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विश्व मधुमक्खी दिवस, जानिए इस दिन की क्या है खासियत - मेसन मधुमक्खी और लिफ कटर

20 मई को पूरे विश्व में World Bee Day मनाया जाता है. विश्व मधुमक्खी दिवस 2021 चौथी बार मनाया जा रहा है. इसका थीम 'Bee Engaged: Build Back Better for Bees' रखा गया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

विश्व मधुमक्खी दिवस
विश्व मधुमक्खी दिवस
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Published : May 20, 2021, 3:00 PM IST

Updated : May 20, 2021, 6:23 PM IST

हैदराबाद : 20 मई को पूरे विश्व में World Bee Day मनाया जाता है. इस साल, विश्व मधुमक्खी दिवस 2021 चौथी बार मनाया जा रहा है, इसका थीम 'Bee Engaged: Build Back Better for Bees' रखा गया है.

Covid-19 महामारी के कारण इस विषयवस्तु के साथ वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. यह थीम खासतौर पर गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए मधुमक्खी पालनकर्ताओं द्वारा अपनाई गई पालन प्रणाली और अच्छी प्रथाओं पर केंद्रित है.

इस थीम के माध्यम से, मधुमक्खियों के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर जोर देने का उद्देश्य रखा गया है. साथ ही कोविड महामारी से मधुमक्खियों की सुरक्षा के प्रति खतरों को भी कम करने के उपाय निकाले जाएंगे.

दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य

मधुमक्खी दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मधुमक्खियों और अन्य परागणकों के महत्व, योगदान और उनके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

विश्व मधुमक्खी दिवस का महत्व

मानव गतिविधियों के कारण मधुमक्खियों को होने वाले खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया जाता है. यह दिन लोगों को उस महत्वपूर्ण भूमिका से भी अवगत कराने का लक्ष्य रखता है, जो ये छोटे-छोटे भिनभिनाते जीव पारिस्थितिकी तंत्र में निभाते हैं.

मधुमक्खियां सबसे बड़ी परागणक होती हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि अगर पृथ्वी से मधुमक्खियों का सफाया हो गया, तो पूरे ग्रह का पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ जाएगा.

मधुमक्खी का कृषि में योगदान

दुनिया के खाद्य उत्पादन का लगभग 33 फीसदी हिस्सा मधुमक्खियों पर निर्भर करता है. इस प्रकार वे जैव विविधता के संरक्षण, प्रकृति में पारिस्थितिक संतुलन और प्रदूषण को कम करने में भी सहायक हैं.

विश्व मधुमक्खी दिवस का इतिहास

आज के ही दिन आधुनिक मधुमक्खी पालन की तकनीक के जनक एंटोन जान्सा का जन्म 1734 में स्लोवेनिया में हुआ था. संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने दिसंबर 2017 में स्लोवेनिया के 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में मनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इस प्रस्ताव ने विशिष्ट संरक्षण उपायों को अपनाने और मधुमक्खियों के संरक्षण और मानवता के लिए उनके महत्व पर प्रकाश डाला. पहला विश्व मधुमक्खी दिवस 20 मई 2018 को मनाया गया था.

पृथ्वी पर मधुमक्खियों के प्रकार

  • मधुमक्खियां : उन्हें 'Communal Bees' के रूप में भी जाना जाता है. उनके छत्तों में 50,000 से 60,000 मधुमक्खियां रहती हैं.
  • भौंरा : ये मधुमक्खियां छोटे छत्तों में रहती हैं, महज 50-400 भौरे इसमें रहते हैं.
  • मेसन मधुमक्खी और लिफ कटर : उन्हें 'Alone Bee' भी कहा जाता है, क्योंकि एक मादा मधुमक्खी घोंसले में अकेली रहती है.
  • Carpenter Bees: ये मधुमक्खियां आमतौर पर मिट्टी में रहती हैं.
  • Digger Bees : इन्हें एंड्रीना भी कहा जाता है. उनके विशाल परिवार हैं, जिनमें हजारों मधुमक्खियां हैं. हालांकि, मादा मधुमक्खी आमतौर पर एक-दूसरे के करीब घोंसलों के साथ अकेली रहती है.

हैदराबाद : 20 मई को पूरे विश्व में World Bee Day मनाया जाता है. इस साल, विश्व मधुमक्खी दिवस 2021 चौथी बार मनाया जा रहा है, इसका थीम 'Bee Engaged: Build Back Better for Bees' रखा गया है.

Covid-19 महामारी के कारण इस विषयवस्तु के साथ वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. यह थीम खासतौर पर गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए मधुमक्खी पालनकर्ताओं द्वारा अपनाई गई पालन प्रणाली और अच्छी प्रथाओं पर केंद्रित है.

इस थीम के माध्यम से, मधुमक्खियों के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर जोर देने का उद्देश्य रखा गया है. साथ ही कोविड महामारी से मधुमक्खियों की सुरक्षा के प्रति खतरों को भी कम करने के उपाय निकाले जाएंगे.

दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य

मधुमक्खी दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मधुमक्खियों और अन्य परागणकों के महत्व, योगदान और उनके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

विश्व मधुमक्खी दिवस का महत्व

मानव गतिविधियों के कारण मधुमक्खियों को होने वाले खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया जाता है. यह दिन लोगों को उस महत्वपूर्ण भूमिका से भी अवगत कराने का लक्ष्य रखता है, जो ये छोटे-छोटे भिनभिनाते जीव पारिस्थितिकी तंत्र में निभाते हैं.

मधुमक्खियां सबसे बड़ी परागणक होती हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि अगर पृथ्वी से मधुमक्खियों का सफाया हो गया, तो पूरे ग्रह का पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ जाएगा.

मधुमक्खी का कृषि में योगदान

दुनिया के खाद्य उत्पादन का लगभग 33 फीसदी हिस्सा मधुमक्खियों पर निर्भर करता है. इस प्रकार वे जैव विविधता के संरक्षण, प्रकृति में पारिस्थितिक संतुलन और प्रदूषण को कम करने में भी सहायक हैं.

विश्व मधुमक्खी दिवस का इतिहास

आज के ही दिन आधुनिक मधुमक्खी पालन की तकनीक के जनक एंटोन जान्सा का जन्म 1734 में स्लोवेनिया में हुआ था. संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने दिसंबर 2017 में स्लोवेनिया के 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में मनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इस प्रस्ताव ने विशिष्ट संरक्षण उपायों को अपनाने और मधुमक्खियों के संरक्षण और मानवता के लिए उनके महत्व पर प्रकाश डाला. पहला विश्व मधुमक्खी दिवस 20 मई 2018 को मनाया गया था.

पृथ्वी पर मधुमक्खियों के प्रकार

  • मधुमक्खियां : उन्हें 'Communal Bees' के रूप में भी जाना जाता है. उनके छत्तों में 50,000 से 60,000 मधुमक्खियां रहती हैं.
  • भौंरा : ये मधुमक्खियां छोटे छत्तों में रहती हैं, महज 50-400 भौरे इसमें रहते हैं.
  • मेसन मधुमक्खी और लिफ कटर : उन्हें 'Alone Bee' भी कहा जाता है, क्योंकि एक मादा मधुमक्खी घोंसले में अकेली रहती है.
  • Carpenter Bees: ये मधुमक्खियां आमतौर पर मिट्टी में रहती हैं.
  • Digger Bees : इन्हें एंड्रीना भी कहा जाता है. उनके विशाल परिवार हैं, जिनमें हजारों मधुमक्खियां हैं. हालांकि, मादा मधुमक्खी आमतौर पर एक-दूसरे के करीब घोंसलों के साथ अकेली रहती है.
Last Updated : May 20, 2021, 6:23 PM IST
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