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प्रशासन के आंखों के सामने होता है अवैध काम, फिर भी अफसर नहीं दे रहे ध्यान

अधिकारी के नाक के नीचे से ही सरेआम रेत माफिया बीच नदी से रेत का उत्खनन कर रहे है. 24 घंटे टैक्टर ट्राली बीच नदी मे पहुंच कर रेत उत्खनन करते रहते है, लेकिन होशंगाबाद के अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं

नर्मदा नदी में हो रहा अवैध रेत खनन
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Published : May 15, 2019, 9:40 AM IST

होशंगाबाद। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार प्रशासनिक सर्जरी करने के बावजूद नर्मदा नदी में रेत उत्खनन बंद नहीं करा सकी है. नर्मदा नदी में अवैध रेत खनन 2 जिलों की सीमाओं के निर्धारण के कारण बंद नहीं हो पा रहा है.

नर्मदा नदी में हो रहा अवैध रेत खनन

नर्मदा नदी दो जिले की सीमाओं को बांटती है. एक तरफ होशंगाबाद जिला वहीं दूसरी तरफ सीहोर जिला. सीहोर जिले से खनन माफिया नर्मदा से रेत उत्खनन करते हैं. मामले की जानकारी होने के बावजूद होशंगाबाद प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता. होशंगाबाद जिला प्रशासन दूसरे जिले की सीमा की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ लेता है.

प्रशासन की ओर न की जाने वाली कार्रवाई का नतीजा है कि नर्मदा में लगातार रेत उत्खनन हो रहा है. कमिश्नर से लेकर कलेक्टर तक सभी वरिष्ठ अधिकारियों के ऑफिस नदी किनारे हैं. इनके ऑफिस उसे स्पष्ट रूप से उत्खनन होते हुए नजारे देखे जा सकते हैं. फिर भी कोई अधिकारी अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की

होशंगाबाद। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार प्रशासनिक सर्जरी करने के बावजूद नर्मदा नदी में रेत उत्खनन बंद नहीं करा सकी है. नर्मदा नदी में अवैध रेत खनन 2 जिलों की सीमाओं के निर्धारण के कारण बंद नहीं हो पा रहा है.

नर्मदा नदी में हो रहा अवैध रेत खनन

नर्मदा नदी दो जिले की सीमाओं को बांटती है. एक तरफ होशंगाबाद जिला वहीं दूसरी तरफ सीहोर जिला. सीहोर जिले से खनन माफिया नर्मदा से रेत उत्खनन करते हैं. मामले की जानकारी होने के बावजूद होशंगाबाद प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता. होशंगाबाद जिला प्रशासन दूसरे जिले की सीमा की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ लेता है.

प्रशासन की ओर न की जाने वाली कार्रवाई का नतीजा है कि नर्मदा में लगातार रेत उत्खनन हो रहा है. कमिश्नर से लेकर कलेक्टर तक सभी वरिष्ठ अधिकारियों के ऑफिस नदी किनारे हैं. इनके ऑफिस उसे स्पष्ट रूप से उत्खनन होते हुए नजारे देखे जा सकते हैं. फिर भी कोई अधिकारी अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की

Intro:होशंगाबाद। प्रदेश मे सरकार बदल चुकी है नई सरकार द्वारा पूरा आला प्रशासन को बदल दिया लेकिन नर्मदा जी मे रेत खनन को बन्द नही कर सका है नर्मदा नदी 2 जिलों की सीमाओं के निर्धारण के कारण अपने आप को नही बचा पाई है। ओर लगतार सीमा के कारण छलि होती जा रही है ।


Body:अधिकारी के नाक के नीचे से ही सरेआम रेत माफिया बीच नदी से रेत का उत्खनन कर रहे है इसे शहर के बीचो बीच के किसी भी नर्मदा घाट से देखा जा सकता है 24 घंटे टैक्टर ट्राली बीच नदी मे पहुंच कर रेत उत्खनन करते रहते है । लेकिन होशंगाबाद जिले के अधिकारी कार्रवाई नही कर पा रहे है दरअसल नर्मदा नदी 2 जिले की सीमाओं को बांटती है एक तरफ होशंगाबाद जिला वहीं दूसरी तरफ सीहोर जिला। सिहोर जिले से टैक्टर ट्राली नदी मे उतरकर खनन करती है और होशंगाबाद प्रशासन देखता रहता है । वही होशंगाबाद जिला प्रशासन सीमा की बात कहकर आँख बन्द कर लेता है । लेकिन इस बीच मां नर्मदा की गोद से लगातार रेत उत्खनन होता रहता है। आपको बता दें कि सभी वरिष्ठ अधिकारी कमिश्नर से लेकर कलेक्टर तक सभी वरिष्ठ अधिकारियों के ऑफिस नदी किनारे हैं इनके ऑफिस उसे स्पष्ट रूप से उत्खनन होते हुए नजारे देखे जा सकते हैं लेकिन अधिकारी किसी भी तरीके से कार्रवाई नहीं कर पाते है ।


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