इंदौर।आईआईटी ने कोरोना महामारी के दौरान भी अपना नाम देश भर में रोशन किया है. इंदौर आईआईटी ने वैश्विक स्तर पर अपनी रैंकिंग में सुधार किया है. जिसके चलते अब आईआईटी इंदौर को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में विशेष प्रोजेक्ट के तहत 100 करोड़ रुपए की ग्रांट देने का निर्णय लिया गया है. इसके माध्यम से आईआईटी इंदौर में विभिन्न कार्य किए जाएंगे.
आईआईटी इंदौर को सिस्टम सिमुलेशन मॉडलिंग और साइबर भौतिक प्रणालियों के विजुलाइजेशन पहलुओं पर टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी. यह प्रस्ताव आईआईटी इंदौर के 8 संख्याओं के सदस्यों द्वारा रखा गया था, जिसे मंजूर कर लिया गया है. जिसके चलते अब कुशल मानव संसाधनों के विकास में आईआईटी इंदौर का यह हब योगदान देगा.
आईआईटी इंदौर साइबर फिजिकल सिस्टम्स क्षेत्र में कौशल वृद्धि प्रौद्योगिकी विकास और उत्पाद व्यवसायीकरण को लेकर विस्तृत योजना बनाई हैं. उसी को लेकर यह हब काम करेगा. मुख्य तौर पर आधुनिक प्रणालियों में इंटरनेट ऑफ थिंग्स की तैनाती के जरिए व्यापक रूप से परस्पर जुड़े रहने के साथ डिजिटल उपयोगिता को दर्शाया जाता है.
सीपीएस के रूप में पहचाने जाने वाले इस सिस्टम में डाटा एनालिटिकल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके निर्णय लेने में सक्षमता होती है. आईआईटी का यह हब आने वाले दिनों में टेक्नोलॉजी को लेकर एक बड़ी उपलब्धि होगी, जो कई तरह की सुविधाएं प्रदान करेगी.