नई दिल्ली: उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में शीत लहर (Cold wave in North West and Central India ) और शीत दिवस की स्थिति शनिवार के बाद धीरे-धीरे कम होने की संभावना है, जबकि 2 से 4 फरवरी तक उत्तर पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में बारिश होगी (weather situation across the country). भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा, 'अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना नहीं है और उसके बाद धीरे-धीरे 4-6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी.'
2 फरवरी तक उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 3-5 डिग्री सेल्सियस बढ़ने और उसके बाद गिरने की संभावना है. अगले चार दिनों के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में सतही हवाएं (15-25 किमी प्रति घंटे की गति) की संभावना है. अगले 3 दिनों के दौरान पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना नहीं है और उसके बाद 2-4 डिग्री सेल्सियस गिर जाएगा. इसी तरह, अगले दो दिनों के दौरान गुजरात में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव और उसके बाद 2-4 डिग्री सेल्सियस बढ़ने की संभावना नहीं है.
अगले 24 घंटों के दौरान पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अलग-अलग इलाकों में शीत लहर की स्थिति होने की संभावना है और इसके बाद इसमें कमी आएगी. अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में अलग-अलग इलाकों में ठंड के दिन रहने की संभावना है और उसके बाद इसमें कमी आएगी. अगले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग इलाकों में गंभीर शीत दिवस की स्थिति और उसके बाद धीरे-धीरे कम होने की संभावना है. अगले दो दिनों के दौरान मध्य प्रदेश और ओडिशा में और अगले 24 घंटों के दौरान विदर्भ और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग इलाकों में शीत लहर की स्थिति होने की संभावना है और उसके बाद धीरे-धीरे कम हो जाएगी.
आईएमडी ने इस घटना को ठंड और बारिश के लिए पश्चिमी विक्षोभ की उपस्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया. आईएमडी ने कहा, 'मध्य क्षोभमंडल में एक ट्रफ रेखा चलती है और मध्य क्षोभमंडल में एक ट्रफ के रूप में एक ताजा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ है, जो पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और 1 फरवरी तक जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को अलग-अलग वर्षा/बर्फबारी के साथ प्रभावित करेगा. एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और इसके प्रेरित चक्रवाती सकरुलेशन के 2 फरवरी से उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने की बहुत संभावना है.' 31 जनवरी और 1 फरवरी को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में छिटपुट, हल्की / मध्यम वर्षा होने की संभावना है.
अगले 24 घंटों के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. अगले चार दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल और माहे में और अगले 48 घंटों के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में अलग-अलग जगह हल्की वर्षा होने की संभावना है. एक ताजा सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और इसके प्रेरित चक्रवाती सर्कुलेशन के प्रभाव के तहत, 2 से 4 फरवरी के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में व्यापक रूप से व्यापक प्रकाश/मध्यम वर्षा/बर्फबारी होने की संभावना है. 3 फरवरी को जम्मू, कश्मीर, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश/बर्फबारी की संभावना है.
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2 से 4 फरवरी के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में छिटपुट से व्यापक रूप से हल्की / मध्यम वर्षा होने की संभावना है. निचले क्षोभमंडल स्तरों पर पश्चिमी हवाओं और पुरवाई के बीच संगम के कारण, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 3 और 4 फरवरी को और 4 और 5 फरवरी को असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग जगह ओलावृष्टि के साथ मध्यम वर्षा होने की संभावना है.
(आईएएनएस)