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आस्था का केंद्र है गांव के बाहर स्थित ये रहस्यमयी कुआं, गुफा और मंदिर, जानें इसके पीछे की कहानी

छतरपुर स्थित कर्री गांव के बाहर एक प्राचीन हनुमान जी का मंदिर है, साथ ही सिद्ध कुआं भी है. लोगों का मानना है कि इस कुएं का पानी पीने से कई रोग दूर होते हैं.

छतरपुर में प्राचीन हनुमान जी का मंदिर
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Published : Jul 2, 2019, 1:17 PM IST

छतरपुर। जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर खजुराहो राजनगर रोड पर स्थित कर्री गांव के बाहर एक प्राचीन हनुमान जी का मंदिर हैं, जिसे लोग सिद्ध बाबा के नाम से पुकारते हैं. मंदिर के पास एक चमत्कारी कुआं भी है. लोगों का मानना है कि इस कुएं का पानी पीने से कई रोग दूर होते हैं.

छतरपुर में प्राचीन हनुमान जी का मंदिर


जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर खजुराहो राजनगर रोड पर स्थित ग्राम कर्री राजनगर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला एक बड़ा गांव है. इस गांव के बाहर पहाड़ी के नीचे प्राचीन हनुमान जी का मंदिर है, जिसे लोग सिद्ध बाबा के नाम से पुकारते हैं और साथ ही सिद्ध कुआं भी है, जो अपने आप में रहस्य की चादर समेटे हुए है. इस कुएं का पानी कभी खाली नहीं होता. पहाड़ी के ऊपरी हिस्से में मां विराजमान हैं. पहाड़ी के बीचोंबीच रहस्यमयी गुफा है, जहां सप्तऋषियों का आश्रम और गुप्त वास माना जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गुफा का कोई अंत नहीं है. यह गुफा अंदर से काफी अंधेरी और डरावनी है.

इस गुफा के अंदर एक जल स्रोत होने की बात भी कही जाती है, जिसके बहते पानी की आवाज़ संगीत जैसी सुनाई देती है. ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर काफी पुराना है और मंदिर का रास्ता नीचे की तरफ गुफा की ओर जाता है. इस गुफा के बारे में यह भी कहा जाता है कि इसके अंतिम छोर का पता आज तक किसी को नहीं लग पाया. इस गुफा के अंदर कई ऐसे रहस्य हैं, जिनका पता अभी तक नहीं चल पाया है.

छतरपुर। जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर खजुराहो राजनगर रोड पर स्थित कर्री गांव के बाहर एक प्राचीन हनुमान जी का मंदिर हैं, जिसे लोग सिद्ध बाबा के नाम से पुकारते हैं. मंदिर के पास एक चमत्कारी कुआं भी है. लोगों का मानना है कि इस कुएं का पानी पीने से कई रोग दूर होते हैं.

छतरपुर में प्राचीन हनुमान जी का मंदिर


जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर खजुराहो राजनगर रोड पर स्थित ग्राम कर्री राजनगर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला एक बड़ा गांव है. इस गांव के बाहर पहाड़ी के नीचे प्राचीन हनुमान जी का मंदिर है, जिसे लोग सिद्ध बाबा के नाम से पुकारते हैं और साथ ही सिद्ध कुआं भी है, जो अपने आप में रहस्य की चादर समेटे हुए है. इस कुएं का पानी कभी खाली नहीं होता. पहाड़ी के ऊपरी हिस्से में मां विराजमान हैं. पहाड़ी के बीचोंबीच रहस्यमयी गुफा है, जहां सप्तऋषियों का आश्रम और गुप्त वास माना जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गुफा का कोई अंत नहीं है. यह गुफा अंदर से काफी अंधेरी और डरावनी है.

इस गुफा के अंदर एक जल स्रोत होने की बात भी कही जाती है, जिसके बहते पानी की आवाज़ संगीत जैसी सुनाई देती है. ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर काफी पुराना है और मंदिर का रास्ता नीचे की तरफ गुफा की ओर जाता है. इस गुफा के बारे में यह भी कहा जाता है कि इसके अंतिम छोर का पता आज तक किसी को नहीं लग पाया. इस गुफा के अंदर कई ऐसे रहस्य हैं, जिनका पता अभी तक नहीं चल पाया है.

Intro:रहस्यमयी गुफा बनी आस्था का केंद्र

आस्था और अंधविश्वास साथ-साथ चलते हैं क्योंकि इनके बीच विश्वास का महीन सा अंतर होता है।
जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर खजुराहो राजनगर रोड पर स्थित ग्राम कर्री राजनगर ब्लाक के अंतर्गत आने वाला एक बड़ा गांव है। इस गांव के बाहर पहाड़ी के नीचे प्राचीन हनुमान जी का मंदिर हैं जिसे लोग सिद्ध बाबा के नाम से पुकारते हैंBody:जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर खजुराहो राजनगर रोड पर स्थित ग्राम कर्री राजनगर ब्लाक के अंतर्गत आने वाला एक बड़ा गांव है। इस गांव के बाहर पहाड़ी के नीचे प्राचीन हनुमान जी का मंदिर हैं जिसे लोग सिद्ध बाबा के नाम से पुकारते हैं और साथ ही सिद्ध कुआं भी है जो अपने आप में रहस्य का चादर समेटे हुए हैं इस कुए का पानी कभी खाली नहीं होता तथा साथ ही पहाड़ी के ऊपरी हिस्से में मां विराजमान हैं पहाड़ी के बीचो-बीच रहस्यमई गुफा है जहां सप्तऋषियों का आश्रम तथा गुप्त वास माना जाता था गुप्त वास वाले रहस्यमय गुफा में आज भी कोई पैर नही धरता स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गुफा का कोई अंत नहीं है। यह गुफा अंदर से काफी अंधेरी और डरावनी है। इस गुफा के अंदर एक जल स्रोत होने की बात भी कही जाती है, जिसके बहते पानी की आवाज़ संगीत के जैसे सुनाई पड़ती थी इस पहाड़ी पर माँ का मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर काफी पुराना है मंदिर का रास्ता नीचे की तरफ गुफा की ओर जाता है इस गुफा के बारे में यह भी कहा जाता है की इसके अंतिम छोर का पता आज तक किसी को नहीं लग पाया इस गुफा के अंदर कई ऐसे रहस्य है जिनका पता अभी तक नहीं चल पाया है।Conclusion:संस्कृति का उदाहरण पेश करती स्थापथ की इस विद्या का औचित्य चाहे कुछ भी रहा हो ए तो निश्चित है कि उस काल की संस्कृति में ऐसी कला का महत्वपूर्ण स्थान था
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