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MP में पर्चा कथा...पेपर ऑनलाइन...मंत्री की दलील कहां लीक हुआ पर्चा, पेपर लीक मामला सदन में गूंजा

मध्यप्रदेश बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक का मामला गर्माया हुआ है. इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सदन में दो दिन के अंदर अलग अलग बयान दिए. जिसको लेकर विपक्ष ने सवाल खड़ा कर दिये हैं.

paper leak cases mp board exams
पेपर लीक मामला मध्यप्रदेश सदन में गूंजा
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Published : Mar 21, 2023, 7:23 PM IST

भोपाल: एमपी में बोर्ड परीक्षाओ के लीक हुए पर्चों ने सरकार की भी परीक्षा ले ली. संभवत ये पहला मौका होगा कि दसवीं बारहवीं की परीक्षा का पेपर लीक मामला सदन में गूंजा हो. ये भी मिसाल है कि प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इस मामले में दो दिन के भीतर दो अलग अलग बयान दिए. बाद में इस मामले में अपने ही बयान से पलटते हुए कहा दिया कि 10 वीं और 12 वीं का कोई पेपर लीक नहीं हुआ. लिहाजा दोबारा परीक्षाएं करवाए जाने का सवाल खड़ा नहीं होता. जबकि बीते करीब एक पखवाड़े में दसवी और बारहवी के 14 पेपर लीक होने की खबर है. इस मामले में 25 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं.

ऑनलाइन भी बिका पर्चा: पेपर लीक मामले में नौबत यहा तक आ गई कि ऑनलाइन पेपर भी बेचा गया. बीकॉम के एक छात्र को सोशल मीडिया पर पेपर बेचने के आरोप में ही गिरफ्तार किया गया है. दमोह में भौतिकी का पेपर लीक होने के मामले में चपरासी की गिरफ्तारी की गई. भोपाल के चार शिक्षक भी पेपर लीक मामले में आरोपी के तौर पर धरे गए. इसके अलावा परीक्षा में लापरवाही की वजह से एमपी बोर्ड ने 46 केन्द्र अध्यक्षों समेत 19 टीचर्स को सस्पेंड कर दिया गया.

पेपर लीक मामले पर सदन में गहमागहमी: एमपी विधानसभा के बजट सत्र में पेपर लीक मामले को लेकर सदन से विपक्ष का बहिर्गमन भी हुआ. नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इसको लेकर सरकार पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप लगाया. लगातार दसवीं और 12 वीं कक्षा के पेपर लीक हो रहे हैं.

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पेपर लीक मामला साजिश है: स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने आरोप लगाया कि पेपर लीक का भ्रम फैलाकर प्रदेश को बदनाम किया जा रहा है. जब सुबह साढ़े 8 बजे परीक्षा में बच्चे हॉल में बैठ गए. उसके बाद ही यह प्रश्न पत्र बाहर आए, इसके अलावा जो भी पर्चे पत्र वायरल हुए थे, वह फर्जी पाए गए हैं. एक भी प्रश्न पत्र परीक्षा के पहले बाहर नहीं गया. यह एक गिरोह है जो योजनाबद्ध तरीके से सरकार के सिस्टम को बदनाम करना और बच्चों का भविष्य खराब करना चाहते हैं. हमने ऐसे लोगों पर कार्रवाई की है. इस मामले में 19 शिक्षकों पर भी कार्रवाई की है."

हमने शिक्षकों पर कार्रवाई की: स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि "हमने सभी एक्सपर्ट से जांच करा ली है, कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. किसी तरह का पेपर लीक नहीं हुआ, इसलिए परीक्षा लगातार जारी रहेगी. दोबारा परीक्षा नहीं कराई जाएगी. शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है, क्योंकि साढ़े 8 बजे के बाद भी पेपर बाहर नहीं जाना था, उन्होंने गोपनीयता भंग की है."

भोपाल: एमपी में बोर्ड परीक्षाओ के लीक हुए पर्चों ने सरकार की भी परीक्षा ले ली. संभवत ये पहला मौका होगा कि दसवीं बारहवीं की परीक्षा का पेपर लीक मामला सदन में गूंजा हो. ये भी मिसाल है कि प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इस मामले में दो दिन के भीतर दो अलग अलग बयान दिए. बाद में इस मामले में अपने ही बयान से पलटते हुए कहा दिया कि 10 वीं और 12 वीं का कोई पेपर लीक नहीं हुआ. लिहाजा दोबारा परीक्षाएं करवाए जाने का सवाल खड़ा नहीं होता. जबकि बीते करीब एक पखवाड़े में दसवी और बारहवी के 14 पेपर लीक होने की खबर है. इस मामले में 25 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं.

ऑनलाइन भी बिका पर्चा: पेपर लीक मामले में नौबत यहा तक आ गई कि ऑनलाइन पेपर भी बेचा गया. बीकॉम के एक छात्र को सोशल मीडिया पर पेपर बेचने के आरोप में ही गिरफ्तार किया गया है. दमोह में भौतिकी का पेपर लीक होने के मामले में चपरासी की गिरफ्तारी की गई. भोपाल के चार शिक्षक भी पेपर लीक मामले में आरोपी के तौर पर धरे गए. इसके अलावा परीक्षा में लापरवाही की वजह से एमपी बोर्ड ने 46 केन्द्र अध्यक्षों समेत 19 टीचर्स को सस्पेंड कर दिया गया.

पेपर लीक मामले पर सदन में गहमागहमी: एमपी विधानसभा के बजट सत्र में पेपर लीक मामले को लेकर सदन से विपक्ष का बहिर्गमन भी हुआ. नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इसको लेकर सरकार पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप लगाया. लगातार दसवीं और 12 वीं कक्षा के पेपर लीक हो रहे हैं.

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पेपर लीक मामला साजिश है: स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने आरोप लगाया कि पेपर लीक का भ्रम फैलाकर प्रदेश को बदनाम किया जा रहा है. जब सुबह साढ़े 8 बजे परीक्षा में बच्चे हॉल में बैठ गए. उसके बाद ही यह प्रश्न पत्र बाहर आए, इसके अलावा जो भी पर्चे पत्र वायरल हुए थे, वह फर्जी पाए गए हैं. एक भी प्रश्न पत्र परीक्षा के पहले बाहर नहीं गया. यह एक गिरोह है जो योजनाबद्ध तरीके से सरकार के सिस्टम को बदनाम करना और बच्चों का भविष्य खराब करना चाहते हैं. हमने ऐसे लोगों पर कार्रवाई की है. इस मामले में 19 शिक्षकों पर भी कार्रवाई की है."

हमने शिक्षकों पर कार्रवाई की: स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि "हमने सभी एक्सपर्ट से जांच करा ली है, कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. किसी तरह का पेपर लीक नहीं हुआ, इसलिए परीक्षा लगातार जारी रहेगी. दोबारा परीक्षा नहीं कराई जाएगी. शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है, क्योंकि साढ़े 8 बजे के बाद भी पेपर बाहर नहीं जाना था, उन्होंने गोपनीयता भंग की है."

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