खरगोन। बड़वाह क्षेत्र में बसे अस्तरीया गांव में नहर का पानी ओवरफ्लो होने से सैकड़ों किसानों की करीब 500 एकड़ तैयार कपास की फसल बर्बाद हो गयी. किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है. गांव से निकलने वाली ओंकारेश्वर परियोजना के तहत बहने वाली नहर तय लेवल से ऊपर बहने के कारण शाम से ही पानी खेतों में भरने लगा.
प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ी 5 सौ एकड़ कपास की फसल, सदमे में किसान - crop waste
खरगोन जिले के अस्तरीया गांव में नहर के ओवरफ्लो होने से 5 सौ एकड़ में तैयार कपास की फसल जलमग्न हो गयी. किसानों का आरोप है कि सूचित करने के बावजूद अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
खरगोन। बड़वाह क्षेत्र में बसे अस्तरीया गांव में नहर का पानी ओवरफ्लो होने से सैकड़ों किसानों की करीब 500 एकड़ तैयार कपास की फसल बर्बाद हो गयी. किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है. गांव से निकलने वाली ओंकारेश्वर परियोजना के तहत बहने वाली नहर तय लेवल से ऊपर बहने के कारण शाम से ही पानी खेतों में भरने लगा.
खरगोन। बड़वाह क्षेत्र में बसे अस्तरीया गांव में नहर का पानी ओवरफ्लो होने से सैकड़ों किसानों की करीब 500 एकड़ तैयार कपास की फसल बर्बाद हो गयी. किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है. गांव से निकलने वाली ओंकारेश्वर परियोजना के तहत बहने वाली नहर तय लेवल से ऊपर बहने के कारण शाम से ही पानी खेतों में भरने लगा.
लगातार 24 घंटे तक बहे पानी से पांच किलोमीटर तक के भूभाग में आने वाले बड़वाह व महेश्वर ब्लॉक के पांच गांवों की सैकड़ों एकड़ तैयार फसल पूरी तरह जलमग्न हो गयी. एनवीडीए के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा नहर से सटे खेत मालिकों को उठाना पड़ा.
जल उपभोक्ता समिति के अध्यक्ष मनोहर मुकाती व कृषक हरे सिंह पंवार ने बताया कि किसानों को ऐसी अनहोनी की आशंका थी और उन्होंने अधिकारियों को सूचित भी किया था, लेकिन लापरवाह अधिकारियों ने किसानों के गुहार लगाने के बावजूद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते किसानों की मेहनत पानी में बह गयी.
प्रभावित क्षेत्र के किसानों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एनवीडीए के अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये और ठोस कार्रवाई नहीं करने को लेकर आक्रोश जताते हुए ज्ञापन दिया और मुआवजे की मांग भी की.
Conclusion: