019, 9:59 AM IST

इंदौर में कुपोषण पर हुए एक सर्वे की रिपोर्ट में 1,440 बच्चे कम वजन की श्रेणी में पाए गए हैं. सर्वे रिपार्ट के बाद इस समस्या की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने योजना बनाई है.

कुपोषण की समस्या

इंदौर। जिले में कुपोषण अभी भी अपनी जड़ फैलाए बैठा है. बीते दिनों हुए सर्वे में 1440 बच्चे कम वजन की श्रेणी में पाए गए हैं. सर्वे के बाद इंदौर कलेक्टर कार्यालय में इस गंभीर मुद्दे के उपाय के लिए एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में विभागों के साथ चर्चा कर जल्द कुपोषण पर रोकथाम हेतु किए जाने वाले उपायों पर चर्चा की गई.

कुपोषण की समस्या


स्मार्ट सिटी इंदौर में सरकार के तमाम योजनाओं के बाद भी कुपोषण खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. कुपोषण बढ़ने के कहीं सारे कारण है जिनमें मुख्य तौर से सबसे ज्यादा जल्द ही स्कूली शिक्षा को छोड़ देना, बाल विवाह और बच्चों की परवरिश या जल्द गर्भधारण के संबंध में महिलाओं को ज्ञान ना होना पाया गया है. इस सर्वे के बाद प्रशासन के सामने कुपोषण और बाल विवाह रोकना दोहरी चुनौती के रूप में सामने आया है.


इंदौर में 6 फरवरी को एमवाई हॉस्पिटल में 1 कुपोषित बच्चे से मिलने खुद स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट आए थे और अधिकारियों को कुपोषण को लेकर जल्द ही कड़े कदम उठाने और उपाय करने के निर्देश दिए थे. बावजूद इसके अभी तक इस मामले में कोई गंभीर कदम नहीं उठाए गए हैं. सर्वे रिपार्ट के बाद इस समस्या के रोकथाम हेतु जिला प्रशासन कुपोषण को प्रचार-प्रसार के माध्यम से रोकने की योजना बनाई है.

इंदौर। जिले में कुपोषण अभी भी अपनी जड़ फैलाए बैठा है. बीते दिनों हुए सर्वे में 1440 बच्चे कम वजन की श्रेणी में पाए गए हैं. सर्वे के बाद इंदौर कलेक्टर कार्यालय में इस गंभीर मुद्दे के उपाय के लिए एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में विभागों के साथ चर्चा कर जल्द कुपोषण पर रोकथाम हेतु किए जाने वाले उपायों पर चर्चा की गई.

कुपोषण की समस्या


स्मार्ट सिटी इंदौर में सरकार के तमाम योजनाओं के बाद भी कुपोषण खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. कुपोषण बढ़ने के कहीं सारे कारण है जिनमें मुख्य तौर से सबसे ज्यादा जल्द ही स्कूली शिक्षा को छोड़ देना, बाल विवाह और बच्चों की परवरिश या जल्द गर्भधारण के संबंध में महिलाओं को ज्ञान ना होना पाया गया है. इस सर्वे के बाद प्रशासन के सामने कुपोषण और बाल विवाह रोकना दोहरी चुनौती के रूप में सामने आया है.


इंदौर में 6 फरवरी को एमवाई हॉस्पिटल में 1 कुपोषित बच्चे से मिलने खुद स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट आए थे और अधिकारियों को कुपोषण को लेकर जल्द ही कड़े कदम उठाने और उपाय करने के निर्देश दिए थे. बावजूद इसके अभी तक इस मामले में कोई गंभीर कदम नहीं उठाए गए हैं. सर्वे रिपार्ट के बाद इस समस्या के रोकथाम हेतु जिला प्रशासन कुपोषण को प्रचार-प्रसार के माध्यम से रोकने की योजना बनाई है.

Intro:एंकर इंदौर जिले में कुपोषण अभी भी अपनी जड़ फैलाए बैठा है जिले में गत दिनों हुए सर्वे में 1440 के बच्चे अति कम वजन की श्रेणी में पाए गए हैं जो एक चिंता का विषय है जिले में हुए सर्वे के बाद इंदौर कलेक्टर कार्यालय में इस गंभीर मुद्दे के उपाय हेतु एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई इस बैठक में विभागों के साथ चर्चा कर जल्द कुपोषण पर रोकथाम हेतु किए जाने वाले उपायों पर चर्चा की गई और किए जा रहे उपायों की समीक्षा की गई


Body:स्मार्ट सिटी इंदौर में सरकार के तमाम योजनाओं के बाद भी कुपोषण खत्म होने का नाम नहीं ले रहा वहीं इस और जिम्मेदार विभाग और अधिकारी क्या कर रहे हैं इसका जवाब किसी के पास नहीं है कुपोषण बढ़ने के कहीं सारे कारण है जिनमें मुख्य तौर से सबसे ज्यादा जल्द ही स्कूली शिक्षा को छोड़ देना बाल विवाह और बच्चों की परवरिश या जल्द गर्भधारण के संबंध में महिलाओं को ज्ञान ना होना पाया गया है इस सर्वे के बाद प्रशासन के सामने कुपोषण और बाल विवाह रोकना दोहरी चुनौती के रूप में सामने आया है


Conclusion:इंदौर में 6 फरवरी को एम वाई हॉस्पिटल में 1 कुपोषित बच्चे से मिलने के लिए स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने दौरा किया था और अधिकारियों को कुपोषण को लेकर जल्द ही कड़े कदम उठाने और उपाय करने के निर्देश दिए थे पर अभी तक इस मामले में कोई गंभीर कदम नहीं उठाए गए हैं जिसका उदाहरण सर्वे में आई रिपोर्ट है इंदौर में 1440 बच्चों का वजन अति कम श्रेणी में आने के बाद जिला प्रशासन की नींद उड़ गई है और अब इस समस्या को रोकथाम हेतु जिला प्रशासन कुपोषण को प्रचार प्रसार के माध्यम से रोकने की योजना बनाई है वह अलग अलग उपायों के माध्यम से कुपोषण पर रोकथाम करने के प्रयास किए जाने की कार्य योजना तैयार की गई है

बाइट लोकेश जाटव कलेक्टर इंदौर
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