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बिजली कटौती पर CM कमलनाथ के मंत्रियों के अलग-अलग राग, सबने बताई अलग वजह

प्रदेश में बिजली कटौती को लेकर सूबे की सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी प्रदर्शन कर लोगों को दिग्विजय सिंह शासनकाल की याद दिला रही है, हालांकि बिजली कटौती को लेकर कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के सुर अलग-अलग हैं.

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Published : Jun 17, 2019, 5:08 PM IST

मंत्रियों के बदलते रंग

भोपाल। प्रदेश में बिजली कटौती का मुद्दा गर्माया हुआ है. जहां एक तरफ जनता भीषण गर्मी में बिजली कटौती से परेशान है, वहीं प्रदेश सरकार के अलग-अलग मंत्री बिजली कटौती पर अलग-अलग राग अलाप रहे हैं.

मंत्रियों के बदलते रंग


वित्त मंत्री तरुण भनोट
वित्त मंत्री तरुण भानोट कैबिनेट बैठक में बिजली कटौती के पीछे बीजेपी की शरारत बता चुके हैं. उन्होंने अपने क्षेत्र के ऐसे कुछ फोटो भी सोशल मीडिया पर जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि लोगों ने जानबूझकर तार फेंककर फॉल्ट कराया.


स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट
स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि यह सब बीजेपी योजनाबद्ध तरीके से कर रही है. पहले फॉल्ट कराकर बिजली का मुद्दा बनाती है और फिर सड़क पर उतर रही है.


सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह
सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ट्रिपिंग के लिए बीजेपी शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि शिवराज सरकार के दौरान बिजली की केबल ट्रांसफार्मर और अन्य उपकरण बेहद घटिया स्तर की खरीदे गए.


पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव
पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव इसके लिए बिजली कर्मचारियों की लापरवाही ज्यादा मानते हैं. उनका कहना है कि यदि घटिया सामान खरीदा गया होता तो फिर बिजली आपूर्ति शिवराज सरकार के समय भी बाधित होनी चाहिए थी, हालांकि सरकार बिजली के घटिया सामान की खरीदी से इनकार नहीं कर रही.


ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह
ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह का कहना है कि बिजली के घटिया सामान की खरीदी हुई है, हालांकि इसकी जांच के मामले में उनके स्वर 12 दिन बाद ही बदल गए हैं. अब ऊर्जा मंत्री का कहना है कि बिजली उपकरणों की क्वॉलिटी चेक करने के लिए सभी सर्किल ऑफिस कॉल लॉग बुक मेंटेन करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बाद पता चल सकेगा कि कौन से उपकरण लगातार खराब हो रहे हैं. इससे घटिया क्वॉलिटी के उपकरण का पता चल सकेगा. इसके बाद ही कार्रवाई की जा सकेगी.

भोपाल। प्रदेश में बिजली कटौती का मुद्दा गर्माया हुआ है. जहां एक तरफ जनता भीषण गर्मी में बिजली कटौती से परेशान है, वहीं प्रदेश सरकार के अलग-अलग मंत्री बिजली कटौती पर अलग-अलग राग अलाप रहे हैं.

मंत्रियों के बदलते रंग


वित्त मंत्री तरुण भनोट
वित्त मंत्री तरुण भानोट कैबिनेट बैठक में बिजली कटौती के पीछे बीजेपी की शरारत बता चुके हैं. उन्होंने अपने क्षेत्र के ऐसे कुछ फोटो भी सोशल मीडिया पर जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि लोगों ने जानबूझकर तार फेंककर फॉल्ट कराया.


स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट
स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि यह सब बीजेपी योजनाबद्ध तरीके से कर रही है. पहले फॉल्ट कराकर बिजली का मुद्दा बनाती है और फिर सड़क पर उतर रही है.


सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह
सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ट्रिपिंग के लिए बीजेपी शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि शिवराज सरकार के दौरान बिजली की केबल ट्रांसफार्मर और अन्य उपकरण बेहद घटिया स्तर की खरीदे गए.


पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव
पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव इसके लिए बिजली कर्मचारियों की लापरवाही ज्यादा मानते हैं. उनका कहना है कि यदि घटिया सामान खरीदा गया होता तो फिर बिजली आपूर्ति शिवराज सरकार के समय भी बाधित होनी चाहिए थी, हालांकि सरकार बिजली के घटिया सामान की खरीदी से इनकार नहीं कर रही.


ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह
ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह का कहना है कि बिजली के घटिया सामान की खरीदी हुई है, हालांकि इसकी जांच के मामले में उनके स्वर 12 दिन बाद ही बदल गए हैं. अब ऊर्जा मंत्री का कहना है कि बिजली उपकरणों की क्वॉलिटी चेक करने के लिए सभी सर्किल ऑफिस कॉल लॉग बुक मेंटेन करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बाद पता चल सकेगा कि कौन से उपकरण लगातार खराब हो रहे हैं. इससे घटिया क्वॉलिटी के उपकरण का पता चल सकेगा. इसके बाद ही कार्रवाई की जा सकेगी.

Intro:बिजली का घटिया सामान खरीदे जाने के मामले में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री के स्वर 12 दिन में ही बदल गए हैं. पहले उन्होंने मामले की जांच कराने का बयान दिया था। यह स्थिति तब है जब उनके ही सीनियर मंत्री बिजली के घटिया सामान खरीदे जाने की मांग उठा चुके हैं उधर प्रदेश में हो रही बिजली कटौती के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है. सरकार के नुमाइंदों के मुताबिक बीजेपी जानबूझकर लाइन में फॉल्ट करा रही है. ऐसे डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों के खिलाफ विभाग पुलिस में शिकायत दर्ज कराई चुकी है जिसमें से 50 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके हैं.


Body:प्रदेश में बिजली कटौती को लेकर सूबे की सियासत गरमाई हुई है बीजेपी प्रदर्शन कर लोगों को दिग्विजय सिंह की याद दिला रही है हालांकि बिजली कटौती को लेकर कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के स्वर ही अलग अलग है. वित्त मंत्री तरुण भानोट कैबिनेट बैठक में बिजली कटौती के पीछे बीजेपी की शरारत बता चुके हैं. उन्होंने अपने क्षेत्र के ऐसे कुछ फोटो भी सोशल मीडिया पर जारी किए और बताया कि लोगों ने जानबूझकर तार फेंककर फॉल्ट कराया। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट कहते हैं कि यह सब बीजेपी योजनाबद्ध तरीके से कर रही है। पहले फॉल्ट कराकर बिजली का मुद्दा बनाती है और फिर सड़क पर उतर रही है. सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ट्रिपिंग के लिए बीजेपी शासन काल में हुए भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं उनका कहना है कि शिवराज सरकार के दौरान बिजली की केबल ट्रांसफार्मर और अन्य उपकरण बेहद घटिया स्तर की खरीदे गए इस साल गर्मी का रिकॉर्ड टूटने से गड़बड़ी सामने आ गई हालांकि पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव इसके लिए बिजली कर्मचारियों की लापरवाही ज्यादा मानते हैं उनका कहना है कि यदि घटिया सामान खरीदा गया होता तो फिर बिजली आपूर्ति शिवराज सरकार के समय भी बाधित होनी चाहिए थी. हालांकि सरकार बिजली के घटिया सामान की खरीदी से इनकार नहीं कर रही । उर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह मानते हैं कि बिजली के घटिया सामान की खरीदी हुई है हालांकि इसकी जांच के मामले में उनके स्वर 12 दिन बाद ही बदल गए हैं।कुछ दिन पहले उन्होंने इसकी जांच कराने के लिए कहा था कि तत्काल इसकी कमेटी गठित की आ रही है। लेकिन अब ऊर्जा मंत्री का कहना है कि बिजली उपकरणों की क्वालिटी चेक करने के लिए सभी सर्किल ऑफिस कॉल लॉग बुक मेंटेन करने के निर्देश दिए गए हैं इसके बाद पता चल सकेगा कि कौन से उपकरण लगातार खराब हो रहे हैं इससे घटिया क्वालिटी के उपकरण का पता चल सकेगा इसके बाद ही कार्रवाई की जा सकेगी।


Conclusion:वैसे भी मीसा बंदियों की जांच और नर्मदा किनारे पौधारोपण की जांच का मामला सरकार को उल्टा पड़ गया है। दोनों ही मामलों की जांच में कुछ भी हाथ नहीं लगा। शायद यही वजह है की सरकार मामलों की जांच से ज्यादा बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने में गंभीरता दिखा रही है।
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