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अनदेखी से प्यासे हैं बैगा आदिवासी, बेखबर शासन- प्रशासन - पीएचई ने किया भ्रष्टचार

ग्रामीणों की माने तो मेहदवानी विकास खंड के बैगान टोला में पीएचई विभाग द्वारा  नल जल योजना के तहत करीब 17 लाख रूपये से ज्यादा की पाइप लाइन बिछाई गयी थी लेकिन 15 सालों में महज एक दिन ही बैगाओं को स्वच्छ पानी नसीब हुआ

पानी के लिए तरसते बैगा आदिवासी
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Published : Mar 10, 2019, 3:11 PM IST

डिंडौरी। बैगा आदिवासियों के नाम पर जहां एक तरफ सरकार तमाम योजनाएं चला रही है. वहीं दूसरी तरफ पीएचई विभाग द्वारा नल-जल योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया गया. जिसका खमियाजा बैगाओं को भुगतना पड़ रहा है.

ग्रामीणों की माने तो मेहदवानी विकास खंड के बैगान टोला में पीएचई विभाग द्वारा नल जल योजना के तहत करीब 17 लाख रूपये से ज्यादा की पाइप लाइन बिछाई गयी थी लेकिन 15 सालों में महज एक दिन ही बैगाओं को स्वच्छ पानी नसीब हुआ

people of Bagga
पानी के लिए तरसते बैगा आदि

बैगान टोला के रहवासी गांव से दूर एकमात्र कुएं से पानी भर कर अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं कुएं का पानी भी गर्मी के दिनों में सूख जाता है. जिसके रिसने के बाद सूरज की किरण निकलने से पहले ही लोगों को लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है.वहीं बारिश के दिनों में महिलाओ को कीचड़ का सामना करना पड़ता है क्योंकि कुआ खेत के बीचों बीच बना है.

पानी के लिए तरसते बैगा आदि

बैगान टोला के रहवासियों की मजबूरी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस कुएं से ये लोग अपनी प्यास बुझाते हुए है उसी कुएं से मवेशी भी अपनी प्यास मिटाते है. वहीं जब मेहदवानी पंचायत के सचिव गणेश प्रसाद साहू से इस मामले में बात की गई तो उनका कहना है कि बीते 15 साल पहेल जो पाइप लाइन पीएचई द्वारा लगाई गयी है वह सड़ गल चुकी है.क्योंकि पाइपलाइन घटिया क्वालिटी की इस्तेमाल की गई थी जिसके चलते समय के पहले ही पाइल लाइन ने दम तोड़ दिया.

डिंडौरी। बैगा आदिवासियों के नाम पर जहां एक तरफ सरकार तमाम योजनाएं चला रही है. वहीं दूसरी तरफ पीएचई विभाग द्वारा नल-जल योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया गया. जिसका खमियाजा बैगाओं को भुगतना पड़ रहा है.

ग्रामीणों की माने तो मेहदवानी विकास खंड के बैगान टोला में पीएचई विभाग द्वारा नल जल योजना के तहत करीब 17 लाख रूपये से ज्यादा की पाइप लाइन बिछाई गयी थी लेकिन 15 सालों में महज एक दिन ही बैगाओं को स्वच्छ पानी नसीब हुआ

people of Bagga
पानी के लिए तरसते बैगा आदि

बैगान टोला के रहवासी गांव से दूर एकमात्र कुएं से पानी भर कर अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं कुएं का पानी भी गर्मी के दिनों में सूख जाता है. जिसके रिसने के बाद सूरज की किरण निकलने से पहले ही लोगों को लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है.वहीं बारिश के दिनों में महिलाओ को कीचड़ का सामना करना पड़ता है क्योंकि कुआ खेत के बीचों बीच बना है.

पानी के लिए तरसते बैगा आदि

बैगान टोला के रहवासियों की मजबूरी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस कुएं से ये लोग अपनी प्यास बुझाते हुए है उसी कुएं से मवेशी भी अपनी प्यास मिटाते है. वहीं जब मेहदवानी पंचायत के सचिव गणेश प्रसाद साहू से इस मामले में बात की गई तो उनका कहना है कि बीते 15 साल पहेल जो पाइप लाइन पीएचई द्वारा लगाई गयी है वह सड़ गल चुकी है.क्योंकि पाइपलाइन घटिया क्वालिटी की इस्तेमाल की गई थी जिसके चलते समय के पहले ही पाइल लाइन ने दम तोड़ दिया.

Intro:एंकर _ आदिवासी जिला डिंडौरी में बैगा आदिवासियों के नाम पर प्रदेश सहित देश की सरकार तमाम प्रकार की शासकीय योजनाएं संचालित कर रही है इसके लिए बाकायदा विभाग भी बनाये गए है।जिनका मूल कार्य है उन क्षेत्रों पर ध्यान देना जहाँ बैगा लोग निवास करते है। बात अगर डिंडौरी जिले के मेहदवानी विकास खंड के बैगान टोला की करे तो यहाँ पीएचई विभाग के द्वारा भ्रस्टाचार जमकर कर किया गया है वह भी 17 लाख से ज्यादा का। ग्रामीणों की माने तो लगभग 10 से 15 वर्ष पहले बैगान टोला में नल जल योजना के तहत 17 लाख रुपये से ज्यादा की पाइप लाइन बिछाई गई थी लेकिन महज एक दिन वह यहाँ के बैगाओं की प्यास बुझा पाई । अब वह पाइप लाइन हवा फेक रही है।


Body:वि ओ 01 _भ्रस्टाचार की बानगी मेहदवानी पंचायत के बैगान टोला को देखने को मिलती है जहाँ लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद बैगाओं को एक दिन ही स्वस्छ पानी नसीब हो पाया है।बीते 10 वर्षों के बात करे तो साल भर ठंड,गर्मी,बरसात में गाँव से दूर एक मात्र कुएं से ही बैगान टोला के रहवासी पानी भर कर अपना जीवन यापन करने को मजबूर है।कुएं का पानी भी गर्मी के दिनों में सूख जाता है जिसके रिसने के बाद सूरज की किरण निकलने से पहले लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है।वही बारिश के दिनों में तो महिलाओ को कीचड़ का सामना करना पड़ता है क्योंकि कुआ खेत के बीचों बीच बना है।वही बैगान टोला में नियमित संचालित होनी वाली आँगनवाड़ी जहाँ बैगाओं के बच्चे जाते है।वहाँ भी कुएं के पानी से दिनभर का संचालन किया जाता है।

वि ओ 02 _ ऐसा नही है कि कुएं का पानी साफ और शुद्ध रहता है।खुले कुएं में धूल डस्ट के साथ ऊपरी परत में कीड़े बिलबिलाते है जिन्हें छान कर बैगा बच्चो को पीने के लिए पानी मुहैया कराना पड़ता है।वही बैगान टोला के ग्रामीण अपने मवेशियों को भी उसी कुएं के पानी से प्यास बुझाते है। वही मेहदवानी पंचायत के सचिव गणेश प्रसाद साहू से जब इस मामले में बात की गई तो उनका कहना है कि बीते 15 वर्ष पूर्व पीएचई विभाग के द्वारा बैगान टोला में पाइप लाइन बिछाई गई थी लेकिन एक दिन ही उससे पानी मिला।पाइप लाइन को जब खुदवाकर देखा गया तो वह सड़ गल चुकी थी गौरतलब है कि पाइपलाइन घटिया क्वालिटी की इस्तेमाल की गई थी जिसके चलते वह समय के पहले ही दम तोड़ दी।वही सचिव अब दोबारा इस्टीमेट तैयार कर 100 मीटर की पाइपलाइन बिछाने की बात कह रहे है।


Conclusion:बाइट_ भूरी बाई,आँगन वाड़ी कार्यकर्ता
बाइट_ बैगा महिला
बाइट_ गणेश प्रसाद साहू,सचिव मेहदवानी
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