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विदिशा: वन विभाग की तानाशाही से कई परिवार हुए बेघर, झुग्गियां हटवा कर उगा रहे हैं पौधे

सिरोंज तहसील के निकॉन गांव में वन विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. बताया जा रहा है कि यह अतिक्रमणकारी यहां 20 से 30 साल से रह रहे थे.

वन विभाग की तानाशाही
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Published : Apr 7, 2019, 3:00 PM IST

विदिशा। तीस साल से झुग्गियों में जीवन बिता रहे गरीबों पर वन विभाग की तानाशाही का मामला सामने आया है. यहां अतिक्रमण के नाम पर एक दर्जन से अधिक परिवारों के आशियानों को नष्ट कर दिया गया. इन झुग्गियों की जगह वन विभाग को पौधे लगाने वाले हैं.

सिरोंज तहसील के निकॉन गांव में वन विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. बताया जा रहा है कि यह अतिक्रमणकारी यहां 20 से 30 साल से रह रहे थे. वन विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बाद एक दर्जन से अधिक परिवार बेघर हो चुके हैं. वृक्षारोपण क्षेत्र में बने घरों पर बिल्डोजर चला कर उन्हें नष्ट किया जा चुका है.

वन विभाग की तानाशाही

बेलदार समाज के अध्यक्ष सरपंच ने इस पूरी कार्रवाई को गलत ठहराया है. साथ ही प्रशासन से बेघर हुए लोगों को दूसरी जगह स्थापित करने की मांग की हैं. उनका कहना है कि बिना नोटिस के गरीबों के मकान तोड़े गए है, जो सरकारी गतिविधियों के विरुद्ध है. वहीं वन विभाग के अधिकारियों ने अपनी सफाई में कहा है कि वन विभाग की भूमि से अतिक्रमणकारियों को हटाया गया है. जिससे वृक्षारोपण क्षेत्र का पूरा इस्तेमाल किया जा सके.

विदिशा। तीस साल से झुग्गियों में जीवन बिता रहे गरीबों पर वन विभाग की तानाशाही का मामला सामने आया है. यहां अतिक्रमण के नाम पर एक दर्जन से अधिक परिवारों के आशियानों को नष्ट कर दिया गया. इन झुग्गियों की जगह वन विभाग को पौधे लगाने वाले हैं.

सिरोंज तहसील के निकॉन गांव में वन विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. बताया जा रहा है कि यह अतिक्रमणकारी यहां 20 से 30 साल से रह रहे थे. वन विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बाद एक दर्जन से अधिक परिवार बेघर हो चुके हैं. वृक्षारोपण क्षेत्र में बने घरों पर बिल्डोजर चला कर उन्हें नष्ट किया जा चुका है.

वन विभाग की तानाशाही

बेलदार समाज के अध्यक्ष सरपंच ने इस पूरी कार्रवाई को गलत ठहराया है. साथ ही प्रशासन से बेघर हुए लोगों को दूसरी जगह स्थापित करने की मांग की हैं. उनका कहना है कि बिना नोटिस के गरीबों के मकान तोड़े गए है, जो सरकारी गतिविधियों के विरुद्ध है. वहीं वन विभाग के अधिकारियों ने अपनी सफाई में कहा है कि वन विभाग की भूमि से अतिक्रमणकारियों को हटाया गया है. जिससे वृक्षारोपण क्षेत्र का पूरा इस्तेमाल किया जा सके.

Intro:आसमान से बरसती आग , दहकती जमीन गर्म लपटों के सांथ चढ़ता पारा इन सबके बीच खुले आसमान के नीचे बिलखती कई ज़िंदगियाँ
तीस साल से झुग्गियों में पलती कई जिंदगियां आज विकास के नाम पर खुले खुले आसमान के नीचे आ खड़ी हुई एक दर्जन से अधिक परिबारो के सपनो के आशियाने पर वन विभाग का तानाशाही बिल्डोजर केवल इसलिए चला दिया गया कि इन झुग्गियों की जगह वन विभाग को पौधे लगाना है ।




Body:तहसील सिरोंज के ग्राम निकॉन में वन विभाग का बिल्डोजर चलता रहा अरमान ओर सपनो की एक एक ईंट बिखरती रही अपने घर को उजड़ता देख मां और बचपन बिलखता रहा देखते ही देखते कई परिबारो के सर से आशियाना का साया उजड़ गया और दर्जन से अधिक परिवार आ गए आग उगलते सूरज तपती जमी की गोद मे ।
जिले के सिरोंज तहसील के ग्राम निकॉन में बेलदार समाज जंगलो में करीब 30 साल बस रहे परिबारो को अचानक वन विभाग ने इसलिए उजाड़ दिया क्योंकि इनकी जगह वन विभाग को पौधे लगाने हैं अतिक्रमण का नाम देकर लोगो को बेघर कर दिया वन विभाग ने अपनी सफाई में हवाले देते हुए कहा ये लोग जमीन पर कब्जा किया था जिससे अतिक्रमण हटाकर जमीन को मुक्त कराया है जबकि रह रहे परिबारो का दावा है हम इस जगह 30 साल से काबिज हैं ।


Conclusion:चौबीस घण्टे बीत जाने के बाद भी बेघर हुए लोगो को प्रशासन ने रहने के इन्तेजाम नही किये एक दर्जन से अधिक परिवार आज भी यूं ही खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है बेलदार समाज के अध्यक्ष सरपंच इस पूरी कार्यवाही को गलत बताते है वही प्रशासन से लोगो को दूसरी जगह स्थापित करने की मांग कर रहे हैं
चुनाव के पहले इन गरीबो को बसाने के लाख दावे किए जाते है विधानसभा चुनाव के पहले जंगलो में काबिज परिबारो को पूर्व सरकारों ने पट्टे देने की बात कहकर खूब वोट बटोरे समय के साँथ यह दावे भी सरकारी सिस्टम में कहीं दफन हो गए चुनाव जाते ही गरीब घरो से बेघर हो जाता है चुनाव आते ही हर गरीव को घर मिलने का दाबा किया जाने लगता है इन सबके बीच गरीव पांच साल तक सरकार सिस्टम से गुहार लगाता ही नज़र आता है ।
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