होशंगाबाद। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार प्रशासनिक सर्जरी करने के बावजूद नर्मदा नदी में रेत उत्खनन बंद नहीं करा सकी है. नर्मदा नदी में अवैध रेत खनन 2 जिलों की सीमाओं के निर्धारण के कारण बंद नहीं हो पा रहा है.
नर्मदा नदी दो जिले की सीमाओं को बांटती है. एक तरफ होशंगाबाद जिला वहीं दूसरी तरफ सीहोर जिला. सीहोर जिले से खनन माफिया नर्मदा से रेत उत्खनन करते हैं. मामले की जानकारी होने के बावजूद होशंगाबाद प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता. होशंगाबाद जिला प्रशासन दूसरे जिले की सीमा की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ लेता है.
प्रशासन की ओर न की जाने वाली कार्रवाई का नतीजा है कि नर्मदा में लगातार रेत उत्खनन हो रहा है. कमिश्नर से लेकर कलेक्टर तक सभी वरिष्ठ अधिकारियों के ऑफिस नदी किनारे हैं. इनके ऑफिस उसे स्पष्ट रूप से उत्खनन होते हुए नजारे देखे जा सकते हैं. फिर भी कोई अधिकारी अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की