पन्ना। अभी तक आप सभी ने लोगों को बीमार होते हुए देखा और सुना होगा, लेकिन पन्ना में एक ऐसी परंपरा है, जहां खुद भगवान भी बीमार हो जाते हैं. डेढ़ शताब्दी से अधिक पुरानी हो चुकी ये परंपरा ऐतिहासिक जगन्नाथ स्वामी के प्रसिद्ध मंदिर में मनाई जाती है.
दरअसल भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र को ज्येष्ठ शुक्ल की पूर्णिमा को स्नान के लिए मंदिर के गर्भ गृह से बाहर लाकर एक बड़े बर्तन में स्नान कराया जाता है, जिस कारण से भगवान जगन्नाथ को लू लग जाती है और भगवान बीमार हो जाते हैं. इसके बाद 15 दिनों तक भगवान का जड़ी-बूटियों से उपचार किया जाता है. पन्ना जिले में यह परंपरा पुरी के मंदिर की तर्ज पर मनाई जाती है. भगवान के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. जब भगवान 15 दिन बाद ठीक हो जाते हैं, तो छप्पन भोग लगाकर 9 दिनों की रात यात्रा सम्पन हो जाती है.