इंदौर। नगर निगम ने रावजी बाजार में एक मकान को गिराने की कार्रवाई की. जिस मकान को धराशायी किया जा रहा था, वह काफी जर्जर हो चुका था. हालांकि निगम ने मकान मालिक और 22 किराएदारों को नोटिस दिया था, लेकिन लोगों ने निगम के नोटिस का कोई जवाब ही नहीं दिया. जिसके चलते निगम के अमले ने भवन को तोड़ने की कार्रवाई की.
बता दें कि जर्जर मकान में किराएदार और मकान मालिक के बीच कब्जे को लेकर विवाद चल रहा था. मकान सालों पुराना था और इसकी मरम्मत नहीं कराई जा रही थी. ये कभी भी धराशायी हो सकता था. मकान तोड़ने से पहले निगम को घर खाली कराने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. इस दौरान लोगों ने निगम की कार्रवाई का भारी विरोध भी किया. इस मामले में निगम अधिकारी महेन्द्र सिंह ने कहा कि मकान जर्जर हालत में था. मकान में रहने वाले
लोगों को 2 साल से मकान खाली करने के लिए कहा जा रहा था. इसके बाद भी उन्होंने मकान खाली नहीं किया. निगम अधिकारी ने बताया कि निगम द्वारा 3 दिन पहले ही नोटिस दिया गया था, लेकिन किसी ने नोटिस लिया ही नहीं.मकान गिराने की कार्रवाई के दौरान सालों से रहते आ रहे लोगों की आंखों में आंसू थे. किराएदारों का आरोप है कि निगम ने कार्रवाई से पहले उन्हें मकान खाली कराने का कोई भी अग्रिम नोटिस या मोहलत नहीं दिया. मकान में रहने वाले लोगों ने कहा कि निगम ने रात को नोटिस चस्पा कर सुबह मकान तोड़ने की कार्रवाई की.