आगर मालवा। कलेक्टर अवधेश शर्मा ने गुरुवार को आगर एवं बड़ौत तहसील के ग्राम कुण्डला, सेमली, मदकोटा सहित अन्य ग्रामों का भ्रमण कर किसानों की फसल का मुआयना किया. इस दौरान पाया कि, तना- मक्खी के कारण सोयाबीन की फसल में पीलापन आने तथा प्रभावित पौधे के तने को चीरकर देखने पर भूरे रंग का चूर्ण तने में मिल रहा है, इस रोग की वजह से तना खोखला हो जाता है, धीरे-धीरे पत्तियां पोषक तत्वों की कमी से पीली होने लगती हैं.
![Collector inspected bad soybean crops](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/07:18:40:1598536120_mp-aga-05-collecterfasal-video-mp10007_27082020190544_2708f_1598535344_684.jpg)
कलेक्टर ने कृषि विभाग एवं कृषि वैज्ञानिक को निर्देशित किया कि, जिले के जिन गांवों में किसानों के खेतों में तना- मक्खी से फसल खराब हो रही है, उनकी फसल बचाने हेतु मक्खी का नियंत्रण करने वाली दवाइयों का छिड़काव करने की सलाह जारी कर कृषकों से उसके उपयोग के प्रति जागरूकता लाएं. ग्रामीण स्तर पर कृषकों की बैठक लेकर उन्हें सोयाबीन की फसल के संबंध में समझाइश दी जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि, कृषि विभाग का मैदानी अमला अपने क्षेत्रों में किसानों के खेतों का भ्रमण कर सोयाबीन फसल में तना-मक्खी का प्रभाव दिखाई देने पर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी सलाह उपयोग में लाने को कहें, साथ ही कृषकों को सोयाबीन में अन्य किसी प्रकार की समस्या होने पर समय-समय पर कृषि विज्ञान केन्द्र से उपयोगी मार्गदर्शन प्राप्त करने को कहें.
कलेक्टर ने जिले के कृषकों से अपील की है कि, वे अपने खेतों में सोयाबीन की फसल को तना-मक्खी से बचाव एवं नियंत्रण हेतु कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी जाने वाली सलाह अमल में लाएं. जिन दवाइयों का जितनी मात्रा में उपयोग करने को कहा जाए, उतनी ही मात्र का छिड़काव कर अपनी फसलों का बचाव करें. साथ ही उन्होंने कहा कि, जिले के कृषक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत अपना बीमा 31 अगस्त तक अनिवार्य करवाएं.