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UP Assembly Election: हमारी कोशिश गरीब बच्चे मातृभाषा में करें मेडिकल-इंजीनियरिंग की पढ़ाई: PM

यूपी के देवरिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि हमने राज्य में 18 नए मेडिकल कॉलेज (18 new medical colleges) बनाए हैं, और 20 में निर्माण का काम चल रहा है. हमने गोरखपुर में एम्स भी स्थापित किया है. हम यह भी कोशिश कर रहे हैं कि गरीब बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई उन्हीं की भाषा में मिले.

PM Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Published : Feb 27, 2022, 4:13 PM IST

देवरिया: यूपी विधानसभा चुनाव में पांचवें चरण का मतदान जारी है. पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देवरिया में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी कोशिश है कि गरीब बच्चों को मातृभाषा में ही मेडिकल-इंजिनियरिंग की पढ़ाई (Medical engineering studies in mother tongue) का अवसर मिले. उन्होंने यह बात यूक्रेन के परिपेक्ष्य में कही जहां हजारों भारतीय छात्र मेडिकल-इंजिनियरिंग की पढ़ाई के लिए हर साल जाते हैं.

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कुछ समय पहले मैंने देवरिया के महर्षि देवराहा बाबा ऑटोनॉमस स्टेट मेडिकल कॉलेज सहित यूपी के 9 मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी थी. यह मेडिकल कॉलेज पहले बन सकता था लेकिन इन परिवारियों ने आपको कभी प्राथमिकता नहीं दी. पीएम ने कहा कि यह चुनाव राष्ट्रवादियों और परिवारवादियों के बीच है. याद रखें कि कैसे आपको अपने वाहनों को चिकित्सा आपात स्थिति में गोरखपुर ले जाना पड़ा क्योंकि तत्कालीन सरकार ने यहां लोगों की चिकित्सा जरूरतों पर कोई ध्यान नहीं दिया. दिमागी बुखार से कई मासूम बच्चों की मौत हो गई.

यूक्रेन क्यों जाते हैं भारतीय छात्र

भारत में मेडिकल विशेष तौर पर एमबीबीएस की पढ़ाई के क्षेत्र में कंपटीशन काफी अधिक है. सरकारी कॉलेजों में फीस बेहद कम है लेकिन इसके साथ ही सरकारी कॉलेजों में सीटें भी सीमित हैं. अधिकतर छात्रों को प्रवेश नहीं मिल पाता है. जबकि निजी कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस काफी अधिक है. निजी मेडिकल कॉलेजों में मोटी फीस के साथ डोनेशन भी देना पड़ता है जबकि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए किसी प्रकार का डोनेशन नहीं देना पड़ता है. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए सीटों की संख्या भी काफी अधिक है.

देवरिया: यूपी विधानसभा चुनाव में पांचवें चरण का मतदान जारी है. पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देवरिया में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी कोशिश है कि गरीब बच्चों को मातृभाषा में ही मेडिकल-इंजिनियरिंग की पढ़ाई (Medical engineering studies in mother tongue) का अवसर मिले. उन्होंने यह बात यूक्रेन के परिपेक्ष्य में कही जहां हजारों भारतीय छात्र मेडिकल-इंजिनियरिंग की पढ़ाई के लिए हर साल जाते हैं.

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कुछ समय पहले मैंने देवरिया के महर्षि देवराहा बाबा ऑटोनॉमस स्टेट मेडिकल कॉलेज सहित यूपी के 9 मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी थी. यह मेडिकल कॉलेज पहले बन सकता था लेकिन इन परिवारियों ने आपको कभी प्राथमिकता नहीं दी. पीएम ने कहा कि यह चुनाव राष्ट्रवादियों और परिवारवादियों के बीच है. याद रखें कि कैसे आपको अपने वाहनों को चिकित्सा आपात स्थिति में गोरखपुर ले जाना पड़ा क्योंकि तत्कालीन सरकार ने यहां लोगों की चिकित्सा जरूरतों पर कोई ध्यान नहीं दिया. दिमागी बुखार से कई मासूम बच्चों की मौत हो गई.

यूक्रेन क्यों जाते हैं भारतीय छात्र

भारत में मेडिकल विशेष तौर पर एमबीबीएस की पढ़ाई के क्षेत्र में कंपटीशन काफी अधिक है. सरकारी कॉलेजों में फीस बेहद कम है लेकिन इसके साथ ही सरकारी कॉलेजों में सीटें भी सीमित हैं. अधिकतर छात्रों को प्रवेश नहीं मिल पाता है. जबकि निजी कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस काफी अधिक है. निजी मेडिकल कॉलेजों में मोटी फीस के साथ डोनेशन भी देना पड़ता है जबकि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए किसी प्रकार का डोनेशन नहीं देना पड़ता है. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए सीटों की संख्या भी काफी अधिक है.

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